शासकीय मंदिर की भूमि से अवैध कब्जा हटाने की जिला प्रशासन की अमले ने की बड़ी कार्रवाई
इंदौर
इंदौर में कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी के निर्देशन में शासकीय जमीनों को अतिक्रमण मुक्त कराने की कार्रवाई जिला प्रशासन के अमले द्वारा लगातार की जा रही है। इसी सिलसिले में आज एक शासकीय मंदिर की भूमि से अवैध कब्जा और अतिक्रमण हटाने की जिला प्रशासन के अमले द्वारा बड़ी कार्रवाई की गई। इस कार्रवाई में 52 करोड़ रूपये से अधिक मूल्य की बेशकीमती शासकीय जमीन मुक्त कराई गई।
कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी के संज्ञान में यह तथ्य आया कि ग्राम खजराना के रोबोट चौराहे के समीप स्थित शासकीय मारुति मंदिर की भूमि पर अवैध रूप से कब्जे किये जाकर, शराब की दुकानों, कांच फेक्ट्री एवं मकानों का निर्माण कर अतिक्रमण किया जा रहा है। कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने तुरंत जांच के निर्देश दिये। कलेक्टर द्वारा दिए गए जाँच के निर्देश के उपरांत एसडीएम जूनी इंदौर श्री घनश्याम धनगर एवं तहसीलदार श्री जगदीश रंधावा द्वारा इंदौर शहर के मध्य में स्थित ग्राम खजराना की उक्त बेशकीमती भूमि खसरा क्रमांक 532/1470, 532/1471 जो कि मध्यप्रदेश मारुति मंदिर व्यवस्थापक कलेक्टर जिला इंदौर के नाम पर दर्ज है, कि जाँच करवाई गई।
जांच में उक्त भूमि पर अतिक्रमणकर्ताओं प्रियंका पति अनूप जैन (वाईन शॉप की दुकान बनाकर ), सूर्य कुमार हसमत राय ( वाईन शॉप के सामने निर्माण कर ), गोपाल पिता सुखलाल माण्डरे (कां च की फैक्ट्री एवं दुकाने बनाकर ), शेलेन्द्र कुमार पिता बसंत जोशी ( दुकान एवं निर्माणाधीन मकान बनाकर ), सुरेश पिता हीरालाल अगलानी ( दुकाने बनाकर ), राजेन्द्र घोलप ( दुकाने बनाकर ), सावन लोकेश पिता राजेन्द्र घोलप (दुकाने बनाकर ) का अवैध कब्जा पाया गया।
उक्त अतिक्रमणकर्ताओं के विरुद्ध तहसील न्यायालय में विधिवत प्रकरण दर्ज कर, सुनवाई का विधिवत अवसर प्रदाय किया गया। इसके पश्चात मध्यप्रदेश भू राजस्व स्नाहिता 1959 की धारा 248 के अंतर्गत कार्यवाही करते हुए अतिक्रमणकर्ता क्रमशः प्रियंका पति अनूप जैन, सूर्य कुमार हसमत राय, गोपाल पिता सुखलाल माण्डरे , शेलेन्द्र कुमार पिता बसंत जोशी, सुरेश पिता हीरालाल अगलानी, राजेन्द्र घोलप, सावन लोकेश पिता राजेन्द्र घोलप को उक्त भूमि से बेदखल करते हुए, लगभग 57 हजार 350 वर्गफीट भूमि को अतिक्रमण मुक्त करने की कार्रवाई की गई। अतिक्रमण मुक्त कराई गई जमीन का बाजार मूल्य 52 करोड़ 11 लाख 60 हजार रूपये है। अतिक्रमण मुक्त कराने की कार्रवाई जिला प्रशासन के अमले के साथ ही नगर निगम एवं पुलिस विभाग के संयुक्त दल द्वारा की गई।