भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेष का दर्शन इस वर्श सारनाथ महाबोधि मूलगंध कुटी विहार स्थित बुद्ध मंदिर में 6 से 8 नवंबर तक होगा
वाराणसी
विभिन्न देशों के दर्शनार्थियों के दल सारनाथ पहुंच रहे हैं।
मूलगंध कुटी विहार के 91वें वार्षिकोत्सव के अवसर पर भगवान बुद्ध की उपदेश तथा तपःस्थली सारनाथ में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा। तीन दिनों के लिए भगवान बुद्ध की पवित्र अस्थि को श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ मूलगंध कुटी विहार में रखा जायेगा। 8 नवंबर को पवित्र अस्थि-अवशेषों की शोभा यात्रा प्रतिवर्ष की भांति मूलगंध कुटी विहार से प्रारम्भ होकर विभिन्न मार्गों से होते हुए सारनाथ खण्डहर परिसर में प्रवेश कर वीआइपी गेट होते हुए मूलगंध कुटी विहार पहुंच कर समाप्त होगी।
महाबोधि सोसायटी ऑफ इण्डिया मूलगंध कुटी विहार के विहाराधिपति भन्ते आर सुमित्तानन्द थेरो ने बताया कि इस वर्ष विहार के 91वें वार्षिकोत्सव के अवसर पर 3 दिवसीय कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। 6 से 8 नवम्वर तक विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन होंगे। 6 नवंबर को पालि एवं बौद्ध धर्म पर आधारित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार आयोजित है। 6 तथा 7 नवंबर को मूलगंध कुटी विहार में पारंपरिक कठिन-चीवर पूजा एवं महासंघ दान का आयोजन है। 6 नवंबर को प्रातः भगवान बुद्ध की अस्थियों के पारंपरिक पूजन के साथ बुद्ध के पवित्र अस्थि कलश को मूलगंध कुटी विहार में रखा जाएगा जिसका 3 दिन तक देश-विदेश से आएं श्रद्धालु दर्शन करेंगे। 6 नवंबर सायं 8 बजे से बोधि वृक्ष के समीप महापरित्राण पाठ होगा जो पूरी रात चलेगा। । कार्तिक पूर्णिमा के उपलक्ष्य में धमेख स्तूप, बोधि वृक्ष, मूलगंध कुटी विहार सहित सारनाथ को विद्युत झालरों व पंचशील झंडों से सजाया गया है। 6 नवंबर अपराह्न 3 बजे विश्वशान्ति के लिए धमेख स्तूप पर प्रार्थना के साथ मूलगंध कुटी विहार परिसर में दीप प्रज्जवलित किये जायेंगे। 8 नवंबर मूलगंध कुटी विहार के 91वें वार्षिकोत्सव पर अपराह्न 3.00 बजे मूलगंध कुटी विहार में धर्म सभा का आयोजन किया गया है।
महाबोधि सोसायटी ऑफ इण्डिया द्वारा संचालित महाबोधि विद्या परिषद के अधीन चलने वाले महाबोधि विद्यालय समूह का 89वीं वार्शिकोत्सव 9 नवंबर को आयोजित किया गया है। अपराह्न 2. 00 बजे सार्वजनिक सभा महाबोधि इण्टर कॉलेज परिसर में आयोजित की जाएगी।