तहसील मझौली अंतर्गत नियुक्त अनेक हल्का पटवारी शासकीय निर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं।
मझौली, जबलपुर
जिला कलेक्टर के अनुसार, इन पटवारियों को हल्का में निवास रत रहने के आदेश जारी किए गए हैं तो वही मुख्यालय में निवास करना अनिवार्य है, लेकिन अधिकांश पटवारी न तो किरायानामा प्रस्तुत कर रहे हैं, न ही वे मुख्यालय में वास्तविक रूप से निवासरत पाए जा रहे हैं।
इस मुद्दे पर जब तहसील स्तरीय राजस्व अधिकारियों से जानकारी मांगी गई तो कोई स्पष्ट विवरण नहीं दिया जा सका। यह मामला तब और अधिक गंभीर हो जाता है जब इन पटवारियों को नियमित रूप से हाउस रेंट अलाउंस (HRA) भी प्रदान किया जा रहा है।
मुख्य बिंदु:
अधिकांश पटवारियों ने किरायानामा तहसील कार्यालय में प्रस्तुत नहीं किया है।
कई पटवारी मुख्यालय में निवास नहीं कर रहे, फिर भी HRA का लाभ उठा रहे हैं।
संबंधित विभाग सूचना देने में असमर्थ है, जिससे पारदर्शिता पर सवाल उठते हैं।
नागरिकों द्वारा RTI के माध्यम से इस विषय की विवरणी मांगी गई है
जनहित का प्रश्न
मुख्यालय में निवास न करने के कारण ग्रामीणों को समय पर राजस्व कार्यों के लिए पटवारी नहीं मिल पाते हैं, जिससे पटवारी व्यवस्था पर सार्वजनिक असंतोष बढ़ रहा है। वहीं, बिना किरायानामा शासकीय भत्ते लेना गंभीर वित्तीय अनियमितता की ओर इशारा करता है।
अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस दिशा में क्या कार्यवाही करता है। क्या संबंधित पटवारियों से स्पष्टीकरण लिया जाएगा या मामला ऐसे ही फाइलों में दबा रहेगा?
–इनका कहना है
पटवारी हफ्ते में एकादवार ही हल्का में आते हैं निवासी ग्राम पंचायत दुर्गेश बर्मन हरदुआबंधा