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Saturday, October 11, 2025

मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के संदर्भ में नवाचारों के लिए दी बधाई

रूक जाना नहीं योजना से अबतक 6.41 लाख से अधिक विद्यार्थी लाभान्वित : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

भोपाल

आत्मनिर्भर म.प्र. योजना में आवासीय प्रशिक्षण देकर 100 आकांक्षी युवाओं को रोजगार से भी जोड़ा जाएगा

म.प्र. राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड ने विद्यार्थियों के हित में किए हैं 11 नवाचार

भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के पालन में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा किए जा रहे नवाचारों पर प्रसन्नता व्यक्त कर स्कूल शिक्षा विभाग को बधाई दी है। उन्होंने कहा है कि प्रदेश का हर बच्चा पढ़े-लिखे, आगे बढ़े, इसके लिए पूरी सरकार समर्पित होकर कार्य कर रही है। उन्होंने विभाग को यह निष्ठा भाव बनाए रखने और हर बच्चे को शिक्षा मिले, उसे समय पर पुस्तकें, गणवेश, छात्रवृत्ति, साईकिल और अन्य आवश्यक सुविधाएं मिलें, इसके लिए सदैव प्रयत्नशील रहने के निर्देश दिए हैं।

स्कूल शिक्षा मंत्री श्री उदय प्रताप सिंह ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव को अवगत कराया कि स्कूल शिक्षा विभाग के अधीन म.प्र. राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड (ISO 9001 : 2015 Certified) द्वारा विद्यार्थियों के हित में कुल 11 प्रकार के नवाचार किए गए हैं। इन नवाचारों को बहुत अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है। हमारा प्रयास है कि इस बोर्ड के माध्यम से हम प्रदेश के हर उस बच्चे तक पहुंचें, जो मुक्त स्कूल के जरिए शिक्षा पाना चाहता है।

आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश योजना

स्कूल शिक्षा मंत्री श्री सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बिन्दु क्रमांक 16.4 में उल्लेख है कि व्यावसायिक शिक्षा को इस तरह से एकीकृत किया जाये, जिससे प्रत्येक बच्चा कम से कम एक व्यवसाय से जुड़े कौशलों को सीखे। इसी व्यवस्था के परिपालन में आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश योजना प्रारंभ की गयी है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा घोषित आत्मनिर्भर भारत योजना के अनुक्रम में कौशल वृद्धि के लिए मध्यप्रदेश राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड के माध्यम से एक महत्वाकांक्षी पायलट प्रोजेक्ट प्रारंभ किया गया है। इसमें हैंडलूम, हैंडीक्राफ्ट, माटी कला, सोलर एनर्जी, परिधान निर्माण, बांस कला इत्यादि क्षेत्रों में रोजगार मूलक प्रशिक्षण प्रारंभ किए जा रहे है। प्रशिक्षित होने वाले लोग एक ओर रोजगार से जुड़ेंगे, वहीं दूसरी ओर कक्षा 6 से प्रारंभ होने वाले व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए एक रिसोर्सपर्सन के रूप में भी उपलब्ध होंगे। इस योजना में प्रदेश के 100 आकांक्षी युवाओं को आवासीय प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाएगा। प्रशिक्षण के बाद उन्हें रोजगार से भी जोड़ा जाएगा। इस योजना को ह्यूमन कैपिटल बैंक के रूप में प्रारंभ किया जा रहा है। इसका आशय है कि जनभागीदारी से धन दान के रूप में मांग कर बैंक स्थापित किया जा रहा है। प्रदेश के एक जिले में कौशल विकास के लिए राज्य स्तरीय उत्कृष्टता केन्द्र की स्थापना की जा रही है, जिससे निर्धारित कौशलों के विकास के लिये मास्टर ट्रेनर्स तैयार किये जा सकें।

रूक जाना नहीं योजना

मध्यप्रदेश राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड भोपाल एक शैक्षणिक संस्था है और “सबके लिए शिक्षा” के उद्देश्य की पूर्ति के लिए संचालित है। संस्था का अहम दायित्व है कि युवा पीढ़ी को परीक्षाओं में असफलता के भय आत्मघाती घटनाओं से बचाने के लिए सार्थक पहल करे। युवा पीढ़ी देश का भविष्य है, इसे आत्मघाती कदम उठाने से बचाने, उनके भविष्य को उज्ज्वल बनाने और देश की उन्नति में सहयोग करने के उद्देश्य से मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड ने “रूक जाना नहीं योजना” 2016 में प्रारंभ की थी। यह योजना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में माध्यमिक शिक्षा मंडल, भोपाल की अनुत्तीर्ण छात्रों के लिये थी। योजना को मिली सफलता के आधार पर इसे सी.बी.एस.ई. के लिए भी इसे ऑन डिमांड पर लागू किया गया है। रूक जाना नहीं योजना से अब तक 6 लाख 41 हजार 553 से अधिक विद्यार्थी लाभान्वित हो चुके हैं।

