विधानसभा में उठे कई सवाल, फिर भी स्थिति जस की तस
सतना
हाल ही में प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से कलेक्टर द्वारा रघुराजनगर तहसील के पटवारियों के तबादलों को लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो गये हैं। एक ओर जहां प्रदेश के सर्वोच्च सदन विधानसभा की अवमानना के साथ ही शासन के नियमों का उल्लंघन हुआ है, वहीं दूसरी ओर इसी तहसील में वर्षों से पदस्थ पटवारियों की एक ही तहसील में फेरबदल करने के मामले में जिला प्रशासन निशाने पर आ गया है। दुर्भाग्य इस बात का है कि इस मामले में सत्ता और विपक्ष के नेता चुप्पी साधे हुए है।*
उल्लेखनीय है कि पूर्व विधायक शंकरलाल तिवारी के तारांकित प्रश्न क्रमांक 31 के जवाब में सदन में दिनांक 16.12.2012 दिए गए आश्वासन के परिपालन में बताया गया था कि नगर निगम परिधि में पदस्थ 3 वर्ष से अधिक अवधि में पटवारियों का तबादला किया जाएगा। यह जानकारी तत्कालीन कलेक्टर केके खरे ने 1 मार्च 2013 को प्रमुख सचिव राज्य शासन को भेजी थी, जिसमें यह भी बताया गया था कि संबंधित पटवारियों का स्थानांतरण कर दिया गया है। इसी पत्र में तत्कालीन कलेक्टर ने यह भी अवगत कराया था कि भविष्य में किसी भी पटवारी की अधिकतम 3 वर्ष से अधिक रघुराजनगर सहित अन्य तहसीलों में पदस्थापना नहीं की जायेगी। किन्तु यहां पूरा खेल उल्टा-पुल्टा हो रहा है।
क्या है नियम :-
आयुक्त भू अभिलेख एवं बंदोबस्त म.प्र. के आदेशानुसार शासकीय भूमि की हेराफेरी पर नियंत्रण करने के मामले में प्रदेश के समस्त कलेक्टरों को निर्देशित किया गया था कि 3 साल से अधिक अवधि में पदस्थ ऐेसे समस्त पटवारी एवं राजस्व निरीक्षकों को शहरी क्षेत्र के हल्के से ग्रामीण क्षेत्र के हल्कों में पदस्थ किया जाए एवं उनके स्थान पर ग्रामीण क्षेत्र के पटवारियों को शहरी क्षेत्र में पदस्थ किया जाए। यह निर्देश पत्र 2534/नि.स/आ.भू.अ./2006 दिनांक 28-07-2006, पत्र क्रमांक 3369/11 भू प्र/06 दिनांक 22-09-2006 तथा पत्र क्रमांक 3832/11भू.प्र/भू सु/06 दिनांक 12-10-06 द्वारा जारी किए थे।
रघुराज नगर तहसील में 20 से 22 वर्षों से पदस्थ हैं कई पटवारी
1- उमेश सिंह 16 वर्ष मसनहा, भरजुना कला रामपुर चौरासी 7 वर्ष अमौधा कला धवारी, धवारी 23 वर्ष, 2012-13 विधानसभा के आदेश से हटाये जाने के बावजूद पुन: वर्तमान में शहरी हल्के में पदस्थापना की गई।
2- विजय बहादुर सिंह 14 वर्ष, बिरहुली, मटेहना, पासी 8 वर्श अमौधा कला कोलगवां 22 वर्ष 2012-13 विधानसभा के आदेश से हटाए जाने के बावजूद पुन: वर्तमान में शहरी हल्के में पदस्थापना की गई।
3- विजय बहादुर सिंह 10 वर्ष, बिरहुली मटेहना 12 वर्ष कोलगवां, बगहा कृपालपुर 22 वर्ष
4- इन्द्रजीत सिंह 13 वर्ष, मसनहा, शिवपुर7 वर्ष बाबूपुर (शेरगंज) शिवपुर 20 वर्ष
5- बृजेश निगम 10 वर्ष, रामपुर चौरासी एवं अन्य हल्का 10 वर्ष कोलगवां बगहारामपुर चौरासी 20 वर्ष
6- हेमन्त सिंह 15 वर्ष, कोलगवां बगहा बगहा 15 वर्ष
