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Sunday, October 12, 2025

मापदंड अनुसार ब्रिज परियोजनाओं के डिजाइन और गुणवत्ता पूर्ण निर्माण के लिए लोक निर्माण विभाग संकल्पित

कार्य रोके नहीं बल्कि गुणवत्ता, डिजाइन, निर्माण के बेहतर पर्यवेक्षण सुनिश्चित करने की पहल

किसी भी कार्य की जीएडी निरस्त नहीं की गई

जबलपुर

ब्रिज परियोजनाओं का तकनीकी मापदंडों के अनुसार निर्माण सुनिश्चित करने की दिशा में लोक निर्माण विभाग द्वारा सतत कार्यवाही की जा रही है। इसी क्रम में राज्य सरकार ने एक व्यापक दक्षता संवर्द्धन कार्यक्रम निर्धारित किया है, जिसके अंतर्गत राज्य के सभी अभियंताओं को इंडियन रोड कांग्रेस (आईआरसी) कोड्स और मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाइवेज़ (मोर्थ) के दिशा-निर्देशों का अध्ययन कर उनके आधार पर कार्यों का क्रियान्वयन करने के निर्देश दिए गए हैं।

ब्रिज परियोजनाओं के गुणवत्तापूर्ण निर्माण, मापदंड अनुसार डिजाइन, सतत सुपरविजन प्रणाली अपनाने एवं निर्माण के दौरान सतत निरीक्षण के स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। रेलवे अथवा नगर निगम जैसे विभिन्न स्टेकहोल्डर्स से समन्वय स्थापित करने की प्रक्रिया भी स्पष्ट की गई है।

मुख्य अभियंता सेतु परिक्षेत्र श्री पीसी वर्मा द्वारा स्पष्ट किया गया है कि पुराने अलाइनमेंट्स को रद्द नहीं किया गया है अपितु गलती से जारी हुआ एक त्रुटिपूर्ण आदेश उसी दिन निरस्त कर दिया गया। उल्लेखनीय है कि पुलों और फ्लायओवर की जनरल अरेंजमेंट ड्राइंग (जीएडी) रेलवे और लोक निर्माण विभाग द्वारा संयुक्त रूप से जारी की जाती हैं। मुख्य अभियंता को इन्हें निरस्त करने का कोई अधिकार नहीं है और ऐसी कोई आवश्यकता किसी परियोजना में परिलक्षित नहीं हुई है। निर्माण कार्यों के दौरान अक्सर स्थान विशेष की परिस्थिति अनुसार अलाइनमेंट और डिजाइन में परिवर्तन की आवश्यकता होती है, जो कि सतत प्रक्रिया का हिस्सा है। ऐसे परिवर्तनों के दौरान संबंधित आईआरसी कोड और मोर्थ के मापदंडों का पालन अनिवार्य रूप से किया जाता है।

राज्य शासन ने निर्देश जारी किए हैं कि निर्माण के दौरान होने वाले सभी परिवर्तन अन्य स्टेकहोल्डर्स जैसे नगर निगम और रेलवे के समन्वय से ही किए जाएं। परियोजनाओं के रुकने जैसी कोई स्थिति नहीं है। ब्रिज परियोजनाओं में आने वाली जटिल बाधाओं के शीघ्र निराकरण के लिये प्रमुख अभियंता की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है, जिसमें आवश्यकता अनुसार शासकीय या निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों को शामिल किया जा सकता है। अब समस्याओं का तकनीकी स्तर पर शीघ्र समाधान हो सकेगा और परियोजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी आएगी। राज्य शासन ने यह भी निर्णय लिया है कि प्रदेश के सभी अभियंताओं का दक्षता संवर्द्धन किया जाए। मध्यप्रदेश रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (एमपीआरडीसी) के तकनीकी सलाहकार को इंडियन अकादमी फॉर हाईवे इंजीनियरिंग के साथ मिलकर पुलों के गुणवत्तापूर्ण निर्माण हेतु प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।

विभाग बड़ी परियोजनाओं के लिए अनुबंध के अन्य विकल्पों पर भी विचार कर रहा है, जिससे कार्यों की गुणवत्ता और डिजाइन में निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों की भागीदारी सुनिश्चित हो सके। बड़ी परियोजनाओं को इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन (ईपीसी) मोड पर करने की कार्ययोजना पर विचार किया जा रहा है। साथ ही राज्य शासन विभागीय क्रियान्वयन में अधिकतम सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग पर भी विचार कर रहा है, जिसमें बड़ी परियोजनाओं की कैमरा युक्त निगरानी भी शामिल है।

इस संबंध में यह भी स्पष्ट किया गया है कि सेतु परिक्षेत्र द्वारा किसी भी कार्य की जीएडी निरस्त नहीं की गई है और ना ही किसी कार्य को रोका गया है।

सुंदरलाल बर्मनhttps://majholidarpan.com/
Sundar Lal barman (41 years) is the editor of MajholiDarpan.com. He has approximately 10 years of experience in the publishing and newspaper business and has been a part of the organization for the same number of years. He is responsible for our long-term vision and monitoring our Company’s performance and devising the overall business plans. Under his Dynamic leadership with a clear future vision, the company has progressed to become one of Hindi e-newspaper , with Jabalpur district.

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