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Saturday, June 21, 2025

कलेक्टर ने जिला समन्वयक एसबीएम जिला पंचायत भिण्ड को बगैर किसी वैध संविदा अनुबंध के किये जा रहे कार्य से किया पृथक

लगाये गये आरोपों की गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुये किया आदेश

भिंड

कलेक्टर भिण्ड श्री संजीव श्रीवास्तव ने जिला समन्वयक एसबीएम जिला पंचायत भिण्ड श्री राकेश खरे के ऊपर लगाये गये आरोपों की गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुये उनके द्वारा बगैर किसी वैध संविदा अनुबंध के किये जा रहे कार्य से पृथक कर दिया है।

कलेक्टर श्री श्रीवास्तव ने आदेश जारी कर कहा है कि श्री राकेश खरे तत्कालीन परियोजना अधिकारी (मनरेगा) जिला पंचायत भिण्ड को आयुक्त म.प्र. राज्य रोजगार गारंटी परिषद भोपाल द्वारा दिनांक 08 जनवरी 2024 को कारण बताओ नोटिस जारी कर जिले भिण्ड में राशि रूपये 34.96 करोड़ का सामग्री भुगतान लंबित प्रदर्शित होने पर निर्देश दिये जाने के बाद भी सामग्री भुगतान या देयक यदि भुगतान योग्य नहीं है तो उनके विलोपन हेतु निर्देश दिये गये थे जिनका पालन नहीं किया गया। राज्य स्तर से अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी म.प्र. राज्य रोजगार गारंटी परिषद के द्वारा की गई जांच में पाया गया कि जिला भिण्ड में गैर अनुमत कार्यों को स्वीकृत किया जाकर कार्यों पर भुगतान किया गया है। कार्यस्थल पर सिटीजन इन्फोर्मेशन बोर्ड नहीं पाये गये, साथ ही कराये गये कार्य प्रथम दृष्टया उचित गुणवत्ता के नहीं पाये गये। उक्त से स्पष्ट है कि उनके द्वारा मनरेगा के क्रियान्वयन में पदीय दायित्वों के प्रति घोर लापरवाही बरती गयी है। इसके पश्चात तृतीय श्रेणी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही हेतु अधिकार जिला कलेक्टर को होने के कारण प्रकरण कलेक्टर भिण्ड को प्रेषित किया गया, जिस पर उनको दिनांक 10 जनवरी 2025 को कारण बताओ सूचना पत्र इस आशय का जारी किया गया कि मनरेगा पोर्टल पर दिनांक 09 अक्टूबर 2023 की स्थिति में जिला पंचायत भिण्ड में विगत वर्षों का राशि रूपये 34.96 करोड़ का सामग्री भुगतान लंबित प्रदर्शित हो रहा है। उक्त लंबित भुगतान में से सुदूर सड़क का भुगतान म.प्र. राज्य रोजगार गारंटी परिषद के पत्र दिनांक 30 मार्च 2022 अनुसार कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के माध्यम से कार्य की गुणवत्ता तथा उपयोगिता के परीक्षण उपरांत भुगतान किया जाना है। राज्य स्तर से अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी म.प्र. राज्य रोजगार गारंटी परिषद के द्वारा की गई जांच में पाया गया कि जिला पंचायत भिण्ड में वित्तीय वर्ष 2022-23 तक सामग्री मद पर कुल भुगतान 2232.62 लाख रूपये मनरेगा पोर्टल अनुसार लंबित है। उनके स्तर से उक्त लंबित भुगतान कराये जाने हेतु विशेष प्रयास नहीं किये गये, उनके कार्यकाल में मात्र राशि 806.00 लाख रूपये का भुगतान हुआ है तथा जनपद पंचायत भिण्ड, रौन, अटेर का सामग्री भुगतान किया जा चुका है एवं राशि 394.00 लाख रूपये के बिलों का विलोपित किया गया है। जिले में विगत वर्षों के गैर अनुमत कार्यों पर राशि 1855.15 लाख रूपये मनरेगा नियमावली के विरूद्ध भुगतान किया गया है। जनपदों से प्राप्त सूचियों का अवलोकन करने से प्रथम दृष्टया यह प्रमाणित है कि उनके द्वारा अपर आयुक्त मनरेगा परिषद की जांच से पूर्व ऐसे गैर अनुमत कार्यों को डिलीट करने हेतु कभी भी परिषद स्तर पर कोई भी कार्यवाही नहीं की है जबकि परियोजना अधिकारी (मनरेगा) होने के नाते उनका यह दायित्व है कि उनके द्वारा जिले में योजनान्तर्गत कार्य की प्रकृति का परीक्षण (मॉनीटरिंग) एएमसी (एनुअल मास्टर सर्कुलर) में अनुमत की श्रेणी का परीक्षण आवश्यक रूप से किया जावे जो उनके द्वारा नहीं किया गया। फलतः राशि 1855.15 लाख के गैर अनुमत कार्यों पर अनियमित भुगतान किया गया। जिसका जबाव उनके द्वारा निर्धारित समयावधि व्यतीत होने के पश्चात दिनांक 11 मार्च 2025 को दिया गया व कहा गया कि मनरेगा का भुगतान विगत वर्षों का शेष था, जिसे शासन नियम निर्देशानुसार किये जाने हेतु विभिन्न समीक्षा बैठकों में मुख्य कार्यपानल अधिकारी जिला पंचायत के माध्यम से उनके द्वारा समीक्षा के बिन्दु में शामिल किया जाकर सभी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायतों को निर्देशित किया गया। चूंकि उक्त देयक विगत कई वर्षों से लंबित थे इसमें उनकी कोई भूमिका नहीं थी। उनके द्वारा निरंतर इसके लिये प्रयास किये गये। साथ ही उनके द्वारा निरंतर प्रयास करते हुये 394 लाख रूपये के ऐसे देयक जो भुगतान योग्य नहीं थे उनको विलोपित कराया गया। जनपद भिण्ड, अटेर एवं रौन का 806 लाख का भुगतान उन्हें जब परियोजना अधिकारी का प्रभार मिला उससे पूर्व ही किया जा चुका था। साथ ही जिले में विगत वर्षों में जो 1855.15 लाख रूपये गैर अनुमत कार्यों का भुगतान पूर्व के वर्षों में हुआ है वह भी उनके परियोजना अधिकारी रहते नहीं हुये हैं। उनके कार्यकाल में न तो कोई गैर अनुमत कार्य की स्वीकृति जिला स्तर से की गई है, न ही कोई भुगतान किया गया है। जिला पंचायत कार्यालय में कर्मचारियों की कमी होने के कारण उनके द्वारा एसबीएम, पंचायत प्रकोष्ठ, शिक्षा, स्थापना शाखा के साथ-साथ अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत का प्रभार होने से सभी शाखाओं का कार्य संपादित किया जा रहा है। पूर्व में मनरेगा परिषद से जारी कारण बताओ नोटिस को तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत द्वारा भी उक्त कारण बताओ सूचना पत्र को नस्तीबद्ध किये जाने का अभिमत दिया गया था।

तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत द्वारा मनरेगा परिषद से श्री राकेश खरे को जारी नोटिस नस्तीबद्ध करने का उल्लेख किया गया है परंतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत का पत्र दिनांक 14 मार्च 2024 जिसे श्री मनोज कुमार सरियाम द्वारा हस्ताक्षर किया गया है और श्री खरे के जबाव को समाधानकारक बताया गया है जिसके संबंध में वस्तुस्थिति यह है कि श्री मनोज कुमार सरियाम दिनांक 11 मार्च 2024 को जिले भिण्ड से भारमुक्त किये जा चुके थे। इस प्रकार दिनांक 14 मार्च 2024 का पत्र मानने योग्य नहीं है इसकी पृथक से जांच की आवश्यकता है। श्री खरे जिला पंचायत भिण्ड में जुलाई 2023 से दिनांक 04 जुलाई 2024 तक पदस्थ रहे हैं। श्री खरे द्वारा प्रस्तुत स्पष्टीकरण का परीक्षण किया गया। परीक्षण में पाया गया कि जिले की जनपद पंचायतों में वित्तीय वर्ष 2022-23 तक सामग्री मद का कुल भुगतान राशि 2232.62 लाख रूपये दिनांक 11 जुलाई 2024 तक मनरेगा पोर्टल अनुसार लंबित है। श्री खरे के कार्यकाल में राशि 806.00 लाख रूपये का भुगतान हुआ है तथा जनपद पंचायत भिण्ड, रौन का सामग्री भुगतान किया जा चुका है एवं राशि 394.00 लाख रूपये के बिलों को विलोपित किया गया है।

जिले में विगत वर्षों के गैर अनुमत्य कार्य राशि 1855.15 लाख रूपये मनरेगा नियमावली के विरूद्ध आहरित किये गये हैं। जनपदों से प्राप्त सूचियों का अवलोकन करने से प्रथम दृष्टया यह प्रमाणित है कि श्री खरे द्वारा अपर आयुक्त मनरेगा परिषद की जांच के पूर्व ऐसे गैर अनुमत्य कार्यों को डिलीट करने हेतु कभी भी परिषद स्तर पर कोई कार्यवाही नहीं की है, जबकि परियोजना अधिकारी (मनरेगा) होने के नाते यह उनका पदीय दायित्व है कि परियोजना अधिकारी द्वारा जिले में योजनान्तर्गत कार्य की प्रकृति का परीक्षण एएमसी (एनुअल मास्टर सर्कुलर) में अनुमत्य की श्रेणी का परीक्षण आवश्यक रूप से किया जाये जो इनके द्वारा नहीं किया गया। फलतः राशि 1855.15 लाख रूपये के गैर अनुमत्य कार्यों पर अनियमित भुगतान किया गया। श्री खरे द्वारा प्रस्तुत जबाव में आरोपों का समाधान नहीं होता है। श्री राकेश खरे जिला समन्वयक एसबीएम जिला पंचायत भिण्ड वर्तमान में किसी वैध संविदा अनुबंध के तहत कार्यरत नहीं है। उनके ऊपर लगाये गये आरोपों की गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुये उनके द्वारा बगैर किसी वैध संविदा अनुबंध के किये जा रहे कार्य से पृथक किया जाता है।

यह आदेश तत्काल प्रभावशील होगा।

सुंदरलाल बर्मनhttps://majholidarpan.com/
Sundar Lal barman (41 years) is the editor of MajholiDarpan.com. He has approximately 10 years of experience in the publishing and newspaper business and has been a part of the organization for the same number of years. He is responsible for our long-term vision and monitoring our Company’s performance and devising the overall business plans. Under his Dynamic leadership with a clear future vision, the company has progressed to become one of Hindi e-newspaper , with Jabalpur district.

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