नगर परिषद मझौली एक बार फिर सुर्खियों में है, लेकिन इस बार कारण है—सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की खुली अवहेलना।
मझौली जबलपुर
वार्ड क्रमांक 12 निवासी सामाजिक कार्यकर्ता श्री बारे लाल वर्मन द्वारा दिनांक 23 जून 2025 को नगर परिषद कार्यालय में एक आरटीआई आवेदन प्रस्तुत किया गया था, जिसमें नगर परिषद क्षेत्र की सार्वजनिक संपत्तियों—जैसे कुएं, बावलियां, तालाब, गोठान व निस्तार भूमि—से संबंधित जानकारी मांगी गई थी।
हालांकि जवाब में नगर परिषद मझौली द्वारा दिनांक 21 जुलाई 2025 को जारी पत्र (क्रमांक 919/प्रलि/सू.का अधि./न.परि./25) में यह कहा गया कि आवेदन “प्रश्नवाचक” है, अतः अमान्य किया जाता है। जानकारों की मानें तो यह उत्तर न केवल गैरकानूनी है बल्कि आरटीआई अधिनियम की मूल भावना के विरुद्ध भी है।
क्या है आरटीआई का असल उद्देश्य
सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 नागरिकों को यह हक देता है कि वे शासकीय अभिलेखों, फाइलों, निर्णयों एवं कार्यवृत्तों की प्रतिलिपि मांग सकें। यह अधिकार इसलिए दिया गया है ताकि सरकारी कार्यों में पारदर्शिता लाई जा सके और जवाबदेही सुनिश्चित हो। ऐसे में “प्रश्न पूछना सूचना नहीं है” जैसे बहाने बनाना अपने उत्तरदायित्व से बचने जैसा प्रतीत होता है।
शिकायतकर्ता की प्रतिक्रिया
श्री बारे लाल वर्मन ने इस उत्तर को लेकर नगरीय प्रशासन जबलपुर में प्रथम अपील दर्ज की है। उनका कहना है कि “मैंने कोई काल्पनिक या तर्कहीन जानकारी नहीं मांगी थी। मैंने सिर्फ यह पूछा था कि नगर परिषद क्षेत्र अंतर्गत कितनी सार्वजनिक संपत्तियां हैं, उनके अभिलेख क्या हैं, और उन पर कोई अतिक्रमण हुआ है या नहीं। यह सब जानकारी रजिस्टर और दस्तावेजों में दर्ज होती है, जिसे देना लोक सूचना अधिकारी का दायित्व है।”
विशेषज्ञों की राय
सूचना के अधिकार से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की प्रतिक्रियाएं लोक प्राधिकरणों में बढ़ती गैर-जवाबदेही को दर्शाती हैं। सूचना के अधिकार अधिनियम की धारा 2(f) व 2(j) स्पष्ट करती हैं कि कोई भी नागरिक “सूचना” मांग सकता है—चाहे वह प्रतिलिपि के रूप में हो, निरीक्षण हो या इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से।
प्रशासन को चेतने की जरूरत
अगर स्थानीय निकायों द्वारा इस प्रकार से जानकारियों को रोकने की प्रवृत्ति बढ़ती रही, तो आम जनता का विश्वास पूरी प्रणाली से उठ सकता है। जरूरी है कि नगर परिषद जैसे संस्थान कानून के दायरे में काम करें और सूचना अधिकार जैसे लोकतांत्रिक औजार को गंभीरता से लें।