ग्राम पंचायत अभाना (जनपद पंचायत मझौली) में प्रशासन की लापरवाही से बढ़ा खतरा
जिला कलेक्टर के आदेशों की खुलेआम उड़ाई जा रही धज्जियां,
मझौली, जिला-जबलपुर
जनपद पंचायत मझौली के अंतर्गत ग्राम पंचायत अभाना में स्थित दौरा पुल इन दिनों जानलेवा बनता जा रहा है। पुल पर बैठे आवारा गौवंश न केवल आवागमन में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं, बल्कि लगातार हो रहे सड़क हादसों की वजह भी बनते जा रहे हैं। इसके बावजूद प्रशासन और पंचायत अमला पूरी तरह से आंख मूंदे बैठा है, जिससे आम जनता में रोष व्याप्त है।
जानकारी के अनुसार, जिला कलेक्टर द्वारा आवारा पशुओं को नियंत्रण में रखने और सड़क मार्गों को सुरक्षित बनाए रखने के सख्त निर्देश समय-समय पर जारी किए जाते रहे हैं, लेकिन ग्राम पंचायत अभाना में इन आदेशों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि कई बार प्रशासन को शिकायत की गई, लेकिन आज तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई।
दौरा पुल जो कि कई गांवों को जोड़ने वाला मुख्य मार्ग है, वहां पर दिन-रात आवारा गौवंश डेरा जमाए बैठे रहते हैं। कई वाहन चालकों को ब्रेक लगाकर या अचानक मोड़ काटकर खुद को और दूसरों को बचाना पड़ता है। इसके चलते कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें लोग घायल भी हुए हैं।
स्थानीय निवासी रामलाल पटेल का कहना है, “पुल पर हर समय मवेशियों की भरमार रहती है। दोपहिया वाहन चालकों को सबसे ज्यादा परेशानी होती है। कई बार तो स्कूल जाने वाले बच्चों को भी जोखिम उठाकर गुजरना पड़ता है।”
अब सवाल उठता है कि जब कलेक्टर के आदेश स्पष्ट हैं, तो आखिर क्यों ग्राम पंचायत और जनपद प्रशासन इस दिशा में कोई कदम नहीं उठा रहा? क्या प्रशासन किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है? आवारा पशुओं के लिए कांजी हाउस की व्यवस्था की जाए पशुपालकों पर सख्त कार्यवाही हो, जो अपने मवेशियों को खुला छोड़ते हैं
रोजाना सफाई और सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाए
अगर समय रहते प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया, तो यह पुल और भी बड़े हादसों का कारण बन सकता है। अब देखना यह है कि जनता की इस गंभीर समस्या को शासन-प्रशासन कब संज्ञान में लेता है और क्या कार्रवाई करता है।
वहीं इस गंभीर स्थिति पर अमित परौहा सामाजिक कार्यकर्ता और जागरूक नागरिक ने बताया,
यह स्थिति बेहद चिंताजनक है। मैंने स्वयं कई बार ग्राम पंचायत से लेकर जनपद स्तर तक शिकायत की है, लेकिन केवल आश्वासन ही मिले हैं। यह केवल प्रशासनिक लापरवाही नहीं, बल्कि आम जनता की जान से खिलवाड़ है। यदि जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो हम जन आंदोलन की राह पर उतरने को मजबूर होंगे।”