ट्रांसजेंडर्स को मिलेगा ओबीसी का दर्जा
भोपाल
प्रदेश में मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को कोदो, कुटकी, रागी, सांवा आदि के बीज 80 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध कराए जाएंगे। किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए मेले और प्रशिक्षण कार्यक्रम होंगे। विपणन की व्यवस्था भी बनाई जाएगी।
इसके लिए राज्य मिलेट मिशन लागू होगा, जिसकी अनुमति मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में दी गई। मिशन के अंतर्गत दो साल में 23 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे। वहीं, किसी भी मंडी क्षेत्र में निर्यात के उद्देश्य से खरीदे गए गेहूं के मंडी शुल्क की प्रतिपूर्ति की जाएगी।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कैबिनेट के निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि मिलेट मिशन योजना में मोटे अनाज की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने के साथ प्रशिक्षण भी दिलाया जाएगा। विपणन की व्यवस्था बनाने के साथ जिला एवं राज्य स्तर पर मेले, कार्यशाला, फूड फेस्टिवल, रोड-शो किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान निर्देश दिए कि शासकीय कार्यक्रमों में होने वाले भोज में म.टे अनाज का एक व्यंजन अनिवार्य रूप से शामिल किया जाए। छात्रावास एवं मध्यान्ह भोजन में सप्ताह में एक दिन मोटे अनाज के उपयोग की व्यवस्था भी बनाई जाए। इसी तरह बैठक में गेहूं के निर्यात पर मंडी शुल्क प्रतिपूर्ति के नियम में संशोधन को भी स्वीकृति दी गई।
इसके अनुसार प्रदेश के किसी भी कृषि उपज मंडी क्षेत्र में निर्यात के उद्देश्य से खरीदे गए गेहूं पर मंडी शुल्क की प्रतिपूर्ति की जाएगी। इसके लिए व्यापारी को आवेदन करना होगा और इसमें लगने वाली राशि का वहन कृषि उपज निर्यात प्रोत्साहन मद से किया जाएगा। देश के अन्य राज्यों से व्यापारियों द्वारा वाणिज्यिक प्रयोजन के लिए खरीदे गए गेहूं पर मंडी फीस की प्रतिपूर्ति नहीं की जाएगी।
ट्रांसजेंडरों को पिछड़ा वर्ग की सूची में शामिल करने की स्वीकृति
बैठक में ट्रांसजेंडरों को मध्य प्रदेश पिछड़ा वर्ग की सूची में शामिल करने की स्वीकृति दी गई। उच्चतम न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए यह कदम उठाया गया है। वहीं, उज्जैन में डुंगरिया सूक्ष्म सिंचाई परियोजना को प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। इससे महिदपुर विकासखंड के आठ गांवों में सिंचाई की सुविधा मिलेगी।
ग्वालियर जिले की टिकटोली डिस्ट्रीब्यूटरी (हरसी उच्च स्तरीय मुख्य नहर से पोषित) परियोजना की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। इससे 27 गांवों के किसानों को सिंचाई की सुविधा मिलेगी। वहीं, 2021-22 में मूंग-उड़द के उपार्जन में राज्य सहकारी विपणन संघ को हुए नुकसान की प्रतिपूर्ति सरकार द्वारा किए जाने के निर्णय का अनुसमर्थन किया गया। कैबिनेट ने सरस्वती शिक्षा समिति सागर को शैक्षणिक गतिविधियों के संचालन के लिए 23 हजार 680 वर्ग फीट का स्थायी पट्टा देने का निर्णय भी लिया गया।