स्कूल मीडिया प्लेटफॉर्म

मध्यप्रदेश में स्कूल मीडिया प्लेटफॉर्म ExtraChildhood.org द्वारा संचालित किया जा रहा है। मध्यप्रदेश के 53 एजुकेशन फॉर ऑल स्कूलों में 50 हजार से अधिक शासकीय स्कूलों के विद्यार्थियों को मीडिया और तकनीक के माध्यम से अपनी रचनात्मकता प्रदर्शित करने एवं इसके सशक्तिकरण का अवसर प्रदान किया गया है। इन स्कूलों को उनके अपने टीवी स्टेशन, रेडियो स्टेशन, ई-समाचारपत्र और मैगज़ीन प्रदान करके इस प्लेटफॉर्म के जरिए छात्रों और शिक्षकों को देश और दुनिया से जुड़ने और आपसी संवाद करने के तरीके सिखाए जा रहे हैं।

बोर्ड द्वारा आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पाठ्यक्रम स्थापित कर विद्यार्थियों को आधुनिक तरीक से कम्प्यूटर पर सभी विषयों का प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की जा रही है। स्कूलों में डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर, ऑनलाइन शिक्षण मंच और उपकरणों की स्थापना को भी प्रोत्साहन दिया जा रहा है। इससे विद्यार्थी डिजिटल माध्यम से शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। संस्कृत और संस्कृति का उदय में प्रत्येक जिले के एक विद्यालय में कक्षा एके के पूर्व एलकेजी एवं यूकेजी के स्थान पर अरूण एवं उदय कक्षाएं आगामी शैक्षणिक सत्र से प्रारंभ की जा रही है। इन कक्षाओं का माध्यम संस्कृत होगा। संस्कृत भाषा में म.प्र. राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड के द्वारा 53 चयनित ई.एफ.ए. विद्यालयों में अरूण एवं उदय कक्षाओं का संचालन किया जायेगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मार्गदर्शन में संस्कृत एवं संस्कृत ज्ञान व्यवस्था को और अधिक सक्षम बनाने के लिए गुरूकुल पद्धति से संचालित आवासीय संस्कृत विद्यालयों के लिए हर साल प्रति छात्र अधिकतम 10 हजार रूपए की वार्षिक आर्थिक सहायता योजना लागू की गई है। इससे प्रदेश के 10 हजार से अधिक संस्कृत विद्यार्थियों को अपनी पढ़ाई जारी रखने में अभूतपूर्व मदद मिलेगी। उन्होंने आईटीआई हायर सेकेण्डरी समकक्षता योजना के बारे में बताया कि इसमें आईटीआई परीक्षा पास करने वाला कोई भी विद्यार्थी केवल एक भाषा और रोजगार कौशल एवं उद्यमिता विषय की परीक्षा के साथ व्यावहारिक प्रशिक्षण प्राप्त बारहवीं कक्षा की परीक्षा दे सकेगा।

स्कूल शिक्षा मंत्री श्री सिंह ने आ लौट चलें योजना में ड्रापआउट विद्यार्थियों को बगैर किसी फीस के परीक्षा में बैठने का अवसर देने और कोचिंग की व्यवस्था करने के नवाचार के बारे में भी बताया। इसी तरह स्कूल मेक ओवर कार्यक्रम के तहत विद्यार्थियों को कहानी, कला, साक्षात्कार एवं साहित्य लेखन कला का भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बोर्ड द्वारा 53 चयनित ई.एफ.ए. विद्यालयों के लिए पृथक-पृथक वेबसाइट का निर्माणकराया गया है। इससे विद्यालयों की गतिविधियों को प्रचारित करने के साथ यह विद्यालय के प्रचार-प्रसार में भी सहायक सिद्ध हो रहा है।

सुंदरलाल बर्मनhttps://majholidarpan.com/
Sundar Lal barman (41 years) is the editor of MajholiDarpan.com. He has approximately 10 years of experience in the publishing and newspaper business and has been a part of the organization for the same number of years. He is responsible for our long-term vision and monitoring our Company’s performance and devising the overall business plans. Under his Dynamic leadership with a clear future vision, the company has progressed to become one of Hindi e-newspaper , with Jabalpur district.

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