चालू गन्ना पैराई सत्र 2021- 22 में जिले में सुगर मिलों द्वारा 810.66 करोड़ रूपये का गन्ना खरीदा गया है।
महाकौशल सुगर मिल बचई के अलावा शेष सभी सुगर मिलों द्वारा किसानों के गन्ने का सम्पूर्ण भुगतान किया जा चुका है। महाकौशल सुगर मिल द्वारा दी गई रिपोर्ट के अनुसार अब तक गन्ना किसानों को भुगतान करने के लिए 2.54 करोड़ रूपये की राशि शेष है। संबंधित किसानों को गन्ने की शेष राशि का भुगतान अविलम्ब करने के निर्देश दिये गये हैं। भुगतान नहीं होने की स्थिति में सुगर मिल को आरआरसी की कार्रवाई का नोटिस दिया गया है। यह जानकारी सहायक संचालक गन्ना डॉ. अभिषेक दुबे ने दी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले में बड़गुवां नयागांव स्थित खांडसारी सुगर मिल आरआर एग्रो को किसानों का भुगतान नहीं करने पर सील किया गया और खंडसारी मिल का लायसेंस निरस्त कर शेष राशि की वसूली के लिए आरआरसी की कार्रवाई की जा रही है।
इस सिलसिले में कलेक्टर श्री रोहित सिंह ने निर्देश दिये हैं कि गन्ना पैराई के आगामी सत्र के शुरू होने के पहले ही गन्ना रिकव्हरी मशीन को कृषि विज्ञान केन्द्र में चालू किया जाये। साथ ही गन्ना रिकव्हरी टेस्ट करने के लिए किसानों को सुगर मिलों द्वारा एसएमएस के माध्यम से गन्ना सप्लाई के लिए बुलाने के निर्देश दिये हैं, ताकि किसानों को कोई असुविधा नहीं हो। सुगर मिलों में किसानों की सुविधा के लिए पीने के पानी, समुचित बैठक व्यवस्था, शौचालय और कैंटीन की सुविधा मुहैया कराने के निर्देश भी दिये गये हैं। सुगर मिलों में सुरक्षा गार्डों द्वारा ट्रेक्टर- ट्रालियों को व्यवस्थित लाइन में लगवाना सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया गया है।
सहायक संचालक गन्ना ने बताया कि नवीन गन्ना पैराई सत्र में सुगर मिल प्रबंधन और संबंधित सुगर मिलों के किसानों के बीच बेहतर समंजस्य के लिए टीम बनाई जायेगी। गन्ना में रोग व्याधि की रोकथाम के लिए उत्तम किस्मों के गन्ना बीज उपलब्ध कराये जायेंगे। गन्ना उत्पादन बढ़ाने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया जायेगा। कृषि वैज्ञानिकों, प्रशासन एवं सुगर मिलों की संयुक्त फील्ड टीम द्वारा गन्ना की अधिकाधिक उपज के लिए खेत में गन्ना के प्रदर्शन आयोजित किये जायेंगे, जिससे किसान उन्नत कृषि अपनाकर गन्ने का अधिकाधिक उत्पादन ले सकें। किसानों को गन्ना में अंतरवर्ती फसलों की पैदावार बढ़ाने के लिए नवीन तकनीकी की जानकारी भी दी जायेगी। जिले के गन्ना किसानों को गन्ना अनुसंधान संस्थान लखनऊ एवं साहरनपुर भेजकर उन्हें प्रशिक्षण दिया जायेगा, जिससे वे उन्नत कृषि के लिए प्रोत्साहित हो सकें।