एपीसी ने किसानों की इकॉनॉमी को सशक्त करने के दिये निर्देश
जबलपुर
कृषि उत्पादन आयुक्त श्री अशोक वर्णवाल की अध्यक्षता में आज रबी वर्ष 2024-25 एवं खरीफ 2025 के कार्यक्रमों के संबंध में कलेक्ट्रेट सभागर में बैठक आयोजित की गई। उन्होंने कहा कि पिछले दो बैठकों में किसानों के कल्याण के लिए विस्तृत चर्चा की गई थी और इस बार उनके आर्थिक पक्ष को मजबूत करने की दिशा में चर्चा की गई। जिसमें उन्होंने कहा कि परम्परागत कृषि को हाई वैल्यू क्रॉप में शिफ्ट करें, जिससे आपूर्ति के साथ मांगो को बढ़ाना होगा, बाजार का सृजन करना होगा। तभी किसानों को सही दाम मिल सकेगा। गेहूं व धान के अलावा ऐसे फसल जिसमें किसानों को ज्यादा लाभ मिले हैं उन्हें अब समय है कि हाई वैल्यू की तरफ शिफ्ट करें। बैठक में पीएस श्री उमाकांत उमराव, जबलपुर कमिश्नर श्री धनंजय सिंह, कृषि व कृषि संबंद्ध सभी विभागों के डायरेक्टर और संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर व सीईओ जिला पंचायत व संबंधित अधिकारी मौजूद थे। बैठक के प्रथम सत्र में कृषि, मंडी, उद्यानिकी, सहकारिता तथा दूसरे सत्र में पशुपालन एवं डेयरी व मछुआ कल्याण विभाग की समीक्षा की गई।
एसीएस श्री वर्णवाल ने सभी कलेक्टर्स से किसानों के आर्थिक सृजन के लिए किये गये बेहतर प्रयासों की जानकारी ली। इस दौरान सभी कलेक्टरों ने बारी-बारी से अपने-अपने जिले में किसानों के कल्याण तथा उनकी आर्थिक सशक्तिकरण के बारे में किये जा रहे नवाचारों के बारे में विस्तार से बताया। कृषि विभाग की समीक्षा के दौरान नरवाई प्रबंधन, हैप्पी सीडर और सुपर सीडर, कस्टम हायरिंग, फसलों की नई किस्म, मृदा परीक्षण, मानक खाद व बीज, भूमि, किसान और फसल की रजिस्ट्री, मार्केट जनरेशन के संबंध में चर्चा करते हुए कहा कि भविष्य में एग्रीस्टेग भूमि, किसान और फसल की रजिस्ट्री, कृषि में नए परिवर्तन ला सकता है। उन्होंने बीज प्रमाणिकरण, फोर्टिफाईड राइस, ई-मंत्री योजना, मंडियों की व्यवस्थाएं तथा उनकी निगरानी के साथ कहा कि मंडियों के नाम राजस्व अभिलेखों में दर्ज हो जायें। उद्यानिकी के संबंध में फसलवार व क्षेत्रवार जानकारी लेकर कहा कि इसके लिए एक ऐसा रणनीति बनाएं जिससे उद्यानिकी का एक बड़ा कलस्टर बने, जिसमें खरीददार स्वयं आयें। उन्होंने किसान पंजीयन, मूल संवर्धन, मार्केटिंग व ब्रांडिंग तथा निर्यात को बढ़ावा देने के संबंध में चर्चा कर आवश्यक निर्देश दिये। इसी प्रकार सहकारिता में बी-पेक्स के गठन, मत्स्य व दुग्ध समितियों के खाते खोलने साथ ही सदस्यों के खाते भी 16 जुलाई तक अभियान चलाकर खुलवाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि समितियों के बहुउद्देशीय व्यवसाय के लिए 15 अगस्त तक योजनाओं को स्वीकृति दें। बैठक के द्वितीय सत्र में पशुपालन एवं डेयरी विभाग की समीक्षा के दौरान पशु संवर्धन, सेक्स सॉट्रेड सीमेन, कृत्रिम गर्भाधान, नस्ल सुधार, पशु पोषण आहार, केसीसी, डॉ. भीमराव अम्बेडकर कामधेन योजना, मिल्करूट, बड़ी गौशाला बनाने, नए मिल्क पार्लर खोलने आदि पर विस्तृत चर्चा की गई। इसी प्रकार मत्स्य उत्पादन व उनके संवर्धन तथा इससे किसानों की इकॉनॉमी को सशक्त करने के निर्देश दिये।