समर्थन मूल्य पर फसल उपार्जन हेतु पंजीयन और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि जैसी किसानों के हित में चलाई जा रही योजनाओं का लाभ प्राप्त करने भविष्य में फार्मर रजिस्ट्री की आवश्यकता को देखते हुए जबलपुर जिले में अभी तक करीब 62 फीसदी किसानों की फार्मर रजिस्ट्री हो चुकी है।
जबलपुर
जिले की सिहोरा तहसील में 69.25, पनागर तहसील में 66.36, जबलपुर तहसील में 63.9, पाटन तहसील में 62.83, मझौली तहसील में 62.06, कुंडम तहसील में 59.04 एवं शहपुरा तहसील में 52.44 प्रतिशत किसानों की फार्मर रजिस्ट्री हो चुकी है। वहीं शहरी क्षेत्र की गोरखपुर तहसील में 79.89, राँझी तहसील में 41.69 और अधारताल तहसील में 17.43 फीसदी किसानों की फार्मर रजिस्ट्री कराई जा चुकी है।
कलेक्टर कार्यालय की भू-अभिलेख शाखा से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले में 1 लाख 65 हजार 270 किसानों की फार्मर आईडी बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके विरूद्ध अभी तक 1 लाख 625 किसानों की फार्मर रजिस्ट्री का कार्य पूरा हो चुका है। ज्ञात हो कि जबलपुर जिले में कलेक्टर दीपक सक्सेना के निर्देशानुसार किसानों की फार्मर रजिस्ट्री का कार्य राजस्व एवं कृषि विभाग द्वारा अभियान के तौर पर किया जा रहा है।
भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय तथा मध्यप्रदेश शासन के राजस्व विभाग द्वारा जारी निर्देशों के मुताबिक मार्च 2025 के बाद पीएम किसान योजना का लाभ प्राप्त करने किसानों की फार्मर आईडी होना अनिवार्य होगा। फार्मर रजिस्ट्री के अतर्गत प्रत्येक कृषक भूमिस्वामी को एक यूनिक आईडी जनरेट कर प्रदान की जा रही है ताकि कृषकों को आसानी से केसीसी ऋण कम्प्यूटरीकृत प्रक्रिया के माध्यम से प्राप्त हो सके और हितग्राहीमूलक योजनाओं हेतु लक्ष्य निर्धारण एवं कम्प्यूटरीकृत प्रणाली से सत्यापन की प्रक्रिया सुनिश्चित की जा सके।
फार्मर रजिस्ट्री से किसानों की पहचान सुनिश्चित होगी, किसानों का डेटा बेस तैयार होगा और कृषि सबंधी नीतियों के क्रियान्वन में मदद मिलेगी। फार्मर रजिस्ट्री या फार्मर आईडी से किसानों को पीएम किसान एवं अन्य शासकीय योजनाओं का लाभ लेने में भी आसानी होगी। किसान घर बैठे मोबाइल एप के माध्यम से अपनी फार्मर रजिस्ट्री करा सकेंगे। इसके लिये उन्हें प्ले स्टोर पर जाकर फार्मर सहायक एमपी एप डाउनलोड करना होगा तथा आधार वेरीफिकेशन और मोबाइल नम्बर वेरिफिकेशन के बाद किसान को स्वयं की, कृषि भूमि की और समग्र आईडी की जानकारी इसमें दर्ज करनी होगी। मोबाइल एप के अलावा किसान पटवारी अथवा उनके गांव में नियुक्त सर्वेयर सहायक से भी फार्मर रजिस्ट्री करा सकेंगे। एमपी ऑनलाइन कियॉस्क या कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से भी निर्धारित शुल्क चुकाकर किसान फार्मर रजिस्ट्री करा सकेंगे।