शासकीय भूमि हल्का पटवारी नं 21 खसरा नंबर 379 पर अवैध निर्माण कार्य पर आज तक राजस्व अधिकारीयों द्वारा मझौली में आखिर क्यों नहीं कसा जा रहा है शिकंजा
मझौली
मध्य प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान कितने भी बड़े बड़े मंचों से कहते नजर आ रहे हैं। की भूमाफियाओं को बक्शा नहीं जाएगा। वावजूद इसके आला अधिकारी उनके आदेशों को दरकिनार करते हुए लगातार भूमाफियाओं को बढ़ावा देते नजर आ रहे हैं।
क्या राजनीतिक संरक्षण होने के कारण अधिकारी चुप्पी साधे बैठे हैं
भूमाफिया लगा रहे मध्यप्रदेश शासन को खुलेआम पतीला
शासकीय भूमि अधिग्रहण कर मनमाने रेट पर बेच रहे हैं
मध्यप्रदेश में भाजपा सरकार भूमाफियाओं पर चाहे जितना भी शिकंजा कस लें लेकिन कुछ राजनीतिक संरक्षण होने के कारण भूमाफियाओं का बाल भी बांका नहीं हो पा रहा है जिससे यह अनुमान लगाया जा रहा है की भूमाफियाओं पर राजनीतिक संरक्षण होने कारण प्रशासनिक अधिकारी कार्रवाई करने में हिचक रहे हैं और अपनी आंखों में पट्टी बांधकर कुंभकर्णी निद्रा में सो रहे हैं।
ऐसा ही मामला मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले की तहसील मुख्यालय मझौली का सामने आया है। हल्का पटवारी नं 21 खसरा नंबर 379 पर विना अनुमति पीडब्ल्यूडी विभाग एवं नगर परिषद मझौली से भवन निर्माण कार्य किया जा रहा एवं सार्वजनिक भगवान शिवशंकर पार्वती के मंदिर पर अधिग्रहण कर अवैध निर्माण कार्य कर लिया गया है साथ ही मंदिर की आड़ में अतिक्रमण कारियो द्वारा अतिरिक्त अवैध निर्माण कर किराए पर चलाया जा रहा है जिसकी लिखित सिकायत देने के बावजूद भी तहसीलदार मझौली प्रदीप मिश्रा के द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई।
जबलपुर जिले के तहसील मझौली नगर में और आसपास क्षेत्र में भूमाफिया अमरबेल की तरह जड़ मजबूत करके गाढ कमाई करने में लगे हुए और मध्यप्रदेश शासन को लाखों करोड़ों रुपए का खुलेआम चूना लगाया जा रहा है फिर भी जिले में बैठे आलाकमान अधिकारी कुंभकर्णी निद्रा से नहीं जाग रहे हैं।
जबकी इस संबंध में तहसील कार्यालय से लेकर जिला कलेक्टर कार्यालय जबलपुर के राजस्व विभाग को भी जानकारी होने के बाद शिकंजा नहीं कसा जा रहा है ।
जिससे लगता है कहीं ना कहीं अधिकारी एवं राजनेताओं का भूमाफिया पर खुला संरक्षण है इन पर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है।
जब इस संबंध में मझौली राजस्व अधिकारी प्रदीप मिश्रा से बात की तो उन्होंने बताया है कि हम साशकीय भूमि पर भू-माफिया और भवन निर्माण कार्य पर कोई कार्यवाही नहीं कर सकते ऐसा कहते हुए राजस्व अधिकारी प्रदीप मिश्रा जी ने अपना जबाव देते हुए पलड़ा झाड़ लिया।
अब देखना यह है कि तहसील मुख्यालय के आसपास और नगर मझौली में बढ़ते भूमाफियाओं पर क्या कोई सक्षम अधिकारी शिकंजा कस पाएगा या फिर मूकदर्शक बनकर तमाशा देखने में महिर साबित होंगे।