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Monday, October 13, 2025

सूचना का अधिकार कोई एहसान नहीं, यह हमारा संवैधानिक हक है!

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला – RTI को कमजोर करने वालों को मिलेगा करारा जवाब!

जबलपुर

मामला: डॉ. जयश्री दुबे बनाम केंद्रीय सूचना आयोग एवं अन्य

फैसला दिनांक: 03 अप्रैल 2025

स्थान: उच्च न्यायालय, जबलपुर

यह फैसला उन लाखों लोगों के लिए एक मिसाल है जो सरकारी संस्थानों में पारदर्शिता, जवाबदेही और ईमानदारी की उम्मीद रखते हैं। आइए, जानिए इस ऐतिहासिक फैसले के प्रमुख बिंदु:

1. नौकरी से संबंधित दस्तावेज अब ‘गोपनीय’ नहीं रहेंगे:

यदि कोई व्यक्ति किसी सार्वजनिक पद पर नियुक्त हुआ है, तो उसकी शैक्षणिक योग्यता, अनुभव प्रमाणपत्र, चयन प्रक्रिया से संबंधित दस्तावेज, नियुक्ति आदेश आदि निजी जानकारी नहीं माने जाएंगे।

कोर्ट का स्पष्ट आदेश: ये सभी दस्तावेज जनता के लिए सार्वजनिक सूचना हैं और RTI के माध्यम से प्राप्त किए जा सकते हैं।

2. गोपनीयता का झूठा बहाना अब नहीं चलेगा:

सूचना आयोग ने इस RTI को RTI Act की धारा 8(1)(h), 8(1)(j) और 11 के तहत खारिज कर दिया था, लेकिन अदालत ने कहा:

बिना ठोस कारण बताए सूचना को रोकना RTI अधिनियम का दुरुपयोग है।”

3. जनहित सर्वोपरि है – पारदर्शिता से समझौता नहीं:

अगर किसी नियुक्ति में भ्रष्टाचार या अनियमितता की आशंका है, तो जनता का यह जानना अधिकार है कि चयन प्रक्रिया निष्पक्ष थी या नहीं।

गोपनीयता की आड़ लेकर इन तथ्यों को छिपाया नहीं जा सकता।

4. धारा 11 की गलत व्याख्या पर रोक:

सूचना आयोग ने तीसरे पक्ष की सहमति के बिना जानकारी देने से मना कर दिया था।

अदालत ने स्पष्ट कहा: अगर सूचना जनहित में है,

और किसी तीसरे व्यक्ति को इससे कोई वास्तविक नुकसान नहीं, तो उसकी सहमति जरूरी नहीं है। सूचना देनी ही होगी।

5. गलत मंशा से RTI नकारने पर दंड:

कोर्ट ने पाया कि यह RTI जानबूझकर खारिज की गई थी ताकि किसी अयोग्य व्यक्ति को बचाया जा सके।

आदेश: संबंधित जन सूचना अधिकारी पर ₹25,000 जुर्माना

यह राशि RTI आवेदनकर्ता डॉ. जयश्री दुबे को दी जाएगी

6. 15 दिन में निशुल्क सूचना उपलब्ध कराना अनिवार्य:

कोर्ट ने आदेश दिया: सभी मांगी गई सूचनाएं 15 दिनों के भीतर निशुल्क आवेदक को दी जाएं।

यह फैसला एक चेतावनी है उन सभी अधिकारियों और संस्थाओं के लिए जो RTI के तहत सूचना देने से बचते हैं।

RTI कानून का पालन न करना अब उन्हें भारी पड़ेगा।

आपका RTI, आपकी ताकत!

अगर आप भी सरकारी भर्तियों, नियुक्तियों या फंड के दुरुपयोग से जुड़े दस्तावेजों की जानकारी चाहते हैं, तो RTI आपका संवैधानिक हथियार है। इसे जानें, अपनाएं और आवाज़ उठाइये।

सुंदरलाल बर्मनhttps://majholidarpan.com/
Sundar Lal barman (41 years) is the editor of MajholiDarpan.com. He has approximately 10 years of experience in the publishing and newspaper business and has been a part of the organization for the same number of years. He is responsible for our long-term vision and monitoring our Company’s performance and devising the overall business plans. Under his Dynamic leadership with a clear future vision, the company has progressed to become one of Hindi e-newspaper , with Jabalpur district.

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