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Monday, October 13, 2025

गुणवत्ता, पारदर्शिता और जवाबदेही विभाग के मूल मंत्र जो लोक निर्माण से लोक कल्याण के संकल्प को सिद्धि तक ले जायेंगे – मंत्री श्री सिंह

लोक निर्माण से लोक कल्याण”प्रदेश के समस्त संभागों में एक साथ आयोजित हुई अभियंता प्रशिक्षण कार्यशाला

जबलपुर

मंत्री श्री सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी प्रशिक्षण कार्यशालाओं को एक साथ किया संबोधित

ईएनसी से लेकर उपयंत्री स्तर तक के 1570 इंजीनियर हुए शामिल.

लोक निर्माण मंत्री श्री राकेश सिंह की अध्यक्षता में लोक निर्माण विभाग की संभाग स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन प्रशासनिक अकादमी भोपाल के साथ प्रदेश के समस्त संभागीय मुख्यालयों में एक साथ किया गया। ये प्रशिक्षण कार्यक्रम सड़क, भवन और पुल निर्माण में गुणवत्ता नियंत्रण और परियोजना प्रबंधन के विषय पर केंद्रित थे। इन कार्यक्रमों के माध्यम से विभाग में गुणवत्ता नियंत्रण, पारदर्शिता, जवाबदेही, नवीन तकनीकों के उपयोग और अन्य राज्यों के अध्ययन से सीखे गए अनुभवों के साथ विभाग में किये जा रहे अन्य सकारात्मक प्रयासों से समस्त उपस्थित अभियंताओं को अवगत कराया गया।

यह प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदेश के सभी संभागों में एक साथ आयोजित किया गया, जहां प्रमुख अभियंता सहित समस्त मुख्य अभियंताओं ने अन्य परिक्षेत्र मैं जाकर विभाग के अभियंताओं को प्रशिक्षण दिया। प्रशिक्षण में ईएनसी से लेकर उपयंत्री स्तर तक के 1570 इंजीनियर शामिल हुए ।

लोक निर्माण मंत्री श्री राकेश सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी प्रशिक्षण कार्यशालाओं को एक साथ संबोधित करते हुए कहा कि राज्य की सड़कें, पुल और भवन संरचनाएं केवल भौतिक निर्माण नहीं हैं, बल्कि समाज और राष्ट्र के सपनों को साकार करने के साधन हैं। उन्होंने प्रदेश के भविष्य के निर्माण में अभियंताओं की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया। मंत्री श्री सिंह ने कहा “जब आप कोई सड़क बनाते हैं, तो वह केवल लोगों को जोड़ने का माध्यम नहीं होती, बल्कि यह संभावनाओं का मार्ग बन जाती है।”

मंत्री श्री सिंह ने नवाचार और आधुनिक तकनीकों के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि आज का युग नवाचार का युग है। नवीन तकनीकों को अपनाकर हम बेहतर निर्माण कर सकते हैं। उन्होंने अभियंताओं से कहा की वे निर्माण प्रक्रिया में सस्टेनेबिलिटी, रीसाइक्लिंग और री-यूज को प्राथमिकता दें।

मंत्री श्री सिंह ने “गुणवत्ता, पारदर्शिता और जवाबदेही” को विभाग का मूलमंत्र बताते हुए कहा कि हर निर्माण परियोजना आने वाली पीढ़ियों के लिए एक आदर्श होनी चाहिए। उन्होंने कहा की विभाग निविदा शर्तों में सकारात्मक बदलाव की तैयारी कर रहा है जिसके तहत कार्य की गुणवत्ता के लिए सख्त मापदंड तय किए गए हैं साथ ही निर्माण सामग्री की कड़ी जांच और प्रयोगशालाओं के उन्नयन जैसे कदम भी उठाए हैं।

श्री सिंह ने पारदर्शिता की दिशा में उठाए गए कदमों का जिक्र करते हुए लोकपथ मोबाइल की चर्चा की जो ने केवल सड़कों की बेहतर स्थिति सुनिश्चित करती है, बल्कि जनता को विभागीय कार्यों में भागीदार भी बनाती है। उन्होंने कहा कि लोकपथ एप ने कम समय पर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचाहन स्थापित कर ली है।

मंत्री श्री सिंह ने कहा कि प्रदेश के पास प्राकृतिक संपदा, सांस्कृतिक विरासत और मेहनती अभियंताओं का अद्वितीय संगम है। “यह समय है कि हम सब मिलकर ‘विकसित मध्यप्रदेश से विकसित भारत’ के लक्ष्य को साकार करें।” उन्होंने अभियंताओं से कहा की वे अपने कार्य को केवल एक पेशा न समझें, बल्कि इसे समाज और प्रदेश के प्रति अपनी जिम्मेदारी के रूप में देखें।

मंत्री श्री सिंह ने कहा कि विभाग के इंजीनियरों के लिए CRRI, IIM और IIT जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ मिलकर तीन और पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। जिनका उद्देश्य अभियंताओं को आधुनिक तकनीकों और नवीनतम मापदंडों से अवगत कराना है।

