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Friday, June 20, 2025

अचानक प्रकट हुई थी स्वयं भू शनिदेव की मूर्ति

विश्व में भगवान शनिदेव मंदिर इंदौर का अद्भुत रहस्य, धर्मशाला निर्माण के समय : विदेशी पर्यटको व श्रद्धालुओ की जन आस्था, 5 शनिवार में हल हो जाती हर समस्या.
उत्तरमुखी गणेश और दक्षिणमुखी हनुमान के मंदिर में साक्षात दर्शन



भगवान शनिदेव को प्रसन्न करना आसान नहीं होता हैं लेकिन मध्य प्रदेश  के इंदौर शहर में एक ऐसा मंदिर है जिसका इतिहास तो अधिक पुराना नहीं है लेकिन कम समय में ही इस मंदिर के चमत्कार विश्व में अद्भुत रहस्य बन गए हैं l विदेशी पर्यटको व श्रद्धालुओ के बीच प्रसिद्ध हो गए। आज हम आपको बता रहे है विध्यांचल की पहाडिय़ों में बसे बाईग्राम में स्थित अद्भुत महिमामयी शनि मंदिर की। ये मंदिर इंदौर शहर से लगभग तीस किमी की दूरी पर स्थित है। ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर में जो कोई भी शीश झुकाता है उसके सभी कार्य सफल होती है। ये शनिदेव सभी मनोकामना पूर्ण करते हैं।
*5 शनिवार में हल हो जाती है हर समस्या…….*
श्रद्धालुओं का मानना है कि 5 शनिवार तक ब्रहममुहुर्त में मूर्ति पर तेल चढ़ाकर जो कामना की जाएं वो जरूर पूर्ण होती है। शनि मंदिर में भव्य का आयोजन होता हे। शनि अमावस्या पर भी यहां विदेशी पर्यटक एवं अनगिनत श्रद्धालु आते है।
*धर्मशाला की खुदाई के समय प्रकट हुई थी मूर्ति……..*
इस मंदिर की भव्यता हर किसी को आकर्षित करती है। स्थानीय निवासियों और मंदिर के पुजारियों के अनुसार जयपुर के एक धनी व्यक्ति मधुबाला सुरेंद्र सिंह मीणा का ससुराल था बाई ग्राम। वे स्वभाव से ही दयालु थे और खुद को जनकल्याण के लिए समर्पित रखते थे। इसीलिए उन्होंने गांव में एक धर्मशाला बनाने का विचार बनाया। धर्मशाला निर्माण के लिए जमीन की खुदाई का काम शुरू ही हुआ था कि शनि महाराज की स्वयंभू प्रतिमा निकल आई। इस घटना ने हर व्यक्ति को आश्चर्य में डाल दिया। मूर्ति के इस तरह अचानक से निकल आने से मीणा बहुत सोच विचार में पड़ गए। कई बुद्धिजीवियों से विचार विमर्श करने के बाद उन्होंने ये तय किया कि अब यहां धर्मशाला नहीं बल्कि शनि देव का मंदिर बनाया जाएगा और इस तरह इस भव्य मंदिर का निर्माण हुआ।
उत्तरमुखी गणेश और दक्षिणमुखी हनुमान के दर्शन का अवसर मिलता है l 2 करोड़ से अधिक की लागत से बने इस मंदिर में 2 अप्रेल 2002 को शनि देव की भव्य प्रतिमा स्थापित की गई। शनि देव के साथ ही यहां सूर्य, राहु, केतु, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र और चंद्र सभी नवग्रहों की मूर्तियां भी स्थापित की गई है। मंदिर प्रागंण में ही उत्तरमुखी गणेश और दक्षिण मुखी हनुमान के दर्शनों का भी लाभ ले सकते हैं।

सुंदरलाल बर्मनhttps://majholidarpan.com/
Sundar Lal barman (41 years) is the editor of MajholiDarpan.com. He has approximately 10 years of experience in the publishing and newspaper business and has been a part of the organization for the same number of years. He is responsible for our long-term vision and monitoring our Company’s performance and devising the overall business plans. Under his Dynamic leadership with a clear future vision, the company has progressed to become one of Hindi e-newspaper , with Jabalpur district.

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