नायब तहसीलदार मझौली रा.नि.मं पोंड़ा के ग्राम बरगी प.ह.नं. 75 का मामला बरगी में एक व्यक्ति ने जालसाजी कर कूट रचित दस्तावेज तैयार कर न्यायालय में लंबित वादग्रस्त 0.09 हेक्ट, भूमि बेचे जाने का मामला प्रकाश में आया है।
मझौली
पीड़ित ने एस.डी.एम. सिहोरा से समस्त पुख्ता प्रमाणों के साथ शिकायत देकर संबंधित भूमि का विक्रय निरस्त कर पारित नामांतरण आदेशों को खारिज करने की मांग की परंतु एस.डी.एम सिहोरा द्वारा मामले में कोई भी कार्यवाही न करने से पीड़ित ने मामले की शिकायत जिला कलेक्टर से भी की है ।
शिकायतकर्ता सच्चिदानंद मिश्रा ने शिकायत में बताया कि ग्राम बरगी निवासी रामकुमार मिश्रा ने खसरा नं. 452/1 रकवा 2.05 हे. वादग्रस्त भूमि में से 0.06 हेक्टे. भूमि 26/05/2020 को दीपांशु रितिक दुबे को बेच दी एवं 14/10/2021 0.03 हेक्ट. वादग्रस्त भूमि आशीष मिश्रा को बेच दी मालूम रहे कि माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर ने अपने एक प्रकरण के निर्णय से गाईड लाईन जारी की है । न्यायालय में प्रकरण लंबित रहने दौरान यदि वादग्रस्त भूमि बेची जाती है तो उसकी रजिस्ट्री स्वतः शून्य मानी जायेगी लेकिन माननीय उच्च न्यायालय की जारी गाईड लाईन का नायब तहसीलदार पोड़ा द्वारा पालन नहीं किया गया है और विक्रित संबंधित वादग्रस्त भूमि पर नामांतरण आदेश जारी कर दिया विक्रेता द्वारा इसके पूर्व भी 2016 में वादग्रस्त भूमि खसरा नं 473 / 3 रकवा 0.02 हे. में से 0.01 हे. भमि का विक्रय सत्यभामा गौतम को किया गया था विक्रित भूमि का नामांतरण आदेश 15/03/2018 के पारित किया गया है जबकि राजस्व एवं सिविल न्यायालयों ने भी विक्रेता रामकुमार मिश्रा को विधिक भूमि स्वामी ही नहीं माना है।