7- सत्यप्रकाश गर्ग 12 वर्ष, बठिया कला 3 वर्ष महदेवा महदेवा 15 वर्ष
8- मनोज बागरी 12 वर्ष डेलौरा, करही कला करही कला 12 वर्ष
9- संजय मिश्रा 1 वर्ष 11 वर्ष, घूरडांग, डिलौरा डिलौरा 12 वर्ष
10- श्रीकृश्ण गौतम 10 वर्ष कृपालपुर, बाबूपुर बाबूपुर 10 वर्ष
11- अजय सिंह 10 वर्ष महदेवा मझगवां भठ्ठा मझगवां भठ्ठा10 वर्ष
12- अनूप पाण्डेय 1 वर्ष 7 वर्ष सतना, सिजहटा सतना 8 वर्ष
13- यज्ञनारायण शुक्ला 6 वर्ष करही कला सिजहटा 6 वर्ष
14- स्नेहलता सिंह 6 वर्ष अमौधा कला 6 वर्ष
15- महेन्द्र बागरी 11 वर्ष, बठियाकला, बचवई बचवई 11 वर्ष
16- शिवप्रसाद पटेल 10 वर्ष, बाराकला एवं अन्य हल्का – बाराकला 10 वर्ष
सदन को जानकारी भेजी जाने के बाद भी नियमों की अनदेखी
पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल, पूर्व विधायक शंकरलाल तिवारी, विधायक नारायण त्रिपाठी, प्रदीप पटेल, साथ ही सुखेन्द्र सिंह ”बन्ना” रघुराजनगर तहसील अंतर्गत सरकारी जमीनों के फर्जीवाडे के मामले में कई सवाल उठाए थे, जिसके चलते पूर्व मुख्य सचिव बसंत सिंह को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। बावजूद इसके आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। इस मामले में विपक्ष की मौन सहमति कहीं न कहीं संदिग्ध नजर आ रही है।
जातीय समीकरण को लेकर बैठे थे पांच राजनेता
पटवारियों का स्थानांतरण किए जाने से पहले जिला स्तर पर बैठक हुई थी। बैठक में मंत्री रामखेलावन पटेल, सांसद गणेश सिंह, जिला अध्यक्ष नरेन्द्र त्रिपाठी, नागौद विधायक नागेन्द्र सिंह तथा रामपुर बाघेलान विधायक विक्रम सिंह विक्की मौजूद थे। इस बैठक में कलेक्टर को भी शामिल होना था, मगर उन्होंने खुद का अलग कर लिया था। बैठक में जातीय समीकरण के आधार पर पटवारियों को बचाने-लाने का काम किया गया। भाजपा जिलाध्यक्ष नरेन्द्र त्रिपाठी ने ब्राम्हण पटवारियों को बचाने का काम किया। रामपुर बाघेलान विधायक ने ठाकुरों को सतना लाने और दो पटवारियों को शहर से न जाने में मदद की। इन दोनों नेताओं का फायदा उठाते हुए शहर के आठ दागी पटवारी (पटेल) को लाने में सफल हुए। जबकि रघुराजनगर तहसील में शहर तथा ग्रामीण का मामला विधानसभा में गूंजा। कई जमीने शासकीय घोषित की गई। तीन पटवारी निलंबित हुए। कोलगवां, सिटी कोतवाली में केस दर्ज कर गिरफ्तारी हुई। पांच साल तक विधानसभा लगी। इसके बाद भी दागी पटवारियों की शहरी हल्कों में वापसी हो गई। एक तरफ सीएम दागियों को घर बैठाने का वीडा उठाए हुए हैं, फिर भी कई लोग इन्हें संरक्षण दे रहे हैं। चुनावी वर्ष में यह भाजपा के लिए परेशानी का कारण न बन जाए।
प्रभारी मंत्री ने सीएम तक पहुंचाई बात
बताया जाता है कि सतना में नियम विरूद्ध पटवारियों का स्थानांतरण करने के मामले में प्रभारी मंत्री डॉ कुंवर विजय शाह ने सीएम को अवगत कराया है कि इस बार गलत स्थानांतरण कर दिया गया। कमाल की बात यह है कि इन सबके बाद कुछ पटवारियों को एसडीएम ने अपने स्तर पर शहर लाने का काम किया। अखंड सिंह को बठिया से नैना, रामभजन को उचेहरा से बरदाडीह लाया गया। ऐसे में आशंका है कि नियम विरुद्ध पोस्टिंग में जमकर लेन-देन हुआ है।
