2 करोड़ 47 लाख रूपये को जिला समिति ने ठहराया अनुचित
दमोह
सेन्ट जॉन्स सीनियर सेकेण्डरी स्कूल जबलपुर नाका दमोह द्वारा सोसायटी, जगमाता स्कूल फाप्सी बालनगिर उड़ीसा एवं क्वीन मारीस स्कूल भोपाल को हस्तांतरित किए गए 02 करोड़ 47 लाख रूपये के संबंध में सूचना पत्र जारी उक्त संस्थाओं को किन नियमों के तहत इतनी बडी़ राशि हस्तांतरित की गयी, ये संस्थाएं कहां स्थित हैं आदि जानकारी चाही गयी थी।
विद्यालय प्रबंधन द्वारा दिये गये उत्तर में यह लेख किया है कि सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट 1860 एवं आयकर अधिनियम 1961 अन्तर्गत ऐसा कोई विशेष प्रावधान अथवा नियम नहीं है, जो किसी चैरिटेबल ट्रस्ट को इसकी मूल सोसायटी या उसकी शाखाओं को राशि हस्तांतरित करने से रोकता हो परन्तु विद्यालय प्रबंधन के द्वारा उक्त दोनों एक्ट/अधिनियम अन्तर्गत ऐसे किसी नियम का उल्लेख नहीं किया जो किसी चैरिटेबल ट्रस्ट/सोसायटी को उसकी मूल सोसायटी या उसकी शाखाओं को राशि हस्तांतरित करने की अनुमति प्रदान करता हो।
विद्यालय प्रबंधन द्वारा यह उल्लेख किया गया कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 08 सितम्बर 2017 को जारी किसी निर्णय में यह माना है कि निजी विद्यालय अपने ट्रस्ट/मूल सोसायटी अथवा उसकी शाखाओं को कुछ शर्तो के साथ शैक्षणिक उद्देश्य हेतु राशि हस्तांतरित कर सकता है परन्तु विद्यालय प्रबंधन द्वारा वर्णित सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के संबंध में ना तो याचिका क्रमांक का उल्लेख किया है और ना ही निर्णय की प्रति प्रस्तुत की है बल्कि स्वतः ही निर्णय की व्याख्या कर दी है जो कि औचित्यपूर्ण प्रतीत नहीं होता है।
विद्यालय प्रबंधन द्वारा जगमाता स्कूल फाप्सी बालनगिर उड़ीसा एवं क्वीन मारीस स्कूल भोपाल के बैंक खाते क्रमांक एवं आई.एफ.एस.सी. तो उपलब्ध कराए गए परन्तु सोसायटी का बैंक खाता क्रमांक एवं आई.एफ.एस.सी. आदि उपलब्ध नहीं कराए गए।
विद्यालय प्रबंधन द्वारा यह स्पष्ट नहीं किया गया कि जो राशि सोसायटी को हस्तांतरित की गयी वह सर्वाइट सिस्टर्स सोसायटी भोपाल को की गयी है अथवा किसी अन्य सोसायटी को की गयी है क्योकि सोसायटी संबंधी जानकारी अस्पष्ट एवं अपूर्ण रूप से प्रस्तुत की गयी है।
विद्यालय प्रबंधन द्वारा सूचित किया गया कि मूल सोसायटी एवं इसकी शाखाओं को उक्त राशि का हस्तांतरण पूर्ण रूप से शैक्षिक उद्देश्यों की उन्नति के लिए किया गया है जैसे कि भवन निर्माण/रख-रखाव, गरीब बच्चों की शिक्षा, कोविड के समय में विद्यालयों की सहायता करना।
यह भी सूचित किया गया कि फाप्सी स्कूल ग्रामीण क्षेत्र की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए चलाया जा रहा है जहां फीस संग्रह उक्त स्कूल के संचालन के लिए पर्याप्त नहीं है, परन्तु विद्यालय प्रबंधन द्वारा हस्तांतरित की गयी राशि को उक्त संस्थाओं द्वारा किस प्रकार एवं किन-किन कार्यों में उपयोग किया गया इससे संबंधित कोई संख्यात्मक एवं तथ्यात्मक ऑंकड़े प्रस्तुत नहीं किए गए। विद्यालय प्रबंधन द्वारा उल्लेखित समस्त संस्थाओं द्वारा प्रेषित दिनांकवार मांग पत्र, सम्पादित किए जाने वाले कार्यों एवं उन पर व्यय होने वाली प्राक्कलित राशि की सूची आदि की जानकारी प्रेषित उत्तर में शामिल नहीं की गयी है।
विद्यालय प्रबंधन द्वारा सूचित किया गया कि सेन्ट जॉन्स सीनियर सेकेण्डरी स्कूल दमोह सर्वाइट सिस्टर्स सोसायटी भोपाल के द्वारा चलाया जा रहा है परन्तु विद्यालय प्रबंधन द्वारा एक अन्य सोसायटी के बायलॉज़ उत्तर के साथ प्रेषित किए गए हैं।
विद्यालय प्रबंधन को सूचना पत्र जारी पॉंच दिवस के भीतर राशि हस्तांतरण की अनुमति प्रदान करने वाले सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट 1860 एवं आयकर अधिनियम 1961 के नियमों की प्रति, सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय की प्रति, उल्लेखित समस्त सोसायटीज़ के बैंक विवरण, सोसायटी का विवरण जिसे राशि हस्तांतरित की गयी, सत्र 2016-17 से पूर्व सोसायटी/संस्थानों को हस्तांतरित की गयी समस्त राशियों का विवरण, हस्तांतरित की गयी राशि के व्यय का विवरण, अन्य संस्थाओ/सोसायटी द्वारा सेंट जॉन्स स्कूल दमोह को वापस की गयी राशि का विवरण एवं सर्वाइट सिस्टर्स सोसायटी भोपाल के बायलॉज़ की प्रमाणित प्रति आदि चाही गयी है। यदि चाही गयी जानकारी निर्धारित समय सीमा में उपलब्ध नहीं करायी जाती है तो एक पक्षीय कार्यवाही की जाएगी, जिसके लिये विद्यालय प्रबंधन स्वंय उत्तरदायी होगा।