कलेक्टर श्री दीपक सक्सेना ने कहा कि प्रदेश में किसानों द्वारा धान विक्रय करने का औसत अनुपात 67 क्विंटल है, जबकि जबलपुर में यह अनुपात 76 क्विंटल है, जबकि पाटन, शहपुरा के 11 उपार्जन केन्द्रों में 100 से 200 क्विंटल आ रहा है जो संदिग्ध है।
जबलपुर
कलेक्टर ने संभावना व्यक्त करते हुए कहा कि हो सकता है इसके पीछे छोटे किसानों से सस्ती दर पर धान खरीदकर बड़े किसानों द्वारा इन केन्द्रों पर धान बेची गई हो, जो सीधे तौर पर व्यवसाय की श्रेणी में आता है। उन्होंने इस पर सख्ती से कार्यवाही करने के निर्देश देते हुए कहा कि जो किसान छोटे किसानों की धान खरीदकर व्यापार करते हैं, उन पर आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। इसके लिए उन्होंने टीम गठित कर सघन जांच करने के निर्देश दिये। ऐसे खरीदी केन्द्र जहां औसत खरीदी से ज्यादा धान विक्रय के लिए आ रहा है उनमें अनमोल संकुल स्तरीय संगठन पाटन, सेवा सहकारी संस्था सरौंद क्रमांक-2, सेवा सहकारी संस्था सहसन, सेवा सहकारी संस्था मुर्रई, सेवा सहकारी संस्था कटंगी, सेवा सहकारी संस्था कटराबेलखेड़ा, शहपुरा के सेवा सहकारी संस्था सहजपुर, सेवा सहकारी संस्था मनकेड़ी, सेवा सहकारी संस्था शहपुरा, सेवा सहकारी संस्था शहपुरा, क्रमांक-2, सेवा सहकारी संस्था घुन्सौर, सहकारी विपणन संस्था शहपुरा, सेवा सहकारी संस्था बसेड़ी, सेवा सहकारी संस्था पिपरियाकलां, सेवा सहकारी संस्था बेलखेड़ा क्रमांक-2, सेवा सहकारी संस्था बेलखेड़ा तथा सेवा सहकारी संस्था पिपरियाकलां क्रमांक-2 शामिल है।