कलेक्टर श्री यादव ने लंबित प्रकरणों का निराकरण कर 3 दिवस में जवाब प्रस्तुत करने के दिए निर्देश
कटनी –
कलेक्टर श्री दिलीप कुमार यादव ने सीएम हेल्पलाइन की लंबित शिकायतों के निराकरण में रूचि नहीं लेने वाले और पदीय कर्तव्यों के निर्वहन मे उदासीनता बरतने वाले सीएमएचओ सहित चार तहसीलदारों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
सीएमएच ओ डॉ आर के अठया के अलावा जिन चार तहसीलदारों को सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों के निराकरण में कोताही बरतने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है उनमें तहसीलदार कटनी ग्रामीण अजीत तिवारी, तहसीलदार बड़वारा संदीप सिंह, तहसीलदार बरही नितिन पटेल और तहसीलदार स्लीमनाबाद सारिका रावत शामिल है।
सीएमएचओ की कोताही
सीएमएचओ डॉ अठ्या द्वारा लोक स्वास्थ्य विभाग की 130 लंबित शिकायतों तथा 50 दिवस की 78 शिकायतों सहित प्रसूति सहायता की कुल 1158 एवं 50 दिवस की 665 शिकायतों के निराकरण के मामले में रूचि नहीं लेने के फलस्वरूप जिले एवं विभाग की ग्रेडिंग पर पड रहे प्रतिकूल प्रभाव के साथ -साथ निर्देशों की अवहेलना तथा पदीय कर्तव्यों के निर्वहन में उदासीनता तथा शासन के कार्यों के प्रति लापरवाही बरतने पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी श्री आर.के.अठया के कृत्य को लोक सेवक पद के आचरण के विपरीत मानते हुए कारण बताओं नोटिस जारी किया है।
तहसीलदारों की लापरवाही
तहसीलदार कटनी ग्रामीण द्वारा सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों के संतुष्टिपूर्ण निराकरण नहीं करने की वजह से माह अगस्त 2024 की जारी ग्रेडिंग में तहसील को सी ग्रेडिंग मिली। वहीं तहसीलदार बड़वारा, तहसीलदार बरही और तहसीलदार स्लीमनाबाद की भी माह अगस्त 2024 की सीएम हेल्पलाइन की जारी ग्रेडिंग में सी ग्रेड रही। जिसे कलेक्टर ने संतोषप्रद नहीं माना ।
अधिकारियों ने नहीं ली रूचि
सीएमएचओ सहित सभी चार तहसीलदारों को सीएम हेल्पलाइन की लंबित शिकायतों के निराकरण हेतु प्रत्येक समय-सीमा की बैठक सहित विभागीय बैठकों एवं कार्यालय में बुलाया जाकर निराकरण कराये जाने हेतु अवगत कराने के बाद भी लंबित प्रकारणों के निराकरण में रूचि नहीं ली गई।
3 दिवस में देना होगा नोटिस का जवाब
कलेक्टर श्री दिलीप कुमार यादव द्वारा जारी नोटिस मे मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और चारों तहसीलदारों के इस कृत्य को मध्य प्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम का उल्लंघन मानते हुए उक्त संबंध में माह जून, जुलाई एवं अगस्त 2024 एवं 50 दिवस की लंबित शिकायतों का संतुष्टिपूर्ण निराकरण करते हुए 3 दिवस में जवाब प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया गया है। जवाब प्राप्त न होने की दशा में एकपक्षीय कार्यवाही की चेतावनी दी गई है।