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Saturday, November 1, 2025

धार्मिक स्थल एवं अन्य स्थानों पर निर्धारित मापदंडों के अनुरूप ही ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग किया जा सकेगा 

खुले में माँस एवं मछली के विक्रय पर रहेगी रोक 

निर्धारित प्रावधानों का पालन करना होगा अनिवार्य 

जिले में उड़नदस्ते गठित

ग्वालियर

विभागीय अधिकारियों के साथ-साथ धर्मगुरूओं के साथ भी हुई बैठक

धार्मिक स्थलों अथवा अन्य स्थानों में निर्धारित मापदंड के अनुरूप ही ध्वनि विस्तारक यंत्रों (लाउड स्पीकर / डीजे) का उपयोग किया जा सकेगा। राज्य शासन द्वारा ध्वनि प्रदूषण तथा लाउड स्पीकर आदि के वैधानिक उपयोग की जाँच के लिये सभी जिलों में उड़नदस्ते गठित करने के निर्देश जारी किए गए हैं। इसके साथ ही नगरीय विकास एवं आवास विभाग के माध्यम से जारी निर्देशानुसार खुले में बिना अनुमति माँस तथा मछली का विक्रय प्रतिबंध किया गया है। इसके संबंध में 15 दिसम्बर से सभी नगरीय निकायों में मध्यप्रदेश नगर पालिका निगम अधिनियम 1956 के प्रावधानों के तहत विशेष अभियान चलाया जायेगा।

ग्वालियर जिले में प्रदूषण नियंत्रण एवं खुले में माँस, मछली का विक्रय प्रतिबंधित करने के संबंध में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री राजेश चंदेल एवं प्रभारी कलेक्टर श्रीमती अंजू अरूण कुमार ने गुरूवार को कलेक्ट्रेट कार्यालय में जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन के साथ ही प्रदूषण नियंत्रण विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर शासन के निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने हेतु रणनीति तैयार की। इसके लिये जिले में उड़नदस्ते भी गठित किए गए हैं।

कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में आयोजित बैठक में पुलिस अधीक्षक श्री चंदेल एवं प्रभारी कलेक्टर श्रीमती अंजू अरूण कुमार ने पुलिस अधिकारियों एवं राजस्व अधिकारियों को कहा है कि वे अपने-अपने क्षेत्र में धर्मगुरूओं के साथ बैठक आयोजित कर उन्हें शासन के प्रावधानों से अवगत कराएँ तथा धार्मिक स्थलों एवं अन्य स्थानों पर ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग पूर्व अनुमति के साथ ही निर्धारित डेसिबल से अधिक नहीं होना चाहिए। इसके साथ ही माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार रात्रि 10 बजे से प्रात: 6 बजे तक ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग पूर्णत: प्रतिबंधित है।

बैठक में सभी पुलिस अधिकारियों, राजस्व अधिकारियों, नगर निगम के अधिकारियों के साथ ही प्रदूषण नियंत्रण विभाग के अधिकारियों के संयुक्त दल गठित किए गए हैं। यह दल नियमित रूप से भ्रमण करेंगे और धर्मगुरूओं एवं मैरिज गार्डन संचालकों के साथ ही डीजे संचालकों को भी शासन के नियमों से अवगत कराते हुए बिना अनुमति के और निर्धारित डेसिबल से अधिक का प्रयोग नहीं करें। जिन्हें भी ध्वनि विस्तारक यंत्रों की अनुमति चाहिए वे निर्धारित प्रक्रिया का पालन कर अनुमति प्राप्त कर सकते हैं। बैठक में यह भी निर्देश दिए गए कि सभी थाना स्तरों पर एक सूची भी संधारित की जाए। जिसमें ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग करने वालों का विस्तृत विवरण अंकित हो।

