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Friday, June 20, 2025

मछुआरों के सहारे रेस्क्यू हो रहा है

जनप्रतिनिधियों और प्रशासन का नाम हो रहा है

गुरुवार रक्षाबंधन का त्यौहार मनाने सोनम दांगी अपने भाई के साथ शिवरामपुर पड़रिया से अपने मायके जाते समय बेतवा नदी के बरी घाट पुल से करीब 5:30 बजे शाम फिसल कर बह गई जिसके साहस की तारीफ चारों तरफ की जा रही है!

वही दूसरा पहलू यह भी है कि भाई और बहन की लापरवाही से स्वयं की जान जोखिम में पड़ी ही साथ में जनप्रतिनिधि एवं प्रशासन भी  परेशान हुए, प्रत्येक नदी के पुल पर आम सूचना बड़े बड़े अक्षरों में लिखी होती है कि यदि पुल पर पानी है तो नदी पार ना करें!

ऐसी स्थिति में आमजन को शासन द्वारा दी गई गाइडलाइन का पालन करना चाहिए जिसे स्वयं की जान भी बच सके एवं शासन प्रशासन भी परेशान ना हो
*मील के पत्थर हमेशा गुमनाम  होते  हैं*
बताया जा रहा है कि पुल  से फिसलने के बाद बहते हुए महिला गंज घाट पर रेस्क्यू दल द्वारा नाव में बिठाकर बचाने का प्रयास किया गया, परंतु नाव पलटने से महिला पुनः बह गई एवं आगे चलकर ग्राम खिरिया के सामने किसी पेड़ के सहारे अपने जीवन को बचाने जद्दोजहद करती रही जिस पर सर्वप्रथम ग्राम खिरिया के मछुआरे जसवंत केवट ,गुड्डा केवट एवं बृजेश केवट की नजर पड़ी धीरे-धीरे खबर पूरे गांव में फैल गई तीनों मछुआरों ने अपनी जान हथेली पर रखकर उफनती हुई बेतवा नदी में अपने मत्स्यआखेट करने वाले ट्यूब से उस पार जाकर महिला को पानी से निकाला एवं ग्राम राज खेड़ा के लोगों को सुपुर्द किया जिससे महिला का प्राथमिक उपचार कर  उसे उसके घर भेजा जा सके!
यह पहला मामला  नहीं है जब मछुआरों ने निस्वार्थ भाव से किसी की जान बचाई हो ,परंतु वास्तविकता में मछुआरों का उत्साहवर्धन करने के बजाए हम सभी देख रहे हैं कि श्रेय लेने की होड़ मैं पिछले दो दिनों में कई प्रकार की खबरें पढ़ने को मिली है!
*रेस्क्यू प्रशिक्षण पर प्रश्न चिन्ह लगाता है बचाव दल की नाव पलटना*
वास्तव मैं बचाव दल की नाव पलटना बेहद चिंताजनक है, अब सवाल पैदा होता है कि नाव चलाने वाला व्यक्ति क्या पूरी तरह से प्रशिक्षित नहीं था नाव चलाने के लिए!
क्योंकि अपार जल राशि में विभिन्न प्रकार की मुश्किलों का सामना करते हुए एक कुशल केवट ही खतरनाक लहरों को चीरते हुए नाव को पार लगाता है! इसलिए प्रशासन को चाहिए कि रेस्क्यू दल में तैराक एवं  नौका चालकों का चयन पूर्णता निष्पक्ष रुप से करना चाहिए!
*साहस नहीं बहुत बड़ी लापरवाही है सोनम  की जिसके लिए पुरस्कृत नहीं कानूनी कार्यवाही होना चाहिए*
इस पूरे घटनाक्रम में यदि वास्तव में किसी को पुरस्कृत किया जाना चाहिए तो वह है वह 3 मछुआरे
जसवंत केवट
गुड्डा केवट
बृजेश केवट
जिन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर ट्यूब के सहारे नदी के उस पार जाकर सोनम दांगी की जान बचाई और सुरक्षित   राजखेड़ा ग्राम वासियों के सुपर दो पिया!
सोनम ही नहीं ऐसे प्रत्येक व्यक्ति के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए जो बाढ़ का पानी नदी के ऊपर होने के पश्चात खतरे को अनदेखा करते हुए लापरवाही में अपनी जान को जोखिम में डालते  हैं रेस्क्यू दल एवं शासन प्रशासन को भी नाहक परेशान करते हैं!
*सोनम  के परिवार ने माना मछुआरों का आभार*
विगत दिनों सोनम  के परिवार वालों ने तीनों मछुआरों को अपने घर बुलाकर सोनम की विकट परिस्थितियों में मदद करने, जान बचाने के लिए आभार मानते हुए धन्यवाद दिया!

सुंदरलाल बर्मनhttps://majholidarpan.com/
Sundar Lal barman (41 years) is the editor of MajholiDarpan.com. He has approximately 10 years of experience in the publishing and newspaper business and has been a part of the organization for the same number of years. He is responsible for our long-term vision and monitoring our Company’s performance and devising the overall business plans. Under his Dynamic leadership with a clear future vision, the company has progressed to become one of Hindi e-newspaper , with Jabalpur district.

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