आदतन अपराधियों के विरूद्ध उनके आपराधिक रिकार्ड को दृष्टिगत रखते हुये करें प्रभावी प्रतिबंधात्मक कार्यवाही, यदि जमानत पर रिहा है तो करायें उनकी जमानत निरस्त
जबलपुर
आपकी कार्यवाही निश्पक्ष होना चाहिये, आपकी कार्यवाही से आम नागरिकों में हो पुलिस के प्रति सुरक्षा का भाव तथा असमाजिक तत्वों/गुण्डे बदमाशों में हो पुलिस का खौफ*
आज दिनॉक 13-1-24 को पुलिस कंट्रोलरूम जबलपुर में पुलिस अधीक्षक जबलपुर श्री आदित्य प्रताप सिंह (भा.पु.से.) के द्वारा अपराध समीक्षा बैठक अति. पुलिस अधीक्षक शहर श्रीमति प्रियंका शुक्ला (भा.पु.से.), अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अपराध श्री समर वर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (शहर दक्षिण) श्री कमल मौर्य, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर (उत्तर/यातायात) श्री प्रदीप कुमार शेण्डे, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) श्री सूर्यकांत शर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण श्रीमति सोनाली दुबे, की उपस्थिति में ली गई। बैठक में जिले मंे पदस्थ समस्त राजपत्रित अधिकारी, थाना प्रभारी शहर एवं देहात तथा चौकी प्रभारी उपस्थित रहे।
पुलिस अधीक्षक जबलपुर श्री आदित्य प्रताप सिंह (भा.पु.से.) द्वारा बैठक में सर्वप्रथम थानों/चौकिंयों के सीमाओं के पुनर्निधारण के सम्बंध में भेजे गये प्रस्ताव के सम्बंध मंे विस्तार से सम्बंधित थाना प्रभारियों से चर्चा करते हुये आवश्यक दिशा निर्देश दिये।
लंबित धारा 363 भादवि के प्रकरण में अपहृत अवयस्क बालक/बालिकाअेंा की हर सम्भव प्रयास कर दस्तयाबी हेतु निर्देशित करते हुये घटित हुये सम्पत्ति संबंधी अपराधों में चोरी गई सम्पत्ति की बरामदगी के हर सम्भव प्रयास करें इस हेतु पूर्व में पकड़े गये एवं जेल से रिहा हुये सम्पत्ति सम्बंधी अपराधियों से पूछताछ करते हुये उनकी गुजर बसर की जांच कर चोरी गयी सम्पत्ति की अधिक से अधिक बरामदगी करें।
चिन्हित अपराधों की लगातार मॉनीटरिंग की जाये। गवाहो को ब्रीफ कर पेशी के दौरान समय पर उपस्थित कराया जावे। चिन्हित गम्भीर अपराध में हर हाल में आरोपी को सजा होनी चाहिये, इस हेतु विवेचना मे किसी भी प्रकार की कोई ,त्रुटि न हो इसका ध्यान रखें। एफआईआर से लेकर , गिरफ्तारी, चालान ही मुख्य कार्यवाही नहीं है, प्रकरण के विचारण के दौरान फालोअप करते हुये अपराधी को सजा दिलायें। चालानी कार्यवाही के दौरान आरोपी की पहचान हेतु उसका वोटर आईडी/ड्राईविंग लायसेंस/पैनकार्ड आवयश्क रूप से लगाया जाना सुंनिश्चित करें।
एैसे आरोपी जो लंबे समय से फरार है, उनकी सम्पत्ति कुर्क हेतु उनके विरूद्ध नियमानुसार 82, 83 जाफौ के तहत कार्यवाही की जाये साथ ही सहयोगी एवं आश्रय देने वाले के विरूद्ध 212, 216 आईपीसी के तहत भी कार्यवाही की जाये।
इसके पश्चात आपने अपराध समीक्षा के दौरान कहा कि लंबित सी.एम. हैल्प लाईन की शिकायतों का प्राथमिकता के आधार पर त्वरित संतुष्टीपूर्ण निकाल करें। साथ ही सी.सी.टी.एन.एस. में सभी प्रकार की प्रविष्टियों को एवं रोड एक्सिडेंट के प्रकरणों का डाटा ‘‘आई रेड एप’’ (इंटीग्रेटिड रोड एक्सिडेंट डाटाबेस) में समय का विशेष ध्यान रखते हुये अपलोड करें।
