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विभाग कर रहा लीपापोती, मझौली ब्लॉक की तलाड़ और नांदघाट सोसाइटी का मामला
- मझौली
7.5 लाख़ रूपये की कीमत का PDS राशन कालाबाजारी में चला गया ,जिम्मेदार महीनों से चुप्पी साधे
राजधानी भोपाल से सूबे के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गरीबों के लिए नई नई योजना जनकल्याण के लिए बड़े बड़े दावे करते है,लेकिन ज़मीनी हक़ीक़त इससे उलट है
क्योंकि भ्रष्टचार मध्यप्रदेश की नस नस में समाया हुआ है, इसकी एक बानगी हम आपको दिखा रहे है
ताज़ा मामला जबलपुर ज़िले की मझौली तहसील का है यहां पर गरीबों को मिलने वाले राशन में भारी भ्रष्टचार हुआ है, ख़ास बात यह है कि राशन दुकान संचालक को पूर्व में हटाने का आदेश उपायुक्त कार्यालय से दिया गया था लेकिन अधिकारियों ने इस आदेश को ठेंगा दिखाते हुए किसी भी प्रकार की कोई कारवाई नहीं की, जिसका नतीज़ा यह है कि यह भ्रष्ट दुकानदार गरीबों के राशन पर डाका डालकर सरकारी राशन की कालाबजारी कर रहा है लेकिन विभाग के आला अफसरों के पास लिखित शिकायत जानें पर भी भ्रष्ट सेल्समैन को बचाने का प्रयास किया जा रहा है।
आज भी गरीब और असहाय लोगों के लिए सरकार की योजना मिलनी कितनी कठिन है इसका आंकलन आप इस खबर से लगा सकते है। तलाड राशन दुकान में 4 माह का मुफ्त राशन और नांदघाट में 6 माह का मुफ्त राशन गरीबों को बांटा ही नहीं गया ।
ताज़ा मामला में जबलपुर ज़िले की मझौली तहसील में आने वाली शासकीय उचित मूल्य दुकान तलाड और नांदघाट का है, जहां गरीबों के साथ PDS राशन के घोटाले का मामला सामने आया है।
मामले की जानकारी को मझौली तहसीलदार प्रदीप मिश्रा ने कलेक्टर को भी अवगत कराया है। स्थानीय प्रशासन एसडीएम से लेकर ज़िले के कलेक्टर तक और विभाग के आला अफसरों तक बात गई लेकिन सब के सब मौन धारण किए बैठे है ??
जबकि CM के सख्त आदेश है गरीबों के राशन PDS घोटाला में किसी को नहीं छोड़ना है सीधा जेल भेजना है वस्तु अधिनियम के तहत पुलिस को FIR दर्ज करने की भी खुली छूट CM शिवराज ने दे रखी है।
फिर भी यह भ्रष्टचार पूरे सिस्टम की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहा है।
कैसे हुआ PDS राशन घोटाला ??
