शासकीय प्राथमिक शाला गजना मैं 2 शिक्षक अगस्त है जो बारी-बारी तीन-तीन दिन विद्यालय आते हैं
पन्ना
मामा के नौनिहालों के साथ हो रहा अन्याय 2 शिक्षक पदस्थ होने पर एक ही शिक्षक आ रहा
जिले की शिक्षा व्यवस्था इस समय बहुत ही बुरे दौर से गुजर रही हैं जो मॉनिटरिंग करने वाले अधिकारी हैं वह घर में बैठकर कागज की खानापूर्ति करते हैं ऐसा ही मामला प्रकाश में देखने को आया है प्राथमिक शासकीय गजना स्कूल में आज दिनांक को एक ही शिक्षक उपस्थित मिले एवं दूसरे शिक्षक ने बताया कि उनकी तबीयत खराब है और वह चले गए हैं पर बच्चों से जब पूछा गया तो बच्चों ने बताया कि केवल एक ही शिक्षक पढ़ाने आए हैं और दूसरे शिक्षक आए ही नहीं है एवं दूसरे शिक्षक बात को टालते रहे और कहते रहे कि वह चले गए हैं पर ऐसा बिल्कुल भी देखने में नहीं मिला एवं विश्व सूत्रों ने बताया कि तो पता चला कि 3 दिन एक मास्टर एवं 3 दिन दूसरा मास्टर विद्यालय पढ़ाने को आते हैं अब देखना यह होगा कि जिले के शिक्षा के आला अधिकारी एवं शासकीय हाई सेकेंडरी स्कूल संकुल बृजपुर कार्यवाही के नाम पर खानापूर्ति करता है कि संबंधित संबंधित शिक्षकों के ऊपर अनुशासनहीनता की कार्रवाई करता है
जिसे जिले की स्कूली शिक्षा इन दोनों सुर्खियों में है चाहे वह मध्यान भोजन की बात हो या शिक्षक शिक्षा के स्तर की बात हो शिक्षकों द्वारा अपने कर्तव्यों का निर्वाहन करने में आनाकानी की जाती है एवं दूरस्थ स्कूलों में ट्रांसफर करा कर ना जाने की प्रक्रिया की जाती है एवं गरीब बच्चों के साथ अन्याय किया जाता है क्योंकि शासन द्वारा उन्हें सभी सुविधाएं मुहैया कराने एवं शिक्षा देने के लिए शासन द्वारा मोटा बजट स्वीकृत कराया जाता है पर मास्टर द्वारा शिक्षकों स्कूल ही नहीं जाया जाता एवं हफ्ते में दो या तीन दिन जाते हैं और पूरे हफ्ते की हाजी चलाते हैं ऐसा नहीं है कि इसमें शिक्षक ही दोषी हैं समय-समय पर वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा विद्यालयों का औचक निरीक्षण ना करने से ऐसी अनियमितताएं हो रही है संबंधित अधिकारियों द्वारा औचक निरीक्षण ना करके सिर्फ कागजों पर खानापूर्ति की जाती है