सर्पदंश पीड़ित को बिना समय गंवायें अस्पताल पहुंचाने की करें व्यवस्था
कलेक्टर श्री यादव ने सर्पदंश प्रभावितों के त्वरित उपचार और घुमंतु गोवंश को गोशालाओं में पहुंचाने की व्यवस्था के दिए निर्देश
कटनी
– सर्पदंश पीड़ित को पूरी संवेदनशीलता और सजगता के साथ त्वरित उपचार मुहैया कराने सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में पर्याप्त मात्रा में एंटी वेनम इंजेक्शन की उपलब्धता रहे। यह भी सुनिश्चित हो कि सर्पदंश या जहरीले कीड़े के काटने से प्रभावित व्यक्ति को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए सहजता से वाहन की उपलब्धता हो। इसके लिए सभी जनपद पंचायत के सीईओ, थाना प्रभारी, संबंधित सरपंच, सचिव व आशा कार्यकर्ता के बीच बेहतर तालमेल रहे, ताकि सर्पदंश पीडि़त को बिना समय गवाएं त्वरित उपचार मिल सके। कलेक्टर श्री दिलीप कुमार यादव ने यह निर्देश शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित बैठक में दिए। इस दौरान पुलिस अधीक्षक श्री अभिनय विश्वकर्मा और वनमंडलाधिकारी श्री गौरव शर्मा खासतौर पर मौजूद रहे।
बैठक में अपर कलेक्टर साधना परस्ते, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ. संतोष डेहेरिया, सभी एसडीएम, जिला चिकित्सालय के वरिष्ठ चिकित्सक, सभी विकासखंड चिकित्सा अधिकारी, संयुक्त कलेक्टर संस्कृति लटोरिया, डिप्टी कलेक्टर श्री विवेक गुप्ता मौजूद रहे।
कलेक्टर ने बैठक में हाइवे व मुख्य मार्गों में घुमन्तु गौवंशों को गौशालाओं और गौ- आश्रय स्थलों में पहुंचाने के भी निर्देश दिए।
कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि 108 एंबुलेंस सेवा, डायल 100 वाहनों के अलावा पंचायत स्तर से सर्पदंश और जहरीले कीड़े काटने के प्रभावितों को तत्काल नजदीकी अस्पताल में पहुंचाने की पुख्ता व्यवस्था हो, ताकि गोल्डन आवर में सर्पदंश प्रभावित का उपचार शुरू हो सके। सर्पदंश प्रभावित व्यक्ति के परिजन 108 और 100 डायल के अलावा कलेक्ट्रेट स्थित जिला कंट्रोल रूम के दूरभाष नंबर 07622-220071 और 07622-220072 पर भी सूचना दे सकते हैं।
कलेक्टर ने सभी एसडीएम को निर्देशित किया है कि वे झाड़-फूक करने वाले बाबाओं, गुनिया, ओझा तथा झोलाछाप डाक्टर पर कार्यवाही करें, ताकि प्रभावितों को बिना समय गवायें उपचार मिल सके। कलेक्टर ने सीएमएचओ को निर्देशित किया कि वे अस्पतालों के स्टाफ को प्रशिक्षण दें। साथ ही सीएचसी और पीएचसी अस्पतालों में प्रशिक्षित स्वास्थकर्मी की 24 घंटे उपलब्धता सुनिश्चित करने की हिदायत दी।
कलेक्टर ने ताकीद किया कि सर्पदंश से मौत की ऑडिट होगी और सर्पदंश पीडि़त की मौत के लिए दोषी व्यक्ति की जवाबदेही तय होगी और कार्यवाही की जायेगी। इसके लिए जिला प्रशासन, पुलिस और अस्पताल के अधिकारियों की टीम बनाई जाएगी।
कलेक्टर ने कहा कि स्थानीय स्तर पर सांप पकड़ने वाले सर्प मित्र की मोबाइल संपर्क सूची वन विभाग से प्राप्त कर संबंधित पुलिस थाना और जिला कंट्रोल रूम में रखी जाय।
गौवंशों को गौशाला में पहुंचायें
कलेक्टर श्री यादव ने बैठक में अधिकारियों को निर्देशित किया कि राष्ट्रीय राजमार्ग, हाइवे और मुख्य सड़क मार्गों में गौवंश के स्वच्छंद विचरण और बरसात के मौसम में पशुओं के सड़कों में जमावड़े से होने वाली दुर्घटनाओं की रोकथाम और गौवंश को सुरक्षित गौशालाओं और गौ आश्रय स्थलों में पहुंचाने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि आश्रय-स्थलों में भूसा-चारा और पानी का समुचित प्रबंध होना चाहिए।
कलेक्टर श्री यादव ने कहा कि बरसात के मौसम में अधिकतर मवेशी सड़कों पर बैठते हैं जो दुर्घटनाओं की बड़ी वजह बनते हैं। साथ ही जानवर भी कई बार हादसे का शिकार होकर या तो मर जाते हैं या फिर दुर्घटना के कारण भयावह पीड़ा और कष्ट झेलते हैं। इसके लिए कलेक्टर ने नेशनल हाइवे, नगर निगम क्षेत्र और ग्रामीण क्षेत्रों में पर्याप्त वाहनों की तैनाती की हिदायत दी। ताकि घायल पशुओं को इलाज हो सके और मृत गोवंश का नियमानुसार निपटान हो। उन्होंने कहा कि स्थानीय व्यवस्था के अनुसार अधिकारी अस्थायी तौर पर भी गौ आश्रय स्थलों की व्यवस्था करना सुनिश्चित करें। सड़कों में पशुओं को छोड़ने वाले पशु मालिकों के विरूद्ध एफआईआर व जुर्माना की कार्यवाही की जाये। साथ ही अभियान चलाकर पशुओं की सींगों में रेडियम पट्टे लगाने की कार्यवाही करने के भी निर्देश कलेक्टर ने दिए।