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Saturday, June 21, 2025

जबलपुर की बावडियों को देखने देश विदेश से आयेंगे लोग :- पद्मश्री महेश शर्मा

गढ़ा एवं उजार पुरवा बावड़ी के जीर्णोद्वार के लिए लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह बधाई के पात्र

रानी दुर्गावती कालीन दो बावड़ी कायाकल्प के बाद हुई लोकार्पित

जबलपुर

मैं जल संरक्षण के क्षेत्र में आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र झाबुआ में कार्य करता हूं लोग दूर दूर से उस कार्य को देखने भी आते है पर अब मैं लोगो से कहूंगा की जल संरक्षण की कार्य को देखना हो तो जबलपुर जरूर जाइए क्योंकि जल के महत्व को समझते हुए राकेश सिंह जी ने ऐतिहासिक और पुरातन बावड़ी जो गंदगी और कीचड़ से भरी रहती थी उनके जीर्णोद्वार का बीड़ा उठाकर उन्हें जल मंदिर के रूप के स्थापित किया है यह सबके लिए अनुकरणीय है, यह बात पद्मश्री डॉ महेश शर्मा ने गढ़ा स्थित राधाकृष्ण बावड़ी के लोकार्पण अवसर पर कही। डॉ महेश शर्मा, लोक निर्माण मंत्री श्री राकेश सिंह ने गढ़ा एवं उजार पुरवा बावड़ी के जीर्णोद्वार एवं कायाकल्प कार्य का लोकार्पण कर उन्हे जनता को समर्पित किया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ महेश शर्मा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा हमने त्रेता युग के समय सुना है की पत्थर बनी मां अहिल्या को स्पर्श करके भगवान राम ने उनका उद्धार कर दिया था, यह हमने सुना और पढ़ा है किंतु हममें से किसी ने वह देखा नही है किन्तु आज जबलपुर में दो ऐतिहासिक बाबड़ियो के जीर्णोद्वार को देखकर लगा जैसे हमने त्रेता युग के बारे में जो सुना है उसे आज कलयुग में पूरा होते देख रहे है और कीचड़ से भरे हुए गड्ढों को कल मंदिर बनते हमने अपनी आंखों से देख रहे है और यह श्रम रूपी पारस का स्पर्श मुझे लगता है पूरे भारत में अनेकों बाबड़िया, जलाशय और जल स्तोत्र होंगे जो ऐसे हाथो को तरस रही है और वो तरस राकेश सिंह जी ने आगे बढ़कर पूरी की है और उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर आप सभी ने कार्य किया है और जबलपुर ये दो बाबड़िया है यह दो नही है बल्कि पूरे भारत के अंदर जिनके मन में भी संवेदना है उनके हृदयों में एक दीपक जलाती है।

100 साल की कल्पना को लेकर हुआ कार्य :-

उन्होंने कहा भाषण देना बहुत आसान काम है लेकिन कीचड़ और गंदगी से भरे गड्ढे में उतरना और दूसरो की पीड़ा को दूर करने के लिए दुर्गंध को सहन करना, यह साधारण बात नहीं है क्योंकि आपका पद प्रतिष्ठा मान सम्मान आपको इस कार्य को करने के लिए विवश नही करते है। कोई व्यक्ति राजनीति में आता है तो वह पांच सालो की ही सोचता है लेकिन मैंने राकेश जी को देखा है उनके संकल्प को समझा और मुझे लगता है कि इनके नजर में 100 साल का सपना है और यदि 100 साल का सपना नहीं होता तो जल जैसे क्षेत्र में यह कार्य नहीं करते।

उन्होंने कहा जल संकट वैश्विक समस्या है और वैश्विक समस्या बताने से हल नहीं होती हम कितनी भी भयाभय स्थिति बता दे, कितने भी सेमिनार कर ले पर समस्या हल नहीं होने वाली। हमे भगवान श्रीराम के जीवन से सीखना चाहिए की त्रेता युग में उन्होंने क्या किया था जब उन्हे वन गमन हुआ तो वे जंगल में निकल गए और ऐसा जंगल जो संदेहों का जंगल, शंका कुशंका का जंगल था और राम ने अपने कदम बढ़ा दिया उसी तरह आज के समय जैसे अविश्वास फैल रहा है साधु संतो के प्रति, नेताओ के प्रति, प्रशासनिक अधिकारियों के प्रति लोगो के मन में घनघोर अविश्वास है और इस अविश्वास के बीच किसी ने कदम बढ़ा दिए तो वह सफल हो जाता है।

पद और पावर से नही संकल्प से होता है कार्य पूर्ण :-

उन्होंने कहा प्रदेश के मंत्री, राज्य के मंत्री, केंद्र के मंत्री तो बहुत हुए और आगे भी बहुत होंगे किंतु मंत्री मंडल में होने से यह समस्या हल नहीं होती इसके लिए दूसरे के दर्द का अनुभव स्वयं को होना आवश्यक है अपने पद और पावर का सही दिशा में और सकारात्मक रूप से उपयोग करना देखना हो तो राकेश जी के कार्यों से सीख सकते है।