1) कोरोना काल में दो प्रकार का राशन आया केंद्र का फ़्री राशन,तो राज्य का 1रूपये प्रति किलो
2) गरीब जनता के अनपढ़ और जागरूकता न होने के कारण फ़्री वाला राशन तो कभी कभी दिया गया लेकिन राज्य की शिवराज सरकार के PDS राशन की कालाबाजारी कर दी गई
3) गांव के प्रधान ने आम जनता की आवाज़ को उठाकर जब इसकी लिखित शिकायत प्रशासन को दी तब प्रशासन दिखावे मात्र के लिए हरकत में आया।
4) मौके पर खाद्य विभाग की JSO पल्लवी जैन और उनका अमला पहुंचा तो उन्हें स्टॉक कम मिला जिसका आंकलन उन्होंने किया तो करीब 7 लाख 34 हज़ार की राशि के गबन का खुलासा हुआ ।
5) विभाग ने पाया कि ऑनलाइन स्टॉक से काफ़ी कम मात्रा में है गेहूं, चावल, शक्कर और नमक
6) इस घटना को बीते करीब चार माह से अधिक हो चुका है लेकिन शासन की तरफ़ से न तो कोई FIR दर्ज की गई,और जैसे तैसे मामले की लीपापोती में पूरा विभाग और प्रशासन लगा हुआ है।
7) शासकीय उचित मूल्य तलाड़ दुकान के भ्रष्ट सेल्समैन राधे यादव को प्रबंधक के प्रभार में बीते तीन साल हो गए है,और इनके अधीनस्थ आने वाले ,तलाड,रोंसरा,नांदघाट, हरदुआ बंधा ,मरहटी ,देवरी, और जुझारी उमरिया
राशन दुकानों में भी भ्रष्टचार का सिलसिला जारी है, लेकिन देखने और सुनने वाला कोई नहीं है।
8) सेल्समैन राधे यादव का यह पहला मामला नहीं है इससे पहले वह गरीबों के राशन कालाबाजारी में लिप्त पाएं जाने के कारण जेल जा चुका है।
9)किसानों के साथ भी किए घोटालें
मूंग खरीदी में घोटाला,
किसानों की खरीदी सोसायटी में धान और गेंहू में कमीशनखोरी से लेकर कई मामले उजागर हो चुके है, फिर भी इतने बड़े पैमाने में किए गए भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का काम प्रशासन क्यों कर रहा है???.. इस पर बड़ी कारवाई कब होगी???
यह अपने आप में बड़ा सवाल है??
10) भ्रष्ट सेल्समैन राधे यादव की नियुक्ति भी फर्जी है जिसका केस कार्यालय उपायुक्त सहकारिता जबलपुर में चल रहा है, जिसके पुख्ता सबूत भी मीडिया के हाथों लगे है।
राधेलाल यादव पिता श्री सूरज प्रसाद यादव को सेवा से पृथक करने बावत् सन्दर्भ:- कार्यालय द्वारा पूर्व प्रेषित पत्र क्र 611 दिनांक 14.03.14 व क्र/400 दिनांक 18.02.14 एवं क्र/2435 दि. 29.09.15 व क्र/2770 दि. 20.11.15 में आदेश आने के बावजूद आखिर किसकी शह में पूरी नियमों को ताक में रखकर भ्रष्ट सेल्समैन राधे यादव को विभाग में कार्यरत रहने की परमिशन कैसे मिल गई यह भी अपने आप में बड़ा सवाल है।
मध्यप्रदेश में कोई कितना भी बड़ा भ्रष्टाचारी क्यों न हों उसको मिलकर सिस्टम में बैठे दूसरे भ्रष्टाचारी बचा रहे है।
क्या कहते है जिम्मेदार ?
यह मेरे विभाग का मामला नहीं है हम कोई भी कार्यवाही नहीं कर सकते हैं।
नुजहत बक़ाई
जिला खाद्य अधिकारी
मामला मेरे संज्ञान में नहीं है जानकारी लेकर कार्यवाही की जाएगी।
पी के सिद्धार्थ
उपायुक्त सहकारिता
यह 02 प्रकरण अलग दुकानों के है नांदघाट एवम तलाड से संबंधित है दोनो ही प्रकरण में जांच की जा चुकी है तलाड़ में रिकवरी के लिए नोटिस जारी किया गया है क्योंकि मौके पर जांच में वितरण होना पाया गया किंतु स्टॉक की जांच करने पर स्टॉक कम पाया गया जिसका प्रकरण पंजीबद्ध किया गया जिसका प्रकरण एसडीएम कोर्ट में प्रचलन मै है जिस विक्रेता के खिलाफ प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है उसके द्वारा दुकान का संचालन नही किया जा रहा है।
नांदघाट की जांच समिति प्रशासक सहकारिता विस्तार अधिकारी के द्वारा की गई जिसमे विक्रेता को पद से प्रथक कर दिया गया है जिसमे विक्रेता के द्वारा माननीय हाई कोर्ट से स्थगन आदेश प्राप्त कर लिया गया है अतः उक्त दोनों दुकानों की प्राप्त शिकायत अनुसार जांच की जा चुकी है दोनो ही केस में प्रकरण पंजीबद्ध है।
इलैया राजा टी
कलेक्टर जबलपुर