मंत्री श्री सिंह ने अभियंताओं को प्रेरित करते हुए कहा कि “मानवता की सबसे बड़ी सेवा अपने कार्य से समाज को ऊपर उठाना है।” उन्होंने भरोसा जताया कि मध्यप्रदेश का लोक निर्माण विभाग, टीम भावना के साथ, प्रदेश को इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास में देश का अग्रणी राज्य बनाएगा।

मंत्री श्री सिंह ने आज कार्यक्रम प्रतिभागियों में से रेंडमआधार पर कुल 7 प्रतिभागियों एवं 1 प्रशिक्षक से प्रशिक्षण के संबंध चर्चा कर उनके अनुभवों एवं फीडबैक के बारे मैं जानकारी प्राप्त की।

कार्यशाला को संबोधित करते हुए विशेषज्ञ श्री प्रशांत पोल ने कहा की मध्यप्रदेश में लोक निर्माण विभाग के कार्यों में गुणवत्ता को और अधिक सुधारने के उद्देश्य से मंत्री श्री राकेश सिंह के नेतृत्व में एक महत्वपूर्ण अभियान की शुरुआत हुई है। उन्होंने अभियंताओं को उनकी कार्यकुशलता और समर्पण के प्रति प्रेरित करते हुए गुणवत्ता युक्त कार्य संस्कृति विकसित करने, नवीन तकनीकों को अपनाने और समयबद्ध योजना पर जोर दिया।

श्री पोल ने अभियंताओं की सराहना करते हुए कहा कि हमें ऐसे मॉडल तैयार करने चाहिए, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनें। उन्होंने कहा की भारतीय अभियंता असंभव को संभव कर सकते हैं। गुणवत्ता के साथ कार्य करने की अपील करते हुए श्री पोल ने विश्वास जताया कि मध्यप्रदेश का लोक निर्माण विभाग देशभर में एक मॉडल के रूप में उभरेगा। उन्होंने सभी अभियंताओं को गर्व से अपने कार्य में उत्कृष्टता लाने के लिए प्रेरित किया।

प्रशिक्षण कार्यशाला

प्रशिक्षण कार्यशाला में प्रमुख अभियंता सहित समस्त मुख्य अभियंताओं द्वारा कार्यशालाओं मैं उपस्थित अभियंताओं को प्रस्तुतीकरण के माध्यम से विभाग में गुणवत्ता नियंत्रण, पारदर्शिता, जवाबदेही, नवीन तकनीकों के उपयोग और अन्य राज्यों के अध्ययन से सीखे गए अनुभवों के साथ विभाग मैं किये जा रहे अन्य सकारात्मक प्रयासों की जानकारी विस्तार से दी गई जो निम्नानुसार है :-

1.गुणवत्ता नियंत्रण के लिए विभाग के प्रयास

* अव्यवहारिक बिडिंग को रोकने निविदा शर्तों में बदलाब की तैयार

* कार्य की गुणवत्ता के लिए सख्त मापदंड तय किए गए।

प्री-क्वालिफिकेशन शर्तों में प्रस्तावित संशोधन, न्यूनतम लागत ₹5 करोड़ से घटाकर ₹2 करोड़ की गई

अनुमानित लागत के 40 प्रतिशत के 2 कार्य अथवा 60 प्रतिशत का 1 कार्य

* 20% बिलो से अधिक पर दोगुनी परफॉर्मेंस गारंटी का नियम लागू।

* गुणवत्ता और समयबद्धता के लिये जुर्माने और प्रोत्साहन का प्रावधान।

* केवल सरकारी रिफाइनरी से बिटुमिन लेने की बाध्यता लागू।

* मंत्रालय स्तर पर विशेष गुणवत्ता नियंत्रण सेल की स्थापना।

* गुणवत्ता नियंत्रण मैनुअल जारी किया गया।

* सभी संभागों को मोबाइल प्रयोगशालाएं उपलब्ध कराने की योजना।

* औचक निरीक्षण प्रणाली लागू।

* 50 करोड़ से अधिक लागत वाले प्रोजेक्ट्स की निगरानी ड्रोन वीडियोग्राफी के माध्यम से।

* लैब इंफॉर्मेशन मैनेजमेंट सिस्टम (LIMS) का क्रियान्वयन।

* राज्य स्तर पर क्वालिटी मॉनिटर्स नियुक्त।

3. अभियंताओं के कौशल विकास

* उप यंत्रियों और सहायक यंत्रियों के लिए 5-दिवसीय प्रशिक्षण।

* कार्यपालन यंत्रियों और अधीक्षण यंत्रियों के लिए 3-दिवसीय प्रशिक्षण।

* IIM और IIT जैसे संस्थानों के साथ प्रशिक्षण कार्यक्रम।

* केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (CRRI) के सहयोग से प्रशिक्षण।

4. नवीन तकनीकों का उपयोग

* फुल डेप्थ रिक्लेमेशन (FDR) तकनीक का सीहोर में सफल उपयोग।

* 110 किमी सड़कों पर व्हाइटटॉपिंग और माइक्रोसर्फेसिंग के लिए निविदाएं जारी।

* उन्नत सामग्रियों जैसे UHPFRC, GFRP, फ्लाई ऐश, ग्लास ग्रिड, वेस्ट प्लास्टिक का उपयोग।

