बगैर एनओसी और नेत्र चिकित्सक के हो रहा संचालन
मझौली (जबलपुर)
मझौली नगर के बचईया रोड स्थित सद्गुरु नेत्र जांच केंद्र पर गंभीर आरोप लगे हैं। क्षेत्रीय नागरिकों का कहना है कि यह केंद्र चित्रकूट अस्पताल की शाखा बताते हुए बिना किसी पंजीकृत नेत्र चिकित्सक की मौजूदगी में चलाया जा रहा है।
लोगों ने आरोप लगाया है कि यहाँ चश्मों के लिए तय शुल्क से अधिक राशि वसूली जा रही है वह भी बिना बिल-पावती दिए। इतना ही नहीं, न तो नगर परिषद मझौली से एनओसी ली गई है और न ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) मझौली के बीएमओ से स्वीकृति। यह सब मध्यप्रदेश निजी स्वास्थ्य सेवा स्थापना अधिनियम, 2011 और क्लिनिकल एस्टैब्लिशमेंट्स एक्ट, 2010 के नियमों का उल्लंघन है।
“हमने 500 रुपये चश्मे के नाम पर जमा किए लेकिन कोई बिल नहीं दिया गया।” राकेश पटेल, मझौली निवासी
*“डॉक्टर की मौजूदगी तक नहीं है, फिर भी मरीजों से मनमाना शुल्क वसूला जा रहा है।रीना जैन, वार्ड 09
क्षेत्रवासियों ने जिला स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन से मांग की है कि—
* केंद्र की वित्तीय अनियमितताओं की जांच की जाए बिना बिल-पावती के की गई वसूली पर कड़ी कार्रवाई हो।
* यदि दोष सिद्ध होता है तो केंद्र का लाइसेंस निरस्त किया जाए।
इस संबंध में बीएमओ डॉ. दीपक गैयकवाड का कहना है—
“शिकायत प्राप्त होते ही जांच की जाएगी। यदि केंद्र बिना एनओसी और चिकित्सक के संचालित पाया गया तो निजी स्वास्थ्य सेवा अधिनियम के तहत सख़्त कार्रवाई होगी।”