बुंदेलखंड की गरीबी और पिछड़ेपन को शिक्षा का दीप जला कर दूर किया डाॅ. गौर ने- मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह,तीन दिवसीय सागर गौरव दिवस समारोह का शुभारंभ बच्चों के समक्ष हुआ
सागर
जब डाॅ. हरी सिंह गौर साहब ने सागर में विश्वविद्यालय का निर्णय लिया तब बहुत से तत्कालीन प्रभावशाली लोगों ने उनके इस निर्णय का विरोध करते हुए दिल्ली, नागपुर जैसी जगहों पर यूनिवर्सिटी खोलने का सुझाव दिया था। उनके इन सुझावों को डाॅ. गौर ने यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि मेरे बुंदेलखंड में गरीबी और पिछड़ापन है, यदि यहां के लोग शिक्षित हो जाएं तो वे गरीबी और पिछड़ेपन से खुद बाहर निकल आएंगे। ऐसी बहुत सी बातें बताते हुए नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने आज स्कूली बच्चों को डाॅ. हरी सिंह गौर और उनके योगदान के विषय में प्रेरक उद्बोधन दिया। स्कूली बच्चों के बीच इस कार्यक्रम के साथ ही मंत्री श्री सिंह ने सागर गौरव दिवस के तीन दिवसीय समारोह का विधिवत शुभारंभ किया।
मंत्री श्री सिंह ने बच्चों से कहा कि यदि आप के पास शिक्षा है तो आपके पास सब कुछ है। इसका जीवंत प्रमाण डाॅ. हरी सिंह गौर ही हैं। एक गरीब परिवार से निकल कर सिर्फ शिक्षा के सहारे वे छात्रवृत्तियां अर्जित करते हुए ,मेरिट में आते हुए विदेश जाकर दुनिया के प्रख्यात बैरिस्टर बन गये। उन्होंने जीवन में बहुत धन अर्जित किया और सागर में विश्वविद्यालय खोल कर अपनी शिक्षा को सार्थक कर गए।
श्री सिंह ने कहा कि डाॅ. गौर ने जो विश्वविद्यालय खोला वह कई मायनों में असाधारण था। दुनिया के सर्वश्रेष्ठ विद्वान शिक्षाविदों को वे विश्वविद्यालय में लाए। ऐसे ऐसे विषयों की फेकल्टी उन्होंने यहां खोलीं जिनकी पढ़ाई देश में कुछ ही विश्वविद्यालयों में होती थी। फार्मेसी, ज्योलाजी, एंथ्रोपोलॉजी, बाटनी, जूलाजी, क्रिमिनालाजी, साइक्लाजी, परफार्मिंग आर्ट जैसे विभागों की सबकी अलग बिल्डिंग जहां सिर्फ उसी विषय की पढ़ाई हो। एक हजार एकड़ में बनी यह यूनिवर्सिटी दुनिया के सबसे बड़ी भूमि में बनी यूनिवर्सिटी है। और यह सब अपनी निजी संपत्ति से डाॅ. हरी सिंह गौर ने हम बुंदेलखंड वालों की गरीबी और अशिक्षा दूर करने के लिए किया। मंत्री श्री सिंह ने बताया कि हमारे छात्र जीवन में ही सागर विश्वविद्यालय में 15000 विद्यार्थी पढ़ते थे जिनमें देश विदेश तक के छात्र शामिल रहते थे। उन्होंने कहा कि सागर विश्वविद्यालय अब डाॅ. हरी सिंह गौर से एक सेंट्रल यूनिवर्सिटी बन चुकी है और हमारी सरकार की कोशिश है कि चार पांच सालों के भीतर यहां आईआईटी, आईआईएम, एयरहोस्टेस, ड्रोन संचालन संबंधी कोर्सेस नर्सिंग कोर्स जैसी फेकल्टी खोली जाएं ताकि हमारे बच्चों को बाहर पढ़ने नहीं जाना पड़े। उनके इस योगदान का कर्जदार सागर का एक एक परिवार है। वे हमारा गौरव हैं और हमें उनके जन्मदिन को दीपावली की भांति मनाना चाहिए।
मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह ने पद्माकर सभागार में उपस्थित लगभग एक हजार बच्चों से आग्रह किया कि वे तीन दिनों के सभी समारोहों में यथासंभव भाग लें। सभी बच्चे 26 नवंबर की शाम चार बजे तीनबत्ती पहुंच जाएं और गौरव दिवस के मुख्य कार्यक्रम में शामिल हो कर उत्सव मनाएं। मंत्री श्री सिंह ने बच्चियों से कहा कि वे दीवाली की तरह रंगोली सजाएं। 25 नवंबर की शाम से ही पांच दीपक घर में जलाएं। मंत्री श्री सिंह ने आयोजन समिति के अध्यक्ष कलेक्टर दीपक आर्य की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे इस समारोह के लिए दिन रात परिश्रम कर रहे हैं ताकि सागरवासी उत्सव मना सकें।
सांसद ने गौरव दिवस कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए अपने उद्बोधन में मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान और मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह का इसके लिए आभार व्यक्त किया कि सागर का गौरव दिवस मनाने के लिए डाॅ. गौर की जयंती का दिन चयनित किया गया। उन्होंने सभी से मुख्य समारोह में उपस्थित होकर समारोह को एतिहासिक बनाने की अपील सागर की जनता से की। विधायक शैलेन्द्र जैन ने अपने संबोधन में कार्यक्रम का विवरण देते हुए बताया कि पद्माकर सभागार में दो हजार बच्चों को दो शिफ्ट में बुला कर डाॅ. हरी सिंह गौर पर आधारित फिल्म ‘सूर्य से प्रचंड गौर‘ दिखाई जाएगी। सागर के विकास पर आधारित एक दस मिनट की डाक्यूमेंट्री दिखाई जाएगी और संध्या काल में महिलाओं के लिए कार्यक्रम होंगे।
कार्यक्रम में महापौर प्रतिनिधि सांसद राजबहादुर सिंह, विधायक शैलेन्द्र जैन, डाॅ. सुशील तिवारी, कलेक्टर व आयोजन समिति के अध्यक्ष दीपक आर्य, निगम परिषद अध्यक्ष वृंदावन अहिरवार, निगम आयुक्त चंद्रशेखर शुक्ला, नेवी जैन, विनोद तिवारी, नरेश यादव, सोमेश जड़िया, संतोष रोहित, शैलेन्द्र ठाकुर, गुड्डा खटीक, अनूप उर्मिल, रिशांक तिवारी, विशाल खटीक, रामू ठेकेदार, नवीन भट्ट सहित अनेक पार्षदों , गणमान्य नागरिकों ने कार्यक्रम में उपस्थित थे।