खल रही शंकर की चुप्पी
पटवारियों को नियम विरूद्ध शहरी हल्कों में रखने और सरकारी जमीनों को खुर्द-बुर्द किए जाने के मामले में पूर्व विधायक शंकरलाल तिवारी ने विधानसभा में सवाल किया, जिसके बाद कई जमीन सरकारी घोषित की गई। जमीनों के अलावा पटवारियों को प्रतिबंधित भी किया गया। अब पुन: पटवारियों की वापसी हो गई। नियम विरुद्ध वापसी को लेकर पूर्व विधायक मौन क्यों बैठे हैं ? यह फिलहाल समझ से परे है।
भाजपा के नारायण ने विधानसभा में उठाया था पटवारियों का मुद्दा
सतना जिले में तहसील रघुराजनगर के अंतर्गत शासकीय जमीनों को निजी स्वत्व में करने के कई मामले सामने आये हैं। तत्कालीन कलेक्टर ने पत्र क्र. 87 दिनांक 22.03.2016 के पत्र में स्वीकार भी किया है। उक्त प्रकरण के संबंध में तारांकित प्रश्न क्र. 757 सत्र फरवरी-मार्च 2018 अद्भुत आश्वासन क्र. 05 के उत्तर में कलेक्टर सतना द्वारा पत्र क्र. 97 दिनांक 08.02.2019 को प्रमुख राजस्व आयुक्त भोपाल को भेजे गये जबाब में स्वीकार किया है तथा शहर के उक्त भष्ट पटवारियों को तारांकित प्रश्न क्र. 31 सत्र दिसम्बर 2012 विधान के सदन से हटाने का निर्णय हुआ था। उक्त घोषणा के बाद तत्कालीन कलेक्टर ने पत्र क्र. 12 दिनांक 01.03.2013 को 5 पटवारियों को तत्काल हटा दिया था। उक्त आदेश का अध्ययन करेंगे तो कितने वर्षों से उक्त पटवारी शहर में पदस्थ थे सामने आ जाएगा। उक्त पटवारी उक्त तहसील के ग्रामीण क्षेत्र में चले गये, फिर शहरी क्षेत्रों मे पदस्थ हो गये हैं जो नियम विरूद्ध है। उक्त तहसील में शहर एवं ग्रामीण मिलाकर पटवारी उमेश सिंह 23 वर्ष से, विजय सिंह 22 वर्ष, विजय बहादुर सिंह 24 वर्ष, इन्द्रजीत सिंह 20 वर्ष, बृजेश निगम 20 वर्ष, हेमन्त सिंह 15 वर्ष, सत्यप्रकाश गर्ग 15 वर्ष, मनोज बागरी 12 वर्ष, संजय मिश्रा 12 वर्ष, श्रीकृष्ण गौतम 10 वर्ष, अजय सिंह 10 वर्ष, अनूप पाण्डेय 10 वर्ष, स्नेहलता सिंह 6 वर्ष, महेन्द्र बागरी 11 वर्ष, शिवप्रसाद पटेल 10 वर्षों से शासन के नियम के विरूद्ध उक्त तहसील में पदस्थ हैं। अभी हाल ही में प्रभारी मंत्री के अनुमोदन में सतना कलेक्टर द्वारा पत्र क्र. 1601/11 दिनांक 05.10.2022 के तहत जो आदेश जारी किए गए हैं वह नियम विरूद्ध है। इसी तरह अनुविभागीय अधिकारी रघुराजनगर द्वारा रामभजन गौतम एवं शालिनी श्रीवास्तव का स्थानांतरण नियम विरूद्ध किए गए हैं जिसे तत्काल निरस्त कर देना चाहिए। जिला प्रशासन द्वारा वर्षों से पदस्थ पटवारियों के न हटाने एवं 05.10.2022 को कोलगवां हल्का एवं कृपालपुर हल्का पटवारियों का आदेश निरस्त नहीं करने से सतना जिले की आम जनता एवं जनप्रतिनिधियों में काफी रोष एवं आक्रोश व्याप्त है। अत लोक महत्व के बेहद गंभीर विषय पर वह सदन का ध्यान आकर्षित कराना चाहते हैं।