नगरीय निकाय द्वारा जारी निर्देशों के परिपालन में बिना अनुमति माँस तथा मछली का विक्रय प्रतिबंधित किए जाने के संबंध में 15 दिसम्बर से चलने वाले विशेष अभियान के संबंध में विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में बताया गया कि शहर में सामान्यत: किसी भी प्रकार के व्यवसाय, दुकान, बाजार या रेहड़ी आदि लगाने के लिये नगरीय निकायों द्वारा मध्यप्रदेश नगरपालिक निगम अधिनियम-1956 एवं अन्य सुसंगत अधिनियमों के अंतर्गत अनुज्ञा/अनुमति/अनापत्ति प्रदान की जाती हैं। विशेष रूप से किसी भी प्रकार के मांस एवं मछली के विक्रय के लिये नगरीय विकास विभाग के अधिनियमों के अतिरिक्त खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम-2006 के प्रावधान लागू होते हैं। इसके अंतर्गत जिले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा मांस एवं मछली के विक्रय के संबंध में अतिरिक्त शर्तें लगाई जाती हैं। इस अधिनियम के अंतर्गत मांस एवं मछली के विक्रय के समस्त प्रतिष्ठानों में अपारदर्शी कांच/दरवाजा एवं साफ-सफाई की सम्पूर्ण व्यवस्था होना अनिवार्य है। इसके साथ ही किसी भी धार्मिक स्थल के मुख्य द्वार के सामने 100 मीटर की दूरी के भीतर उक्त सामग्री का विक्रय या प्रदर्शन प्रतिबंधित है। नगरीय निकायों के आयुक्त और मुख्य नगरपालिका अधिकारी को अधिनियमों/नियमों एवं लायसेंस की शर्तों का पालन कड़ाई से कराने के निर्देश दिये गये हैं। सभी निकाय क्षेत्रों में आगामी 15 दिवस तक अतिक्रमण निरोधी दस्ते तथा स्वास्थ्य अमले के अतिरिक्त जिला एवं पुलिस प्रशासन विशेष अभियान चलायेगा। यह अभियान 15 दिसम्बर से प्रारंभ होकर 31 दिसम्बर तक निरंतर चलाया जायेगा।

धर्मगुरूओं के साथ भी हुई बैठक 

शासन द्वारा दिए गए निर्देशों के परिपालन में धार्मिक स्थलों पर ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग तथा खुले में माँस तथा मछली का विक्रय करने के संबंध में जिले में चलाए जाने वाले अभियान के संबंध में शहर के विभिन्न धर्मगुरूओं के साथ गुरूवार को कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री राजेश चंदेल एवं प्रभारी कलेक्टर श्रीमती अंजू अरूण कुमार ने बैठक ली और बताया कि ध्वनि विस्तारक यंत्रों के संबंध में मध्यप्रदेश कोलाहल नियंत्रण अधिनियम, ध्वनि प्रदूषण (विनियमन एवं नियंत्रण) नियम 2000 के प्रावधान तथा सर्वोच्च न्यायालय तथा उच्च न्यायालय द्वारा समय-समय पर दिए गए निर्देशों के पालन में लाउड स्पीकर एवं अन्य ध्वनि विस्तारक यंत्रों के नियम विरूद्ध तेज आवाज में बिना अनुमति के उपयोग को पूर्णत: प्रतिबंधित किया गया है। ध्वनि प्रदूषण तथा लाउड स्पीकर आदि के अवैधानिक उपयोग की जाँच के लिये दल भी गठित किए गए हैं।

इसके साथ ही नगरीय निकायों द्वारा मध्यप्रदेश नगर पालिका निगम अधिनियम 1956 के प्रावधानों के तहत विशेष अभियान चलाकर बिना अनुमति के माँस तथा मछली का विक्रय प्रतिबंधित किया गया है। धार्मिक स्थलों के मुख्य द्वार से 100 मीटर की दूरी के भीतर उक्त सामग्री का विक्रय या प्रदर्शन प्रतिबंधित है। सभी धर्मगुरूओं से अपील की गई कि ध्वनि प्रदूषण एवं खुले में माँस व मछली विक्रय नियमों के अनुरूप ही हो, इसके लिये सहयोग प्रदान करें।

बैठक में स्पष्ट किया गया कि शासन के प्रावधानों के अनुसार ही नियमानुसार लाउड स्पीकरों का उपयोग किया जा सकेगा। इसके लिये पूर्व में अनुमति लिया जाना आवश्यक है। इसी प्रकार अनुमति के साथ ही निर्धारित प्रावधानों का पालन करते हुए माँस एवं मछली का विक्रय किया जा सकेगा। नियमों का उल्लंघन पाए जाने पर प्रावधानों के अनुरूप कार्रवाई की जायेगी।

सुंदरलाल बर्मनhttps://majholidarpan.com/
Sundar Lal barman (41 years) is the editor of MajholiDarpan.com. He has approximately 10 years of experience in the publishing and newspaper business and has been a part of the organization for the same number of years. He is responsible for our long-term vision and monitoring our Company’s performance and devising the overall business plans. Under his Dynamic leadership with a clear future vision, the company has progressed to become one of Hindi e-newspaper , with Jabalpur district.

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