गंदा पानी जमा होने से मकान क्षतिग्रस्त होने की कगार पर, अधिकारी बने मूकदर्शक
मझौली जबलपुर
जबलपुर ज़िले के मझौली नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 7, पिपरिया कॉलोनी रोड पर रहने वाले भगवानदास विश्वकर्मा सहित स्थानीय लोगों का जीवन नरक बन गया है। रहवासी मकानों के पीछे महीनों से गंदा पानी जमा है, जिसकी शिकायतें बार-बार नगर परिषद को लिखित रूप में दी गईं, यहां तक कि 25 मई 2025 को औपचारिक आवेदन भी सौंपा गया।
लेकिन अफ़सोस! नगर परिषद मझौली के जिम्मेदार अधिकारी अब तक किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं कर पाए।
स्थानीय लोगों का कहना है कि आसपास के घरों से निकलने वाला गंदा पानी एक खाली भूखंड में जमा हो रहा है। बदबू और गंदगी के बीच रहना मजबूरी है। वहीं, लगातार नमी बने रहने से मकानों की दीवारें क्षतिग्रस्त हो रही हैं और कभी भी हादसा हो सकता है।
पीड़ित परिवार ने बताया कि “नगर परिषद को आवेदन देने के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई। यहां तक कि जिला प्रशासन और नगरीय प्रशासन विभाग को प्रतिलिपि भेजने के बावजूद अधिकारी पूरी तरह से मौन हैं।”
यह हाल तब है जब प्रदेश सरकार स्वच्छ भारत मिशन और स्वस्थ वातावरण की बड़ी-बड़ी बातें करती है। लेकिन मझौली नगर परिषद की लापरवाही ने इन योजनाओं की पोल खोल दी है।
स्थानीय लोगों का कहना है -आखिर नगर परिषद मझौली किसके दबाव में कार्रवाई नहीं कर रही?
क्या प्रशासन किसी बड़े हादसे का इंतज़ार कर रहा है?
आम नागरिकों को साफ-सुथरे वातावरण में जीने का अधिकार कब मिलेगा?