शासकीय बालक हाई स्कूल गढ़ाकोटा के प्राचार्य श्री इन्दुनाथ तिवारी को म.प्र. सिविल सेवा नियम-1996 के तहत कमिश्नर सागर संभाग डा. वीरेन्द्र सिंह रावत द्वारा लघु शास्ति का दंड दिया गया है।
सागर
कार्यालयीन आदेशानुसार श्री तिवारी को बोर्ड परीक्षा परिणामों में अत्यंत खराब प्रदर्शन हेतु उत्तरदायी मानते हुए यह कार्रवाई की गई है।
संयुक्त संचालक लोक शिक्षण सागर द्वारा भेजे गए प्रतिवेदन में बताया गया कि सत्र 2023-24 में विद्यालय का कक्षा 10वीं एवं 12वीं का परीक्षा परिणाम 30 प्रतिशत से भी कम रहा, जो शैक्षणिक गतिविधियों में गंभीर लापरवाही को दर्शाता है। इसके लिए प्राचार्य श्री तिवारी को दोषी माना गया। यह भी उल्लेखनीय है कि परीक्षा परिणाम में कमी विद्यालय की शिक्षा गुणवत्ता और प्रबंधन पर सवाल खड़े करता है।
प्राचार्य श्री तिवारी ने अपने उत्तर में खेद प्रकट करते हुए परीक्षा परिणाम की निम्नता के कारण बताए, जिनमें छात्रों की अनियमित उपस्थिति, ग्रामीण पृष्ठभूमि और गणित विषय में कमजोर प्रदर्शन शामिल हैं। उन्होंने बताया कि पूरक परीक्षा हेतु विशेष कक्षाएं संचालित कर 33 में से 32 छात्रों को सफल किया गया, जिससे परिणाम 40.18 प्रतिशत तक सुधरा। साथ ही उन्होंने सेवानिवृत्ति के पूर्व के अंतिम पांच माह में सहानुभूतिपूर्वक विचार का अनुरोध भी किया।
हालांकि, विभागीय समीक्षा उपरांत यह पाया गया कि श्री तिवारी द्वारा प्रस्तुत उत्तर समाधानकारक नहीं है। उनके द्वारा अपने पदीय कर्तव्यों में लापरवाही बरतने के कारण शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित हुई। परिणामस्वरूप कमिश्नर कार्यालय द्वारा उनकी एक वेतनवृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकी गई है तथा प्रकरण को इसी स्तर पर समाप्त कर दिया गया है।