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Saturday, June 21, 2025

आरटीआई का आवेदन नहीं लेना प्राचार्य को पड़ा महंगा

राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह का उल्लेखनीय फैसला

सतना 

सतना के प्राचार्य पर ₹25000 का जुर्माना

जानकारी छुपाने के चक्कर में कई अधिकारी अपने कार्यालय में RTI आवेदन लेने से ही मना कर देते हैं। ये अधिकारी यह मानकर चलते हैं कि अगर RTI आवेदन लेने से इंकार कर देंगे तो RTI आवेदन दायर नहीं माना जाएगा और आगे उनके विरुद्ध कोई कार्रवाई भी नहीं होगी। राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने RTI आवेदन की डाक लौटाने के मामले में सतना के प्राचार्य के ऊपर ₹25000 का जुर्माना लगाया है। सिंह ने इस प्रकरण मे जाँच की और पाया प्रकरण में  अधिकारी के विरुद्ध पर्याप्त साक्ष्य जैसे लौटाई गई डाक के लिफ़ाफ़े  पर दर्ज डाकिए की टीप और डाक भेजने की रसीद है। सिंह ने अपने आदेश मे स्पष्ट किया कि सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा 6 के तहत सभी नागरिकों को आरटीआई आवेदन दायर करने का अधिकार है और अगर कोई लोक सूचना अधिकारी पार्टी आवेदन लेने से मना करता है तो वह इस धारा का उल्लंघन करता है। वही कोई अधिकारी अगर RTI आवेदन लेने से इनकार करता है तो RTI आवेदक सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा 18 के तहत आयोग के समक्ष शिकायत दर्ज कर सकते हैं। वही धारा 20 मे बिना किसी कारण RTI आवेदन लेने से इंकार करने पर दोषी अधिकारी के विरुद्ध जुर्माना लगाने का प्रावधान है।

उक्त प्रकरण में प्राचार्य रामनिवास कुशवाहा प्राचार्य शासकीय कप्तान लाल प्रताप सिंह उच्चतर माध्यमिक विद्यालय खरमसेड़ा

सतना ने आरटीआई आवेदक मुन्ना लाल पटेल की रजिस्टर्ड डाक लौटा दी। डाक लौटाने पर डाकिए द्वारा लिफाफे के ऊपर यह टीप दर्ज की गई कि प्राप्तकर्ता ने लेने से इंकार किया। सूचना आयोग में सुनवाई के दौरान जब कुशवाहा को सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने नोटिस जारी किया तो उन्होंने अपनी सफाई में कहा कि उनके द्वारा डाक नहीं लौटाई गई और उनकी जानकारी में नहीं है कि डाक किसने लौट आई। सिंह ने कुशवाहा को डाक विभाग से अपने पक्ष में स्पष्टीकरण लाने को कहा तो वे डाक विभाग से अपने पक्ष में  कोई स्पष्टीकरण नहीं ला पाए। सिंह ने 1 महीने का समय कुशवाहा को दिया है ₹ 25000 जुर्माने की राशि को जमा करने के लिए।  राज्य  सूचना आयुक्त राहुल ने कहा कि कई अधिकारी इस गलतफहमी का शिकार है कि आरटीआई आवेदन लौटाने पर उनके  कार्रवाई नहीं होगी। पहले भी सिंह आरटीआई आवेदन की डाक लौटाने के कई मामलों में दोषी अधिकारियों के विरुद्ध जुर्माने की कार्रवाई कर चुके हैं।

सुंदरलाल बर्मनhttps://majholidarpan.com/
Sundar Lal barman (41 years) is the editor of MajholiDarpan.com. He has approximately 10 years of experience in the publishing and newspaper business and has been a part of the organization for the same number of years. He is responsible for our long-term vision and monitoring our Company’s performance and devising the overall business plans. Under his Dynamic leadership with a clear future vision, the company has progressed to become one of Hindi e-newspaper , with Jabalpur district.

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