नैनपुर सिविल अस्पताल बेहाल
मंडला
दीपक शर्मा ग्राउंड जीरो से खबर
गार्ड की नियुक्ति प्रक्रिया के तहत न होकर राम लाल श्याम लाल को लगा लिया गया जो भीड़ में माहौल को देख कर कमरे में घुस जाते है।
फिर भीड़ को नियंत्रित करने का काम गार्ड के रूप में पुलिस और पत्रकार करती है। ये जब माहौल खराब होता है और जब पुलिस पूछ तााजकरतीं है तो किसी का नाम भी नही बता पाते।
नगर में युवा पीढ़ी बेरोजगार है और ग्रामीण देहात की भर्ती बिना नियम माप तौल के हो रही है।
कोविड टेस्ट और दवाई के नाम पर खुद डॉक्टरों ने अपनी गाड़ी लगा रखी है और फर्जी बिल निकल रहे हैं ।और किश्तों में नगर का युवा पीढ़ी गाड़ी लेकर आया है वो बेरोजगार है।
फिर शिकायत आम जनता और डॉक्टर स्टाफ में हर दूसरे दिन सिविल अस्पताल नैनपुर में लड़ाई हो रही है जिस से पुलिस का अमला शांत करा रहा है ।कल फिर सिविल अस्पताल नैनपुर की और से नाम जद शिकायत हुई है डॉक्टर की कमी साधन की कमी फिर आपस में तकरार ये सब अच्छे संकेत भी नही है। कोई दिन बड़ी घटना सिविल अस्पताल नैनपुर में होगी ये तय है।
तीन किलो मीटर दूरी पर जाना आना में टाइम लगता है रेल फाटक अलग लग जाता है दूर होने से व्यवस्था पटरी पर उतर गई है ।
सेवा बनेगा मुद्दा सिविल अस्पताल नैनपुर की सेवा नगर पालिका परिषद नैनपुर के चुनाव में मुद्दा बनने जा रहा है। सिविल अस्पताल नैनपुर और नगर पालिका परिषद नैनपुर को निशाने पर रखा।
इस बार सेवा के मुद्दे पर ये न हो जितनी जनता का मूड है वो कुछ वार्ड में तत्कालीन सरकार के जनप्रतिनिधियों की जमानत न जप्त करा दे। रोगी कल्याण समिति में जन प्रतिनिधि है स्थानीय प्रशासन है।इन सबके के बावजूद इनके कानो में जूं तक नही रेगती की सेवा का संस्था नोट कमाने का जरिया बन चुका है