2 माह से अधिक अवधि के लंबित एस.सी./एस.टी. के प्रकरणों की आपके द्वारा समीक्षा करते हुये निकाल के सम्बंध मे आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये तथा आदेशित किया कि मान्नीय न्यायालय में विचारण के दौरान अभियोजित प्रकरण की सतत एवं प्रभावी मॉनीटरिंग की जावे साथ ही पीड़ित को तत्काल राहत राशि दिलाई जाये।
173 (8) एवं 299 जा.फौ. के प्रकरणों में फरार चल रहे आरोपी की पतासाजी करते हुये शीघ्र गिरफ्तारी करते हुए प्रकरणों का प्राथमिकता के आधार पर निकाल करायें ।
साधारण मारपीट, आबकारी एक्ट, आर्म्स एक्ट, जुआ, सट्टा आदि के प्रकरणों का 7 दिवस से 15 दिवस के अंदर नियमानुसार क़ानूनी कार्यवाही पूर्ण कर माननीय न्यायालय में चालान पेश करायें, कोई भी प्रकरण बिना वजह लंबित नही होना चाहिये।
इसके साथ ही आपने त्रिवार्षिक तुलनात्मक प्रतिबंधात्मक कार्यवाही (107/116 जाफो, 110 जा.फौ, जिला बदर, एन.एस.ए.) एवं माईनर एक्ट (जुआ-सट्टा, आर्म्स एक्ट, आबकारी एक्ट, ) की विस्तार से समीक्षा करते हुये आदेशित किया कि गणना के पश्चात अधिक से अधिक बल के साथ थाना क्षेत्र के अपराध संभावित क्षेत्र एवं पूर्व में जहॉ पर चेन/मोबाईल स्नेचिंग एवं चाकू बाजी की घटनायें हुई है प्रभावी पैट्रोलिंग करते हुये थाना क्षेत्र के गुण्डे बदमाश/चाकूबाज/पूर्व मे पकडे गये लुटेरों की चैकिंग करते हुये सक्रीय गुण्डे बदमाश एवं चाकू बाजों को चिन्हित करते हुये सभी के विरूद्ध उनके आपराधिक रिकार्ड को दृष्टिगत रखते हुये प्रभावी प्रतिबंधात्मक कार्यवाही करते हुये फायनल बाउंड ओवर करायें, ताकि बंध पत्र का उल्लंघन करने पर 122 जा.फौ. के तहत कार्यवाही की जा सके, यदि आदतन अपराधी जमानत पर रिहा है तो उसकी जमानत निरस्त करायें ।
एैसे आसमाजिक तत्व जिनके सम्बंध मे जरा भी अन्देशा है कि वे अशांति का वातावरण निर्मित कर सकते है चिन्हित करते हुये उनके विरूद्ध उनके अपराधिक रिकार्ड को दृष्टिगत रखते हुये प्रभावी प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की जाये।
वाहनो में बलवा ड्रिल सामाग्री, टियर गैस, टार्च, वीडियो कैमरा, आवश्यक रूप से रखे, वाहन का पीए सिस्टम चालू हालत मे हो यह सुनिश्चित करें। छोटी सी घटना की जानकारी भी लगती है तो तत्काल मौके पर पहुंचकर वैधानिक कार्यवाही करें, हमारी कार्यवाही निश्पक्ष होना चाहिये हमारा प्रमुख उद्देश्य शांति एवं सुरक्षा व्यवस्था बनाये रखना है इसमे किसी भी प्रकार की कोई लापरवाही नहीं होना चाहिये। आपकी कार्यवाही से आम नागरिकों में पुलिस के प्रति सुरक्षा का भाव हो तथा असमाजिक तत्वों/गुण्डे बदमाशों में पुलिस का खौफ होना चाहिये।
अंत में आपने कहा कि थाना हमारा घर है, क्योंकि जीवन का अधिकांश समय आपका थाने में कटता है, अतः जिस प्रकार आप अपने घर को साफ सुथरा रखते हैं उसी प्रकार आपका थाना, आपका थाना भी साफ सुथरा होना चाहिये।