सचिव की मनमानी से मर रही हैं गायें, प्रशासन मौन
मझौली / जबलपुर
जनपद पंचायत मझौली अंतर्गत ग्राम पंचायत हटोली में संचालित गोकुल गौशाला में गौवंश की दुर्दशा और अव्यवस्था का आलम दिन-ब-दिन गंभीर होता जा रहा है।
जानकारी के अनुसार, स्व-सहायता समूह की सचिव द्वारा की जा रही मनमानी और लापरवाही के कारण गायों को ना तो समय पर चारा-पानी मिल रहा है और ना ही दवाइयां, जिससे कई गायें दम तोड़ चुकी हैं।
क्या सामने आ रही हैं मुख्य समस्याएं:
* चारे-पानी की भारी कमी गौवंश को भूखा रहने पर मजबूर।
* बीमार गायों का इलाज नहीं कराया जा रहा न ही किसी पशु चिकित्सक की नियमित व्यवस्था है।
* गौशाला परिसर में गंदगी और गोबर का अंबार जिससे संक्रमण फैलने की आशंका।
* गायों की मौत के बाद भी न तो कोई पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार की जाती है और न ही प्रशासन को सूचित किया जाता है।
गौशालाओं को नियमित रूप से मिलने वाली सरकारी सहायता राशि का लेखा-जोखा पारदर्शी नहीं है।
ग्राम पंचायत व जनपद पंचायत द्वारा कोई निरीक्षण नहीं किया गया।
* स्व-सहायता समूह द्वारा गोकुल योजना के नाम पर राशि उठाई जा रही है, पर जमीनी क्रियान्वयन शून्य है।
जनता की माँग:
1. स्व-सहायता समूह सचिव को तत्काल हटाया जाए और वित्तीय ऑडिट हो।
2. गौशाला की वर्तमान स्थिति की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए।
3. दोषियों के खिलाफ FIR दर्ज कर, पशु क्रूरता अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाए।
4. स्थायी निगरानी समिति गठित कर गौशाला संचालन को पारदर्शी बनाया जाए।
स्थानीय ग्रामीणों का आरोप:
यह गौशाला कागजों में चल रही है। सचिव को हर महीने फंड मिलता है लेकिन जमीनी हकीकत जानवरों की लाशों में दिख रही है।
कमल सिंह, ग्रामीण
हमने कई बार जनपद और पशु चिकित्सा अधिकारी को शिकायत की, लेकिन कोई स्थायी कार्रवाई नहीं हुई।
रीता बाई, पशुपालक महिला
प्रशासनिक विफलता और जवाबदेही:
ग्राम पंचायत हटोली स्थित गोकुल गौशाला में व्याप्त अव्यवस्थाएं और स्व-सहायता समूह सचिव की मनमानी के कारण गौवंश की हो रही दुर्दशा को उजागर :