5. पारदर्शिता के लिए तकनीकी सुधार

* इंटीग्रेटेड प्रोजेक्ट मैनेजमेंट सिस्टम (IPMS) लागू।

* रोड एसेट मैनेजमेंट सिस्टम (RAMS) का विस्तार।

* “सार्थक” और “लोकपथ” मोबाइल ऐप्स की शुरुआत।

* GIS आधारित इंटीग्रेटेड डैशबोर्ड की स्थापना।

6. पर्यावरण संरक्षण और जनता की भागीदारी

* “लोकपथ” ऐप के माध्यम से जनता को क्षतिग्रस्त सड़कों की रिपोर्टिंग का अधिकार।

* सड़क निर्माण में मिट्टी के युक्तियुक्त खनन से “लोक कल्याण सरोवर” का निर्माण।

* सड़क किनारे पौधारोपण और ग्राउंड वाटर रिचार्ज बोर की स्थापना।

* पेड़ों को संरक्षित करने के लिए ट्री शिफ्टिंग दरें निर्धारित।

7. अन्य राज्यों से प्रेरणा

* गुजरात, तेलंगाना और एनएचएआई की नीतियों का अध्ययन।

* गुणवत्ता नियंत्रण, रोड नेटवर्क मास्टर प्लान और रोड सेफ्टी जैसे मॉडलों का उपयोग।

* फील्ड लैब और गुणवत्ता नियंत्रण अधिकारी अनिवार्य।

* खराब गुणवत्ता पर जुर्माना और समय पर काम पूरा करने पर बोनस का प्रावधान।

8. उपलब्धियां और प्रगति

* सड़क निर्माण की औसत गति 15 किमी प्रतिदिन तक पहुंची।

* “लोकपथ” ऐप की राष्ट्रीय स्तर पर सराहना।

* गुणवत्ता नियंत्रण मैनुअल लागू।

* फुल डेप्थ रिक्लेमेशन (FDR) और माइक्रोसर्फेसिंग जैसी तकनीकों का सफल उपयोग।

यह कार्यशाला प्रदेश के सभी संभागों में एक साथ आयोजित की गई। प्रमुख अभियंता सहित समस्त मुख्य अभियंताओं ने उनको आवंटित संभागों में जाकर विभागीय अभियंताओं को नई तकनीकों और प्रक्रियाओं के प्रशिक्षण के साथ निर्माण प्रक्रियाओं को मजबूत और टिकाऊ बनाने के लिए आवश्यक तकनीकी विवरण, बेहतर सामग्री चयन और उन्नत उपकरणों के उपयोग पर विशेष जोर दिया गया।

जबलपुर में नेताजी सुभाषचंद्र बोस कल्चरल एंड इन्फर्मेशन सेंटर में हुआ कार्यशाला का आयोजन.

संभाग स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला का जबलपुर में आयोजन घण्टाघर के समीप स्थित नेताजी सुभाषचन्द्र बोस कल्चर एवं इन्फर्मेशन सेन्टर में हुआ। प्रशिक्षण में जबलपुर संभाग के कुल 248 प्रतिभागी शामिल हुए। राज्य स्तर में पधारे लोक निर्माण विभाग पी.आई.यू. (भवन) भोपाल के प्रमुख अभियंता एस आर बघेल एवं मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग पी.आई.यू. भवन भोपाल के एस यादव ने विभागीय अभियंताओं को नई तकनीकों और प्रक्रियाओं के प्रशिक्षण के साथ निर्माण प्रक्रियाओं को मजबूत और टिकाऊ बनाने के लिए आवश्यक तकनीकी विवरण, बेहतर सामग्री चयन और उन्नत उपकरणों के उपयोग पर विशेष जोर दिया, साथ ही लोक निर्माण विभाग में किये जा रहे नए प्रयासों, नवाचारों और गुणवत्ता नियंत्रण के बारे में प्रशिक्षण दिया गया।

चर्चा एवं प्रश्नोत्तर सत्र में प्रतिभागियों द्वारा रुचिपूर्ण सहभागिता दिखाते हुए प्रशिक्षण के विषयों एवं अन्य व्यवहारिक कठिनाईयों पर अपने प्रश्न एवं चर्चा की गई, जिनका समाधानकारक उत्तर प्रतिभागियों को दिया गया, प्रशिक्षण सत्र अत्यंत रुचिकर, उपयोगी एवं सार्थक रहा।

सुंदरलाल बर्मनhttps://majholidarpan.com/
Sundar Lal barman (41 years) is the editor of MajholiDarpan.com. He has approximately 10 years of experience in the publishing and newspaper business and has been a part of the organization for the same number of years. He is responsible for our long-term vision and monitoring our Company’s performance and devising the overall business plans. Under his Dynamic leadership with a clear future vision, the company has progressed to become one of Hindi e-newspaper , with Jabalpur district.

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