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Friday, June 20, 2025

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु द्वारा भोपाल में 7वें अंतर्राष्ट्रीय धर्म-धम्म सम्मेलन-2023 का किया गया उद्घाटन

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु द्वारा कुशाभाऊ ठाकरे सभागार, भोपाल में 7वें अंतर्राष्ट्रीय धर्म-धम्म सम्मेलन-2023 का किया गया उद्घाटन

भोपाल 

इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि धर्म धम्म सम्मेलन, मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में आयोजित किया जा रहा है। इस अवसर पर पधारे सभी विद्वजनों का मैं हृदय से स्वागत करता हूं, अभिनंदन करता हूं। मध्यप्रदेश को सांची बौद्ध भारतीय ज्ञान विश्वविद्यालय की स्थापना करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। मुझे प्रसन्नता है कि विश्वविद्यालय द्वारा प्रारंभ किए गए बौद्ध और भारतीय ज्ञान अध्ययन ने अनेक उपलब्धियां हासिल की हैं। सीएम श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश का संस्कृति विभाग, इंडिया फाउंडेशन के साथ मिलकर इस आयोजन को कर रहा है। मैं राम माधव जी और इंडिया फाउंडेशन को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने भोपाल को इस सम्मेलन के लिए चुना।

अयं निजः परो वेति गणना लघु चेतसाम् ।
उदारचरितानां तु वसुधैव कुटुम्बकम् ।।
ये तेरा है, ये मेरा है, ये छोटे दिल वालों की सोच है। जो विशाल हृदय के होते हैं, वो कहते हैं सारी धरती ही एक परिवार है।
सीएम श्री चौहान ने कहा कि हमारे यहां कहा गया है ‘आत्मवत् सर्वभूतेषु’
सबको अपने जैसा मानो, किसी मेंं कोई भेद मत करो, जियो और जीने दो का मंत्र भारत में सदियों से गुंजायमान है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि केवल विद्वानों की सभाओं में नहीं, बल्कि भारत के गांव-गांव में आज भी बच्चा-बच्चा हर धार्मिक आयोजन में उद्घोष करता है कि धर्म की जय हो, अधर्म का नाश हो, प्राणियों में सद्भावना हो और विश्व का कल्याण हो, सब में एक ही चेतना है। सबमें एक ही भाव है, एक ही चेतना है। हमने पशुओं में, पक्षियों में, कीट पतंगों में उसी एक आत्मा को देखा। इसीलिए भारत में दशावतार माने गए हैं।
हमने नदियों की भी पूजा की और उन्हें मां माना।
गंगा सिंधुश्च कावेरी यमुना च सरस्वती ।
रेवा महानदी गोदा ब्रह्मपुत्रःपुनातु माम्।।
हमने पेड़ों की भी पूजा की। वट का वृक्ष, पीपल का पेड़ इसमें भी वही चेतना है। धर्म और धम्म का पहला सिद्धांत है, सभी जीवों के साथ दया और सम्मान का व्यवहार करना। दूसरा सिद्धांत ‘ज्ञान और बोध’ जिसका अर्थ है चीजों की नश्वरता और अंतरसंबंधों को पहचानना। तीसरा, आंतरिक शांति, निर्विकार भाव विकसित करना है।
धर्म-धम्म सम्मेलन में अलग-अलग बिंदुओं पर विद्वान गंभीर चिंतन और मनन करेंगे। मुझे पूरा विश्वास है कि इस चिंतन से जो अमृत निकलेगा, वो दुनिया को शाश्वत शांति के पथ का दिग्दर्शन कराने में सफल होगा। भगवान गौतम बुद्ध ने कहा है कि युद्ध नहीं शांति, घृणा नहीं प्रेम, संघर्ष नहीं समन्वय, शत्रुता नहीं मित्रता, ये ही वो मार्ग हैं जो भौतिकता की अग्नि में दग्ध मानवता को शाश्वत शांति के पथ का दिग्दर्शन कराएगा। इसके लिए धर्म धम्म सम्मेलन बहुत उपयोगी होगा।

सुंदरलाल बर्मनhttps://majholidarpan.com/
Sundar Lal barman (41 years) is the editor of MajholiDarpan.com. He has approximately 10 years of experience in the publishing and newspaper business and has been a part of the organization for the same number of years. He is responsible for our long-term vision and monitoring our Company’s performance and devising the overall business plans. Under his Dynamic leadership with a clear future vision, the company has progressed to become one of Hindi e-newspaper , with Jabalpur district.

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