जनपद पंचायत मझौली में आयोजित किये गये दिव्यांग चिन्हांकन शिविर में ग्राम पंचायत जौली सरपंच सचिव दिखे नदारद
मझौली जबलपुर
यह हम नही ग्राम पंचायत जौली से आई विकलांग बच्ची के साथ महिला ने बताया कि सुबह से उन्हें रोजगार सहायक ने मझौली जनपद पंचायत विकलांग चिन्हांकन शिविर में भेजा है वो सुबह से जनपद पंचायत के बाहर विकलांग बच्ची को जमीन पर लेटाये हुए हैं न सरपंच, सचिव, कोई भी पूछने तक नहीं पहुंचा न ही कोई व्यवस्था की बैठने की कोई व्यवस्था की गई ,यहा तक पानी, नास्ते,खानें को सुबह से शाम तक कोई पूछने वाला नहीं है
मझौली में आयोजित दिव्यांग चिन्हांकन शिविर से सरपंच, सचिव, रोजगार सचिव की अनुपस्थिति ने कई सवाल उठाए हैं।
यह शिविर दिव्यांगजनों को सहायक उपकरण प्रदान करने और उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करने के लिए आयोजित किया गया था, लेकिन अधिकारियों की गैरहाजरी ने इसकी सफलता पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है ¹।
इस शिविर का उद्देश्य दिव्यांगजनों को सशक्त बनाना और उनके जीवन को सुगम बनाना था, लेकिन अधिकारियों की अनुपस्थिति ने इसके उद्देश्य को कमजोर कर दिया।
दिव्यांगजनों को सहायक उपकरण प्रदान करने और उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करने के लिए ऐसे शिविरों की आवश्यकता है,
लेकिन अधिकारियों की जिम्मेदारी भी है कि वे इसमें शामिल हों और इसकी सफलता सुनिश्चित करें।