पहले प्रयास में अस्पताल को राष्ट्रीय मानकों पर खरा पाया गया
बालाघाट
तीन डॉक्टर्स की विशेष टीम ने अस्पताल के 18 विभागों में 250 बिंदुओं पर परखा था
कलेक्टर श्री मीना ने पहली बार एनक्वास का दिया था विचार
जबलपुर संभाग के बालाघाट जिला में स्थित शहीद भगत सिंह अस्पताल नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस सर्टिफिकेट प्राप्त करने वाला दूसरा अस्पताल बन गया है। यह सर्टिफिकेट मिलना इतना आसान नहीं है कि हर अस्पताल यह खिताब पा ले। इसके लिए अस्पताल के हर विभाग और हिस्से को 250 बिंदुओं पर खरा उतरना पड़ता है। जैसा बालाघाट जिला अस्पताल में डॉक्टरर्स के विशेष दल को मिला है। सिविल सर्जन डॉ.निलय जैन के इस बात की पुष्टि करते हुए बताया कि अब जिला अस्पताल राष्ट्रीय स्तर के मानकों में शामिल हो गया है। प्रदेश में ऐसे चुनिंदा शासकीय जिला अस्पताल है जो हर विभाग में अपनी उत्कृष्ट चिकित्सा सेवा देने के योग्य है। अभी प्रदेश में 10 से 12 जिला अस्पताल ही है जो यहां तक पहुँच पाएं है। उन्होंने यह भी कहा कि कलेक्टर श्री मृणाल मीना ने पहले ही निरीक्षण के बाद यह विचार दिया कि एनक्वास सर्टिफिकेट के लिए प्रयास करने की सारी खूबियां है। बस जो कमियां है उसे दूर किया जाए। इसके बाद 10 महीनों में कमियों को दूर किया गया। शनिवार को एनक्वास के सलाहकार श्री जेएन श्रीवास्तव ने एनएचएम मिशन संचालक को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है। रिपोर्ट में 82.07 प्रतिशत के साथ गुणवत्ता प्रमाणित की है।
कलकत्ता, पूना और हिंगोली के डॉक्टर्स के दल ने परखी थी सेवाएं –
राष्ट्रीय हैल्थ मिशन के निर्देशानुसार जिला अस्पताल में संचालित 18 विभागों की तफ्तीश के लिए तीन विशेषज्ञ डॉक्टरर्स का दल 28 अप्रैल से 30 अप्रैल 2025 को निरीक्षण पर पहुँचा था। उन्होंने अपने सर्वे व पड़ताल में एनक्वास के लिए हर विभाग के लिए निर्धारित 250 बिंदुओं पर सेवाएं, सुविधाएं, मशीनें, यंत्र,अमला, यूनिफार्म आदि की पड़ताल की। इस पड़ताल में सभी 18 विभागों को 70 प्रतिशत से अधिक अंक दिए गए। ओवरऑल जिला अस्पताल को एनक्वास प्रमाणीकरण के लिए 82.07 प्रतिशत अंक मिलें। जो यह भी दर्शाता है कि अस्पताल में उपयोग होने वाले स्वास्थ्य सूचकांक उत्कृष्ट स्तर के है। इसके लिए पूना से डॉ. रानू, कलकत्ता से डॉ. शिरीष और हिंगोली से डॉ. गोपाल कदम ने यहां तीन दिनों तक व्यवस्थाएं और स्वास्थ्य सेवाएं परखी थी।
अब आगे क्या और क्या होंगे फायदे –
राष्ट्रीय स्तर का अस्पताल प्रमाणित होने के बाद यहां की सभी मांग जो अस्पताल प्रबंधन द्वारा की जायेगी, वो जल्द मिलने लगेगी। डॉ. जैन ने बताया कि इसका सीधा लाभ 40 लाख रुपये प्रतिवर्ष 3 वर्षो तक रोगी कल्याण समिति को प्राप्त होंगे। इसके अलावा जो भी जरूरतें होगी जैसे- आवश्यक मशीन, उपकरण, स्टॉप आदि वो तुरंत मिलेंगे। इसके अलावा डॉक्टरर्स की पूर्ति भी की जाएगी। सीएस डॉ. जैन ने बताया कि इसके लिए सभी विभागों के डॉक्टरर्स, नर्सेस, वार्ड बाय,क्वालिटी कंट्रोल टीम और पूर्व सीएमएचओ डॉ.मनोज पांडे का बेहतर सहयोग रहा। सभी के सहयोग से कामयाबी मिली है।
वर्तमान में जिला अस्पताल में 42 डॉक्टर्स अपनी सेवाएं दे रहें है। इनके अलावा 206 नर्सेस, 15 वार्ड बॉय, 18 तकनीशियन, 39 ऑउट सोर्स के कर्मचारी और 65 सफाई कर्मी है। जिला अस्पताल में एक ब्लड कलेक्शन के लिए वाहन सहित कुल 4 वाहन उपलब्ध है।