स्वास्थ्य कार्यक्रमों में जिले के परफार्मेंस को बेहतर बनाने प्रयास करें,मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिये शिविर लागाये
जबलपुर
कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को मलेरिया, डायरिया, डेंगू एवं आई-फ्लू जैसी मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिये जिले भर में शिविरों का आयोजन करने के निर्देश दिये हैं। श्री सुमन आज स्वास्थ्य तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों की संयुक्त बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रमों के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित सभी योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। बैठक में जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संजय मिश्रा तथा जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास एमएल मेहरा भी मौजूद थे।
कलेक्टर श्री सुमन ने बैठक में स्वास्थ्य कार्यक्रमों में जिले के परफार्मेंस को बेहतर करने की अपेक्षा करते हुये स्वास्थ्य अधिकारियों से मॉनीटरिंग व्यवस्था को मजबूत बनाने के निर्देश दिये। उन्होनें कहा कि स्वास्थ्य कार्यक्रमों के बेहतर क्रियान्वयन में यदि कहीं खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्र में डॉक्टर या स्टाफ की कमी आडे आती है तो रोस्टर बनाकर इसकी पूर्ति की जाये। कलेक्टर ने चिकित्सकों से भी अपेक्षा कि वे रोस्टर का पालन करेंगे और तय दिनों पर ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंचकर लोगों को सेवायें देने की अपनी नैतिक जिम्मेदारी का निर्वाहन करेंगे।
श्री सुमन ने बैठक में स्वास्थ्य कार्यक्रमों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये उपलब्ध डेटा के विश्लेषण पर भी जोर दिया। उन्होनें कहा कि विश्लेषण में यदि कही किसी बीमारी का प्रकोप ज्यादा दिखाई दे तो वहां विशेष अभियान चलाकर लोगों को जागरूक किया जाये तथा रोकथाम के प्रयास किये जायें। श्री सुमन ने मलेरिया, डेंगू, डायरिया और हाल ही में दिखाई दे रहे आई-फ्लू की रोकथाम के लिए शिविरों का कार्यक्रम तय करने के निर्देश देते हुये कहा कि इन शिविरों में अन्य बीमारियों से पीडित लोगों का परीक्षण भी किया जाये और यदि बीमारी गंभीर है या सर्जरी की आवश्यकता है तो उसे हायर सेन्टर पर रेफर कर उपचार किया जाये।
कलेक्टर ने जिले में स्थित प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर उपलब्ध चिकित्सा उपकरणों, दवाओं एवं पैथालॉजी जांच की सुविधाओं की जानकारी भी बैठक में ली। उन्होनें स्पष्ट किया कि लोगों तक स्वास्थ्य सेवायें पहुँचाने जहां-जहां अच्छा कार्य हो रहा है, वहां मेडिकल आफिसर एवं स्टाफ को प्रोत्साहित किया जायेगा, वहीं खराब परफार्मेंस या लापरवाही बरतने वालों पर कठोर कार्यवाही की जायेगी।
श्री सुमन ने बैठक में 18 जुलाई से 31 अगस्त तक चलाये जा रहे दस्तक अभियान की समीक्षा भी की। उन्होनें अभियान के तहत गुणवत्तापूर्ण कार्य पर जोर देते हुये कहा कि स्वास्थ्य कार्यक्रमों में रैंकिंग के पीछे जाने की बजाय गुणवत्ता कार्य उनकी प्राथमिकता रहेगी।
कलेक्टर ने एएनसी रजिस्ट्रेशन एवं जांच, संस्थागत प्रसव, प्रसूति सहायता योजनाओं में भुगतान, संजीवनी क्लीनिक के भवन निर्माण, पोषण पुनर्वास केन्द्रों की आक्युपेंसी, स्कूली बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण तथा राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत हृदय रोग से पीडित, कटे-फटे होंठ और क्लब फुट से पीडित बच्चों के उपचार की जानकारी भी ली।