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Friday, June 20, 2025

जंगल राज में बदलते निजी अस्पताल! RTI में हुआ खुलासा

दर्जनों हॉस्पिटल फायर सेफ्टी में फेल, प्रशासन मौन

जबलपुर

निजी अस्पतालों वालों ने खरीद लिए नियम कायदे, न पार्किंग, न फायर सेफ्टी की परवाह, RTI में हुआ खुलासा- 

दर्जनों अस्पताल अग्निशमन मानकों पर फेल, प्रशासन और CMHO बने मूक दर्शक

फिर..न्यू लाइफ जैसे हादसे का इंतजार…

जबलपुर में कई निजी अस्पताल और नर्सिंग होम्स मौत के कुए में तब्दील हो चुके हैं। नगर निगम की हालिया रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि शहर के दर्जनों अस्पताल न तो फायर ब्रिगेड के प्रवेश योग्य हैं, न ही उनके पास आग से निपटने के लिए बुनियादी संसाधन मौजूद हैं। हैरानी की बात यह है कि इन सबके बावजूद CMHO (मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी) और जिला प्रशासन आंखें मूंदें बैठे हैं। जानकारी के मुताबिक दीनदयाल चौक के पास स्थित न्यू लाइफ मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल में 1 अगस्त 2022 को आग लगने से 8 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में 5 मरीज और 3 कर्मचारी शामिल थे। 26 से ज्यादा लोग घायल भी हुए थे। कई लोग घायल भी हुए। यह आग ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर में शॉर्ट सर्किट की वजह से शुरू हुई थी। इस हादसे के बाद तत्कालीन सीएमएचअो डॉ. रत्नेश कुररिया को हटा दिया गया था। उनके स्थान पर ज्वॉइंट डायरेक्टर हेल्थ डॉ. संजय मिश्रा को सीएमएचअो का अतिरिक्त चार्ज दे दिया गया, जो अाज भी जारी है। सच्चाई यह है कि डॉ. कुकरिया जिस हाल में हटाए गए थे, अस्पतालों के हाल अभी भी वही हैं। लेशमात्र भी बदलाव नहीं आया है। ऐसा लगता है जैसे फिर से किसी बड़े हादसे का इंतजार किया जा रहा है। अस्पतालों में न तो फायर एनअोसी कम्प्लीट हुई है अौर न ही पार्किंग के लिए बेहतर इंतजाम हैं। अधिकांश अस्पतालों की पार्किंग सड़कों पर लगती है। अस्पताल के अंदर आने-जाने के लिए ढंग से दरवाजे तक नहीं हैं। बीएएमएस चिकित्सकों के हवाले पूरा अस्पताल छोड़ दिया जाता है। बाहर से चिकित्सक बुलवाकर इलाज करवाया जाता है। इसके बाद भी सीएमएचअो कार्यालय की तरफ से किसी तरह की कार्यवाही नहीं की जा रही है। इससे साफ पता चलता है कि सदा-बदा खेल चल रहा है। आंखों पर पट्‌टी बांधने की कीमत वसूली जा रही है। नीचे से लेकर ऊपर तक सब सैट हैं। मरीजों की जान की परवाह किसी को नहीं है। सबको अपने कमीशन अौर अपने हिस्से से मतलब है।

सवालों के घेरे में प्रशासन और CMHO

सूत्रों के अनुसार नगर निगम की अग्निशमन शाखा ने उन अस्पतालों की सूची बनाकर स्वास्थ्य विभाग को भेज दी है, जो भवन अनुज्ञा और अग्निशमन सुरक्षा मानकों का पालन नहीं कर रहे, लेकिन महीनों बीतने के बावजूद को ठोस कार्रवाई नहीं हुई

> “क्या CMHO किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार कर रहे हैं?

> – सवाल उठा रही है आम जनता, जनप्रतिनिधि और एडवोकेट्स।

बिना पार्किंग, बंद गलियाँ और एंट्री प्वाइंट — कैसे पहुंचेगा फायर ब्रिगेड?

नगर निगम अग्निशमन विभाग की रिपोर्ट में बताया गया है कि शहर के दर्जनों अस्पताल ऐसे भवनों में चल रहे हैं :

* जहां तीनों तरफ से अग्निशमन वाहन की एंट्री असंभव है

* कोई वैध पार्किंग या आपात निकास (Emergency Exit) मौजूद नहीं

* फायर अलार्म और वाटर हाइड्रेंट जैसी बुनियादी व्यवस्थाएं भी नदारद

बड़े-बड़े प्राइवेट अस्पतालों को ‘नियमों की छूट’ क्यों?

यह बड़ा सवाल अब आम जनता से लेकर जनप्रतिनिधियों तक पूछ रही है कि —

* आम व्यक्ति के छोटे क्लीनिकों पर सख्ती, लेकिन

* बड़े कॉरपोरेट हॉस्पिटल्स को “मूक छूट” क्यों?

* क्या CMHO और प्रशासनिक अधिकारी किसी दबाव में हैं

आग का कारण संभावित रूप से ट्रांसफॉर्मर में विस्फोट या शॉर्ट सर्किट बताया गया। आग पर काबू पा लिया गया था, और घटना की जांच के आदेश दिए गए।

न्यू लाइफ मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल में दोपहर करीब 2 बजे भीषण आग लग गई थी। जो तेजी से पूरे अस्पताल में फैल गई। इस हादसे में 8 मरीजों की मृत्यु हो गई थी, जिनमें से 4 की मौत आग से जलने और 4 की दम घुटने से हुई थी। इसके अलावा, 26 लोग घायल हुए थे।

सुंदरलाल बर्मनhttps://majholidarpan.com/
Sundar Lal barman (41 years) is the editor of MajholiDarpan.com. He has approximately 10 years of experience in the publishing and newspaper business and has been a part of the organization for the same number of years. He is responsible for our long-term vision and monitoring our Company’s performance and devising the overall business plans. Under his Dynamic leadership with a clear future vision, the company has progressed to become one of Hindi e-newspaper , with Jabalpur district.

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