जिले के सिहोरा विकासखण्ड के उप स्वास्थ्य केंद्र सरोली के अंतर्गत ग्राम प्रतापपुर की उच्च जोखिम वाली महिला सोनाबाई कोल का जबलपुर के रानी दुर्गावती चिकित्सालय (एल्गिन अस्पताल) का कल रविवार को सुरक्षित प्रसव कराया गया।
जबलपुर
पन्द्रह सप्ताह की गर्भवती सोना बाई कोल का हीमोग्लोबिन का स्तर खतरनाक स्तर तक पहुँच गया था।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम भ्रमण करने के दौरान क्षेत्रीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को जब सोनाबाई पति सौरभ कोल की इस स्थिति का पता चला तो उसे उप स्वास्थ्य केंद्र लाया गया और उसकी जांच एवं रजिस्ट्रेशन किया गया। सोना बाई की हालत तथा उसके और होने वाले बच्चे के जीवन पर आये संकट को देखते हुये उसे नियमित तौर पर उप स्वास्थ्य केंद्र आकर जांच कराने की सलाह दी गई । लेकिन उसे जब भी जांच के लिए आने कहा गया वह मजदूरी करने निकल जाती थी।
महिला की 24 सप्ताह में जांच की गई तो उसका हीमोग्लोबिन 7.5 ग्राम आया और उसे आयरन सुक्रोज लगवाने की सलाह दी गई, लेकिन इसके लिये भी इंकार कर दिया और घर चली गई। चार अक्टूबर को जब उसको आशा कार्यकर्ता द्वारा जबरदस्ती जांच कराने केंद्र लाया गया तो उसका हीमोग्लोबिन 6.5 ग्राम निकला। गंभीर स्थिति को देखते हुये उसे सिविल अस्पताल सिहोरा रेफर किया गया पर वह जाने को तैयार नहीं हुई। क्षेत्रीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं सीएचओ मनीषा कुठे, एएनएम कांति गोंड, आशा कार्यकर्ता मति चौधरी एवं अनीता बर्मन ने लगातार उसे समझाया। ग्राम के पंच, सरपंच और स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी इसकी जानकारी दी गई तथा मुख्य खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ अर्शिया खान को अवगत कराया गया। डॉक्टर अर्शिया खान ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ संजय मिश्रा को इसकी सूचना दी।
सीएमएचओ डॉ संजय मिश्रा ने जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ विनीता उप्पल को केस की सतत निगरानी करने के निर्देश दिये। उसे सिविल अस्पताल सिहोरा में दो यूनिट ब्लड चलाया गया परंतु वह वहाँ सभी से अभद्र व्यवहार करती रही। इसी दौरान उसका बीपी भी बढ़ने लगा। ब्लड प्रेशर बढ़ता देख चिकित्सक डॉ अनुभूति त्रिवेदी एवं नर्सिंग ऑफिसर भावना ने उसे समझाकर एल्गिन अस्पताल रेफर कर दिया, किंतु वह जाने को तैयार नहीं हुई ।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ संजय मिश्रा ने एसडीएम रूपेश सिंघई को इसकी जानकारी दी। एसडीएम सिहोरा रुपेश सिंघई एवं जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ विनीता उप्पल के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग एवं राजस्व विभाग की टीम द्वारा सुबह से दोपहर तक महिला को समझाते रही । बड़ी मुश्किल से एल्गिन हॉस्पिटल जाने को तैयार हुई फिर उसे 108 एंबुलेंस से एल्गिन अस्पताल जबलपुर भेजकर भर्ती कराया गया। जहाँ 28 अक्टूबर को वरिष्ठ सर्जन डॉ भावना मिश्रा द्वारा सफल ऑपरेशन किया गया और उसने एक स्वस्थ शिशु को जन्म दिया, अब दोनों पूर्णतः स्वस्थ हैं।