जल की समृद्ध विरासत आने वाली पीढ़ी को मिले :-

उन्होंने कहा जो स्वयं के लिए जीये वह पुरुष होता है किंतु जो दूसरो की पीड़ा और दुख को अपना मानकर उनके लिए जिये वह महापुरुष होता है और राकेश जी ने भविष्य के जल संकट को समझते हुए जल संरक्षण की दिशा में जो सार्थक प्रयास किए है और आने वाली पीढ़ियों को जल की समृद्ध विरासत मिले इसके लिए उनके द्वारा किए कार्य अनुकरणीय है।

जल की समस्या और जल संकट को देखते हुए जल संरक्षण की दिशा में किए प्रयास :-

लोक निर्माण मंत्री श्री राकेश सिंह ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा मैं जब सांसद बना और जल के पुरातन स्त्रोतों को समाप्त होते देखा तब मेरे मन में आया की जल संरक्षण की दिशा में कार्य करना चाहिए मैने इस दिशा में कार्य प्रारंभ किए जिनमें 2009 में 20 दिनों तक जल रक्षा यात्रा की जो पूरे संसदीय क्षेत्र में चली थी लेकिन सिर्फ जल रक्षा यात्रा ही पर्याप्त नहीं थी इसके बाद भी हर वर्ष जल संरक्षण के लिए जनजागरण के कार्य सभी के साथ मिलकर मैं करता रहा जिनमे तालाबों की सफाई, बरेला के पास गोमुख में ग्रेवेडियन बांध का निर्माण, संग्राम सागर को स्वच्छ करके पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का कार्य, जनजागरण हेतु गोष्ठी का आयोजन आदि कार्य किए, उसी दौरान ध्यान में आया कि हमारे जबलपुर में मां रानी दुर्गावती के काल की ऐतिहासिक बावड़ीयां है जिनमे गढ़ा क्षेत्र स्थित राधाकृष्ण बाबड़ी और बल्देवबाग स्थित उजार पुरवा बावड़ी को देखा तो लगा इनका पुनरुद्धार होना चाहिए इसके लिए भाजपा के कार्यकर्ताओ और स्थानीय जनों के साथ मिलकर श्रमदान करते हुए।

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने किया बावड़ीयों का नामकरण 

उन्होंने कहा बावड़ी की सफाई और जल संरक्षण के कार्यों को लेकर मैं जब प्रधानमन्त्री श्री नरेंद्र मोदी जी मिला और उन्हे इन बावड़ी के कार्य के बारे में बताया तो उन्होंने ही मुझे कहा कि इनका नाम जल मंदिर रखना चाहिए और आज जबलपुर की दो बावड़ी जल मंदिर के रूप में आपको समर्पित करते हुए प्रसन्नता की अनुभूति हो रही है।

श्री सिंह ने एक उदाहरण देते हुए कहा कि जब गांव में आग लगती है और सारे लोग तालाब से पानी भर के उसे बुझाने का कार्य करते है तब एक छोटी चिड़िया भी अपनी चोंच में पानी भरकर आग को बुझाने का कार्य करती है ।उससे पूछते तो बताती है कि भविष्य जब इतिहास लिखा जायेगा तो मेरा नाम आग बुझाने वालों में आएगा न कि आग लगाने वालो में । उसी तरह बावड़ी सुंदर और स्वच्छ रूप में आपके लिए समर्पित की है और अब क्षेत्रीय जनों की जिम्मेदारी है की आप इसे संरक्षित रखे इसे स्वच्छ रखे और आप इसे देखें और लोगो को भी इसे देखने के लिए प्रेरित करे क्योंकि अपनी छोटी छोटी जिम्मेदारी यदि हम निभाते है तो समाज और आने वाली पीढ़ी के लिए कुछ कर पाएंगे।

इस अवसर पर महापौर श्री जगत बहादुर सिंह अन्नू, विधायक श्री अशोक रोहाणी, डॉ अभिलाष पांडे एवं श्री संतोष वरकड़े, भाजपा के नगर अध्यक्ष श्री प्रभात साहू, ग्रामीण अध्यक्ष श्री रानू तिवारी, नगर निगम अध्यक्ष श्री रिकुंज विज, श्री कमलेश अग्रवाल, श्री पंकज दुबे, श्री रत्नेश सोनकर, श्री रजनीश यादव, श्री अभय सिंह ठाकुर, श्री अनिल तिवारी, शैलेंद्र विश्वकर्मा, अतुल चौरसिया, कौशल सूरी, राहुल खत्री, योगेश बिलोहा, अभिषेक तिवारी, पार्षद राहुल साहू, जीतू कटारे, प्रिया संजय तिवारी, सुनील गोस्वामी, अतुल जैन दानी आदि उपस्थित थे।

सुंदरलाल बर्मनhttps://majholidarpan.com/
Sundar Lal barman (41 years) is the editor of MajholiDarpan.com. He has approximately 10 years of experience in the publishing and newspaper business and has been a part of the organization for the same number of years. He is responsible for our long-term vision and monitoring our Company’s performance and devising the overall business plans. Under his Dynamic leadership with a clear future vision, the company has progressed to become one of Hindi e-newspaper , with Jabalpur district.

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