खितौला उप स्वास्थ्य केन्द्र का मामला उपमंत्री और ठेकेदार लापता
सिहोरा
खितौला निर्माणाधीन अस्पताल की दुर्दशा.
मुरुम की जगह काली मिटटी से हो रही फिलिंग.
इंजीनियर के पास एस्टीमेट ही नही है,
,
सिहोरा के उपनगर खितौला में निर्माणाधीन शासकीय अस्पताल दुर्दशा का शिकार है ,ठेकेदार द्वारा मुरूम की जगह काली मिट्टी से फीलिंग की जा रही है, देखने सुनने वाला कोई नहीं है साइट इंजीनियर लापता है, कमीशन के खेल में जिम्मेदार एसी में सो रहे हैं और ठेकेदार खेत की काली मिट्टी निकाल कर फिलिग कर रहा है,
मध्य प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत निर्माणाधीन अस्पताल का कार्य हो रहा है और इसमें स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह जिम्मेदार है, स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी है , करोड़ों की लागत से बनने वाले इस अस्पताल के निर्माण में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है नीचे सीमेंट कंक्रीट का बेस नही डालकर डायरेक्ट कंक्रीट की दीवार खड़ी करी जा रही है स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार इंजीनियर एवं अधिकारियों का कर्तव्य के इस निर्माण कार्य की गुणवत्ता की जांच करें,
करोड़ों की लागत से बनने वाले इस अस्पताल की दुर्दशा का यह आलम है जब हमारे राष्ट्र आजकल संवाददाता रिजवान मंसूरी ने निर्माण एजेंसी का नाम इंजीनियर अजय मिश्रा से पूछा तो वह निर्माण एजेंसी का नाम भी नहीं बता पाए , और काली मिट्टी पर बिना बेस डाले सीधे कंक्रीट बाल बनाने को उचित बताया, एस्टीमेट इंजीनियर के पास नहीं है, बगैर एस्टीमेट के स्वास्थ्य विभाग का इंजीनियर स्वास्थ्य विभाग का अस्पताल बना रहा है, बड़ी अजीब बात है , बगैर एस्टीमेट के इंजीनियर क्या काम देखता होगा,मझगवां में भी बन रहे अस्पताल का निर्माण कार्य इसी इंजीनियर के भरोसे हैं अब देखने वाली बात यह है कि जब इंजीनियर ऐसा हैं तो निर्माण कार्य कैसा होगा निर्माण कार्य की गुणवत्ता कैसी होगी, शासन के रुपयों की होली खेलने में सभी की मिलीभगत है, यह बड़ा सवाल है, जिसको जितना चाहिए लूट सके तो लूट,
इनका कहना
निर्माणाधीन कार्य की गुणवत्ता की जांच के लिए साइट इंजीनियर को निर्देशित कर दिया गया है,
रीजनल ज्वाइन डायरेक्टर जबलपुर
संजय मिश्रा