जनसुनवाई मे पहुंचे 85 आवेदक
कलेक्टर श्री यादव ने आवेदनों पर सुनवाई कर दिये निराकरण के निर्देश
मायूष व निराश लोगों को मिला समस्याओं के निराकरण का भरोसा
कटनी –
संवेदनशील और जनोन्मुखी प्रशासन मुहैया कराने के लिए संकल्पित कलेक्टर श्री दिलीप कुमार यादव ने बहोरीबंद क जनपद पंचायत कार्यालय के सभाकक्ष मे जनसुनवाई कीं। जिले के इतिहास मे यह पहली बार है कि जब कोई कलेक्टर जिला मुख्यालय कटनी से बाहर जाकर लोगों की जनसुनवाई की। यहां जनसुनवाई के दौरान राजस्व, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, बिजली व निर्माण कार्याे से संबंधित 85 आवेदकों नें समस्यायें और शिकायतें प्रस्तुत की। जिस पर कलेक्टर ने प्रत्येक मामले पर व्यक्तिगत तौर पर आवेदक से बात की, उनकी समस्याएं सुनीं और अधिकारियों को निराकरण के निर्देश दिए। इस दौरान जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी शिशिर गेमावत, एसडीएम राकेश चौरसिया सहित सीईओ जनपद पंचायत अभिषेक कुमार सहित अन्य जिला अधिकारी उपस्थित रहे।
जनसुनवाई में आए इमलिया निवासी छोटे लाल राय ने कहा कभी सोचा नहीं था कि जनसुनवाई में हम गरीबों की समस्यायें और शिकायत सुनने कोई कलेक्टर बहोरीबंद आयेंगे। लेकिन कलेक्टर साहब ने न केवल बड़े अच्छे से मेरी समस्याएं सुनीं बल्कि उसका निराकरण भी किया। मैं बहुत खुश हूं। लोगों के दुःख -दर्द के प्रति संवेदनशील कलेक्टर श्री दिलीप कुमार यादव ने जनसुनवाई में पहुंचे हर व्यक्ति से भेंट की और उनकी शिकायतें और समस्याएं सुनीं और निराकरण किया।
कलेक्टर श्री यादव ने अनुविभाग स्तर पर आमजन के बीच पहुंच कर जनसुनवाई कर ,वह कर दिया जो इसके पहले जिले मे कभी नहीं हुआ था। बहोरीबंद निवासी अनंत दुबे कहते हैं कि जिले के इतिहास में श्री दिलीप कुमार यादव जी पहले ऐसे कलेक्टर हैं, जिन्होंने जनसुनवाई में लोगों के बीच पहुंच कर समस्याओं को जानने की पहल की है।
दर्ज करावें एफ.आई.आर
बहोरीबंद में आयोजित जनसुनवाई के दौरान पहुंचे ग्राम इमलिया निवासी छोटेलाल राय ने कलेक्टर दिलीप कुमार यादव के समक्ष आवेदन प्रस्तुत कर अवगत कराया कि उसके द्वारा ग्राम पंचायत कूड़ा मर्दानगढ़ मे 2 वर्ष पूर्व किचनशेड निर्माण हेतु सामग्री प्रदान की जाकर बिल ग्राम पंचायत को प्रदान किया गया था। उक्त बिल का भुगतान नहीं होनें की जानकारी लिये जाने पर पूर्व सचिव द्वारा एमबी नहीं दिये जाने तथा एमबी के एवज में राशि की मांग किये जाने की जानकारी दी गई। जिसपर सुनवाई करते हुए कलेक्टर श्री यादव ने जिला पंचायत के सीईओ को प्रकरण पर एफ.आई.आर दर्ज कराकर निराकरण करानें के निर्देश दिए।
स्वत्वो का करें भुगतान
सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक माध्यमिक शाला बहोरीबंद श्री सुखचौन प्रसाद द्वारा एक इंक्रीमेंट कम दिये जाने तथा सेवा पुस्तिका में दर्ज एरियस एवं अर्जित अवकाश का भुगतान नहीं किये जाने संबंधी प्रस्तुत आवेदन पर सुनवाई उपरांत कलेक्टर श्री यादव द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी को प्रकरण का समय-सीमा में निराकरण कराने हेतु निर्देशित किया गया।
उप स्वास्थ्य केन्द्र निर्माण हेतु करें कार्यवाही
नवीन जायसवाल, श्यामू काछी एवं अन्य ग्रामवासी ग्राम छपरा निवासी द्वारा ग्राम छपरा स्थित खसरा क्रमांक 685 में उपस्वास्थ्य केन्द्र का निर्माण कराये कराने हेतु प्रस्तुत आवेदन पर कलेक्टर श्री यादव द्वारा सुनवाई उपरांत अनुविभागीय अधिकारी बहोरीबंद एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को आवश्यक कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया।
गौशाला निर्माण की करें कार्यवाही
जनसुनवाई के दौरान ग्राम पंचायत बहोरीबंद निवासी रामनेश यादव, जयप्रकाश यादव बच्चू गुप्ता एवं अन्य द्वारा कलेक्टर श्री प्रसाद को ग्राम में आवारा मवेशियों के नियंत्रण हेतु निर्मित अस्थाई बाडे को अपर्याप्त बताते हुए आवारा मवेशियों को व्यवस्थित करने के उद्देश्य से ग्राम पंचायत बहोरीबंद मे गौशाला निर्माण कराये जाने हेतु प्रस्तुत आवेदन पर सुनवाई उपरांत कलेक्टर श्री यादव ने उपसंचालक पशुपालन एवं डेयरी विभाग को आवश्यक कार्यवाही करनें के निर्देश दिए।
विज्ञान संकाय में प्रवेश मिलने से खुश हुई पलक
सीएम राइज स्कूल बहोरीबंद की कक्षा 11वीं की छात्रा पलक बर्मन को 10वीं मे कम अंक प्राप्त होनें के कारण कला संकाय मे दाखिला मिलने की जानकारी देते हुए पलक ने कलेक्टर श्री यादव से जनसुनवाई में बताया कि उसकी रूचि विज्ञान गणित संकाय में है लेकिन प्राचार्य द्वारा उसे कामर्स संकाय मे ही दाखिला दिया गया है। इस पर कलेक्टर ने सीएम राईज स्कूल के प्राचार्य को तलब कर पलक बर्मन को 11वीं मे उसकी रूचि अनुसार ही विषय प्रदान किये जाने के निर्देश दिए। कलेक्टर द्वारा यह निर्देश दिए जाने के बाद पलक खुशी से झूम उठी और उसका चहरा खिल गया।
बहोरीबंद में आयोजित जनसुनवाई के दौरान कलेक्टर श्री यादव द्वारा जमीन का नामांतरण किये जाने, स्वामित्व व भू -अधिकार योजना के तहत कृषि भूमि प्रदाय करने, बकाया राशि एवं मजदूरी का भुगतान कराने सहित अन्य आवेदनों पर सुनवाई की जाकर संबंधित विभागीय अधिकारियों को समय-सीमा में प्रकरणों का निराकरण करने हेतु निर्देशित किया गया।