वर्ष 2012 में कराया था रजिस्ट्रेशन
पता सही नहीं होने की वजह से नहीं मिल पाया था आधार कार्ड,पावती खो देने की वजह से भी हो रही थी परेशानी,कई बार नया बनवाने का भी प्रयास किया, हर बार हुये विफल
जबलपुर
अपना आधार नंबर प्राप्त करने ग्यारह साल भटकते रहे, लेकिन आधार रजिस्ट्रेशन की पावती खो जाने से उन्हें सफलता नहीं मिली। कई आधार पंजीयन केन्द्रों पर जाकर नये सिरे से पंजीयन कराने की कोशिश भी की लेकिन पूर्व में हो चुके पंजीयन की वजह से हर बार इसमें विफलता ही मिली। उनका नया आधार नंबर जनरेट नहीं हुआ। आखिरकार किसी की सलाह पर उन्होनें कलेक्टर कार्यालय की ई-गवर्नेंस शाखा का रूख किया। जहां एक घंटे के भीतर बायोमेट्रिक का मिलान कर आधार नंबर का प्रिंट निकालकर दे दिया गया।
जिला प्रबंधक ई-गवर्नेंस चित्रांशु त्रिपाठी ने बताया कि वर्षो से आधार नंबर नहीं मिल पाने से परेशान तिलवाराघाट निवासी 45 वर्षीय राजकुमार कुशवाहा तथा जबलपुर तहसील के ग्राम कैलवास की 27 वर्षीय अर्चना राजपूत आज शुक्रवार को दोपहर मदद की आस लिए उनके पास पहुँचे। श्री त्रिपाठी ने बताया कि दोनों वर्ष 2012 में आधार हेतु अपना रजिस्ट्रेशन करा चुके थे। लेकिन पता संबंधी गड़बडी या किसी अन्यी वजह से आधार कार्ड उन्हें प्राप्त नहीं हुये। दोनों से आधार पंजीयन की पावती भी खो गई थी। आधार कार्ड प्राप्त नहीं होने पर दोनों ने कई आधार पंजीयन केन्द्रों पर जाकर नया पंजीयन कराने का प्रयास भी किया। लेकिन वर्ष 2012 में हो चुके पंजीयन की वजह से नया रजिस्ट्रेशन नहीं हो सका। हर प्रयास में उन्हें विफलता मिली।
जिला प्रबंधक ई-गवर्नेस ने बताया कि संयोग से ये दोनों आज शुक्रवार को उनके पास पहुंचे। इनमें से राजकुमार कुशवाहा साधु जीवन व्यतीत कर रहे है और दिव्यांग भी है। दोनों की व्यथा और परेशानी जानकर उनकी तत्परता से मदद भी की गई। वर्ष 2012 में कराये गये आधार पंजीयन की पावती और अन्य जरूरी दस्तावेज खो देने की वजह से कुछ कठिनाई जरूर सामने आई। लेकिन आधार नंबर प्राप्त करने में ज्यादा समय नहीं लगा। दोनों का बायोमेट्रिक मिलान करने पर आधार नंबर प्राप्त हो गया और एक घंटे के भीतर ही राजकुमार और अर्चना को उनका आधार कार्ड का प्रिंट भी प्रदान कर दिया गया।