रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में आज 34वें दीक्षांत समारोह का गरिमामय आयोजन किया गया। दीक्षांत समारोह में राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री मंगुभाई पटेल जुड़े थे
जबलपुर
कार्यक्रम में उच्च शिक्षा मंत्री, म.प्र. शासन डॉ. मोहन यादव एवं माननीय कुलपति प्रो. कपिल देव मिश्र, कुलसचिव प्रो. बृजेश सिंह, सभी संकायाध्यक्ष एवं कार्यपरिषद सदस्यगणों की उपस्थिति में कुलपति कार्यालय से वैदिक मंत्रोच्चार के बीच दीक्षांत यात्रा आरंभ होकर पं. कुंजीलाल दुबे प्रेक्षागृह पहुंची। दीक्षांत यात्रा की समाप्ति के पश्चात् बैंड की धुनों पर सुमधुर राष्ट्रगान से समारोह का शुभारंभ हुआ।
विवि दीक्षांत समारोह में वर्चुअल माध्यम से जुड़े राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री मंगुभाई पटेल ने अपने ऑनलाईन संदेश में विवि के 34वें दीक्षांत समारोह में सभी उपाधिधारकों एवं स्वर्णपदक विजेताओं को आर्शीवचन प्रदान करते हुए युवाओं से आव्हान किया कि ज्ञान को हमेशा आचरण में रखना है। दीक्षांत में श्रेष्ठ विद्यार्थियों को उपाधि एवं पदक प्रदान कर अपनी बौद्धिक परंपरा और उत्कृष्टता की संस्कृति को विश्वविद्यालय समाज में प्रवाहित करता है। आज आवश्यकता जनजातीय समाज में जागरूकता लाने की है। समाज के उत्थान में सभी के प्रयास होना जरूरी है। यह हर्ष का विषय है कि मप्र में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति से विद्यार्थियों के कौशल विकास व शिक्षा की गुणवत्ता में परिवर्तन आया है और विद्यार्थी स्वावलम्बन की दिशा में अग्रसर हो रहे हैं। कुलाधिपति ने सभी उपाधिधारकों एवं स्वर्णपदक विजेताओं को दीक्षांत की शुभकामनाएं प्रदान कीं।
समारोह में डॉ. यादव, म.प्र. शासन ने दीक्षांत भाषण प्रस्तुत करते हुए कहा कि शिक्षण संस्थान एवं विश्वविद्यालय समाज की बौद्धिक संपदा के संवाहक होते हैं। यहीं से समाज की श्रेष्ठता एवं ऊर्जा निर्मित होती है। विद्यार्थी अपनी क्षमता का समाजहित में प्रयोग करें। देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना संक्रमण के कठिन समय में जिस प्रकार देश के लोगों के बीच रिकार्ड समय में सफलतापूर्वक कोरोना वैक्सीनेशन करने का कार्य किया, उसे देश कभी नहीं भूलेगा। उन्होंने कहा कि म.प्र. शासन और समाज मिलकर उच्च शिक्षा को उन्नति के शिखर पर पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं।
कुलसचिव प्रो. बृजेश सिंह ने कुलाधिपति की अनुमति से समारोह की शुरूआत की। सर्वप्रथम कुलपति प्रो. कपिल देव मिश्र द्वारा स्वागत भाषण प्रस्तुत करते हुए विवि की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, रोजगार एवं नवाचारों की जानकारी दी गयी। इसके पश्चात एक के बाद एक सभी संकाय के संकायाध्यक्षों को दीक्षांत के मंच पर अपने-अपने संकाय के उपाधिधारकों के नाम विषयवार प्रस्तुत करने के लिए आमंत्रित किया गया। विवि दीक्षांत के मंच से 1 डी.लिट्, 204 पीएच.डी. धारकों को उपाधियां एवं 51 छात्र-छात्राओं को कुल 82 स्वर्णपदक प्रदत्त किये गये।
34वें दीक्षांत समारोह का कार्यक्रम निर्धारित समय में मिनट टू मिनट चला। दीक्षांत समारोह में कार्यपरिषद सभी सदस्य व प्राध्यापक मौजूद रहे।
दीक्षांत समारोह का वर्चुअल प्रसारण
34 वें दीक्षांत समारोह के आयोजन हेतु कोरोना संक्रमण को दृष्टिगत रखते हुये समस्त दिशा निर्देशों का अक्षरशः पालन सुनिश्चित करने हेतु पं. कुंजीलाल दुबे प्रेक्षागृह (भूतल) में केवल दीक्षांत शोभा यात्रा प्रतिभागी पीएच.डी. उपाधि धारकों, वी.वी.आई.पी., प्रेस प्रतिनिधिगण एवं वालेन्टीयर को प्रवेश दिया गया था। वहीं पं. कुंजीलाल दुबे प्रेक्षागृह (प्रथम तल बालकनी) में बैण्ड दल एवं स्वर्ण पदक धारी प्रतिभागी उपस्थित रहे। वहीं भौतिक शास्त्र विभाग, एकात्म भवन स्थित डी.आई.सी. कान्फ्रेन्स हॉल में वि.वि. के शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी, विद्यार्थी अन्य आगन्तुकों द्वारा डिजिटल माध्यम से वर्चुअल लाइव प्रसारण देखा।
दीक्षांत समारोह आयोजन समिति संयोजक प्रो. अलका नायक ने समितियों के संयोजकों एवं सदस्यों, मीडिया प्रतिनिधियों एवं दीक्षान्त समारोह में संलग्न शिक्षकों, अधिकारियों, अतिथि विद्वानों एवं कर्मचारियों को सफल आयोजन में सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया है।