खितौला पुलिस ने चलाया डंडा खुल गया तुरंत जाम,
सिहोरा
जबलपुर जिले का सिहोरा शहर जनसंख्या और क्षेत्र फ़ल के हिसाब से तो विकसित हो गया, मगर जनसंख्या और क्षेत्र फ़ल के आधार पर जनता को मिलने वाली मूल भूत सुविधाओं के लिए आज भी पिछले बीसों साल से सुविधाओं के लिए नेताओं और सरकार का मुंह ताक रहा है, जिले की घोषणा तो पिछली कांग्रेस सरकार द्वारा कर दी गई थी मगर उसके बाद लगातार भाजपा की सरकार राज करती आ रही है, और इस क्षेत्र के मतदाता भी जिला मुख्यालय बनने की आस में हर बार भाजपा को वोट देते आ रहे हैं, मगर मजाल है कि कोई विधायक या सांसद सिहोरा को जिले का अमलीजामा पहनाने के लिए विधानसभा में आवाज़ उठाता, जिला मुख्यालय तो दूर की बात यहां आज़ तक यातायात व्यवस्था के लिए यातायात थाना या पुलिस की नियुक्ति नहीं हो सकी,जिसके कारण हर गली चौराहों पर बेतरतीब सड़कों पर खड़े दो पहिया चार पहिया वाहनों के कारण आए दिन जाम लगना, एक्सीडेंट होना और वाहन चालकों में आपसी विवाद होना आदि समस्याओं को देखते हुए सिटी पुलिस को यातायात व्यवस्था का मोर्चा सम्हालने थाना छोड़ सड़कों पर उतरना पड़ता है, ऐसा ही कुछ नजारा आज़ खितौला रेलवे फाटक पर देखने मिला जहां वाहन चालकों ने अपने वाहनों को बेतरतीब ढंग से खड़ा करके ज़ाम लगा दिया, जिसकी सूचना खितौला थाने को लगते ही खितौला टीआई संगीता सिंह दल-बल के साथ खितौला फाटक पहुंच कर पहले तो वाहन चालकों को समझाइश देकर वाहनों को क्रमशः दाएं बाएं क़तार में लगाकर खड़े करने कहा, मगर कुछ वाहन चालकों ने ना तुम सरको ना हम सरकें,सरको तो यूं सरको कि कलम कर दो मेरे सर को,की तर्ज़ पर अड़ियल रवैए का परिचय दिया तो मजबूरन पुलिस को ठन्डे का सहारा लेना पड़ा और कई वाहन चालकों को ठन्डे की भाषा से समझाते हुए आनन फानन में ज़ाम ख़त्म करवाया, पुलिस द्वारा आज़ की गई कार्यवाही की ज्यादातर सभ्य समझदार लोगों ने तारीफ की और उनके द्वारा कहा गया कि काश ऐसा ही हर चौराहों पर बेतरतीब वाहन चालकों द्वारा ज़ाम लगाने वालों पर लट्ठ छाप कार्यवाही होने लगे तो बहुत जल्द सिहोरा की यह समस्या ख़त्म हो सकती है
इनके सहयोग से खुला जाम
थाना प्रभारी संगीत सिंह धनीराम पटेल संदीप द्विवेदी मयंक शुक्ला चतुर्वेदी राकेश मरकाम बुद्धदेव अखिलेश चतुर्वेदी आदि लोग मौजूद रहे