नगर पालिका परिषद मझौली मै जमे-जमाये कुछ कर्मचारी खुद को अपनै आप में कमिश्नर से भी बडा अधिकारी समझते हैं
खबर खास मझौली
यदि कोई जानकारी आरटीआई के तहत मांगी जाती है तो जानकारी देने की बजाय वो महीन-महिने की छुट्टी लगा देते हैं
वह कभी भी नगर-वासियो की जरूरतों,समस्याओ, परेशानियों को नही समझते आमजनता की सुविधाओं, व्यवस्थाओं के कार्य कभी समय से पूरा नही करते।।।
आम नागरिकों के द्वारा उनको बताने, आवेदन पत्र देने विनय करने पर भी वह आम नागरिकों की बात समझने की कोशिश ही नही करते जनता का काम लटकाये रखकर परेशान करते हुए उनका कीमती समय,पैसा भी बर्बाद करते है,मानसिक प्रताड़ित तनाव अलग से देते है।। सीधे मुह बातचीत करने को तैयार नही होते,समस्याओ से अवगत कराने पर उलटकर जनमानस पर ही हाबी हो जाते है यही है हमारी नगर पालिका परिषद मझौली के कुछ कमिश्नर कर्मचारियों की सच्चाई।।
बह कुछ विशेष कर्मचारी जो लोकल नगर मझौली से होने की वजह सै आम नागरिकों का उनके साथ किसी ना किसी रूप मै,परिवार के सदस्यों के साथ आपसी,जुड़ाव,व पारिवारिक संबंध जुड़े होने से उनके इस ब्यव्हार पर कोई अग्रिम,कार्रवाई,व उनकी शिकायत दर्ज नही करा पाता है ।।जिसका पूरा फायदा वह उठाकर चलते है। यह कर्मचारी कभी भी गंभीरता सै बात ही नही सुनते और अपने मनमाफिक कार्य व बातें करना अपनी मनमानी करना, धमकाना,अनुचित बाते करना उनको बार बार चक्कर लगवाना उनकी आदत मै शामिल हो चुका है।
अब सबाल यह उठता है नगर परिषद मझौली कार्यालय में कार्यरत कर्मचारियों को आखिर पगार किस कार्य की दी जाती है।जब वो अपने कर्तव्यों के प्रति सजगतापूर्वक कार्य ही करने तैयार नहीं है। क्या ऐसे कर्मचारियों पर शासन प्रशासन कोई कार्रवाई करगा या फिर सब कुछ ऐसे ही चलता रहेगा। ,,,,,,,,,,,, ???