सेमरिया विधायक पर चढ़ा सत्ता का नशा
सतना
सिरमौर सीईओ पर कराया जानलेवा हमला
सतना से मुकेश चतुर्वेदी के साथ पंकज मिश्रा..
मध्यप्रदेश में लम्बे समय से सत्ता की बागडोर संभालने वाली भाजपा के विधायक तमाम मर्यादाओं को भूलकर मद मस्त हांथी की चाल चलने के आदी हो गये हंैं। ऐसे विधायक अपने आपको सिरमौर समझकर सामाजिक वातावरण विगाडऩें का प्रयास कर रहे हैं। विध्य प्रदेश के जिस रीवा जिले की जनता ने आठ विधानसभा में भाजपा को विधायक देने का कारनामा किया है उसी जिले की सेमरिया विधानसभा से निर्वाचित विधायक केपी त्रिपाठी सत्ता के नशे में चूर होकर इस कदर बेलगाम हो चुके हैं कि आये दिन कोई न कोई कारनामा करते रहते हैं। सिरमौर जनपद सीईओ के मोबाईल पर फोन लगवाकर सेमरिया विधायक ने सड़क छाप गुंडे की तर्ज पर जो वार्तालाप किया वह जगजाहिर हो चुका है। जो भाजपा अपने सिद्धांतों की दुहाई देते नहीं थकती है। उसी पार्टी का विधायक जनप्रतिनिधि की सीमा को भूलकर गुंडागर्दी करने पर उतारू हो गया है। फोन पर सिरमौर जनपद सीईओ को अपने अंदाज में सेमरिया विधायक ने धमकाने का भरपूर प्रयास किया लेकिन सामने वाले अधिकारी ने भी विधायक को आईना दिखाने का काम किया है। इस वार्तालाप के कुछ समय बाद ही मीडिया में खबर वॉयरल हुई की सेमरिया विधानसभा के पुरवा गांव से गुजर रहे सिरमौर जनपद सीईओ कुछ अज्ञात लोगों ने प्राण घातक हमला कर दिया है। नि:संदेह जिस अंदाज में सेेमरिया विधायक ने मोबाईल पर सीईओ को धमकाने का प्रयास किया और उसके बाद जो घटना सामने आई है उसमें पूरी तरह से विधायक की भूमिका संदिग्ध है। अब सवाल यह उठता है कि सुशासन का नारा देने वाली भाजपा सरकार के मुखिया शिवराज सिंह चौहान मर्यादाओं को लांघने वाले वेलगाम सेमरिया विधायक केपी त्रिपाठी पर क्या कोई कार्रवाई करने की हिम्मत दिखा पायेगें?
सेमरिया विधायक की विवादित कार्रशैली किसी से छिपी नहीं है। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में सेमरिया से निर्वाचित होने वाले विधायक केपी त्रिपाठी लगातार ऐसे कृत्यों को लेकर जनमानस के सामने आ रहे हैं। जिससे कहीं न कहीं भारतीय जनता पार्टी की साख पर बट्टा लग रहा है। यदि इसी तरह से भाजपा के विधायक प्रशासनिक व्यवस्था में लगे अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ बर्ताव करेगें तो फिर सुशासन कैसे स्थापित होगा। सिरमौर जनपद सीईओ पर जानलेवा हमला होने की घटना सामने आने के बाद से लगातार फेसबुक, वाटशॉप, टय़ूटर सहित सोशल मीडिया में भाजपा के दंबंग विधायक केपी त्रिपाठी की करतूत वॉयरल हो रही है। हर बुद्धिजीवी वर्ग सेमरिया विधायक की कार्रशैली से नाखुश होकर उनके खिलाफ कार्रवाई की बात कह रहा है। सेमारिया विधायक इसके पहले भी अपनी विवादित कार्रशैली के कारण सुर्खियां बटोर चुके हैं। सेमरिया विधानसभा की सीमा में आने वाले ग्रामीण इलाकों में भले ही जनता को सुविधाएं न मिली हों पर सेमरिया विधायक की गुंडई देखने को जरूर मिली है।
सोशल मीडिया में निशाने पर सेमरिया विधायक
स्वतंत्र मीडिया कि यदि हमआज के दौर में बात करें तो इलेक्ट्रानिक और प्रिन्ट मीडिया जनता के बीच विश्वास खो चुके हैं। सोशल मीडिया जरूर सेमरिया विधानसभा क्षेत्र जैसी घटनाओं को प्रमुखता से वॉयरल करते हुए अंजाम तक पहुचा रहा है। विंध्य सहित देश के कई हिस्सों में बहुत सी ऐसी घटनाएं हुई हैं। जो सोशल मीडिया में वॉयरल होने के उपरांत ही मंजिल तक पहुंच पाई हैं। मंगलवार को सेमरिया विधायक के कारनामें से जुड़ी घटना सामने आने के उपरांत से सोशल मीडिया में यह पूरा मामला तेजी से वायरल होने लगा। कई यूटूयूब चैंनलों में सेमरिया विधायक केपी त्रिपाठी की गुंडागर्दी पर आधारित खबरें चलने लगीं। हर कोई विधायक के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहा है। सबका यही कहना है कि जिस तरह की करतूत बेकाबू हो चुके सेमरिया विधायक ने पेश की है। उसे देखते हुए मुख्य मंत्री शिवराज सिंह चौहान को तत्काल संज्ञान लेेेते हुए सेमरिया विधायक के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। यदि इस तरह के मामलेां में भी मुख्यमंत्री और भाजपा सरकार अपने विधायकों का बचाव करने लगेगी तो नि:संदेह जनपमानस के बीच गलत संदेश जायेगा। और जिसका असर कहीं ने कहीं आगामी विधानसभा चुनाव 2003 में परिणामों को प्रभावित करेगा क्यों कि किसी भी क्षेत्र की जनता गुंडागर्दी करने वाले व्यक्ति को अपना जनप्रतिनिधि नहीं बनायेगी। ऐसी स्थिति में नुकसान भाजपा सरकार का होगा।
तथाकथित विकास पुरूष के चहेते हैं सेमरिया विधायक
विंध्य प्रदेश ने वर्ष 2018 में भाजपा को सबसे बड़ी जीत का तोहफा देने का काम किया था। रीवा जिले की आठ विधानसभा सीटों के साथ-साथ विंध्य क्षेत्र में भी भाजपा ने सीट जीतने का रिकार्ड बनाया। इस क्षेत्र के तथाकथित विकास पुरूष यानी पूर्व मंत्री और रीवा विधायक राजेन्द्र शुक्ला के चहेते कहे जाने वाले सेमरिया विधायक केपी त्रिपाठी का कारनामा सामने आने के बाद जनमानस के बीच यह सवाल उठने लगें है कि स्वच्छ छबि वाले रीवा विधायक को इस मामले में उचित कार्रवाई कराने का प्रयास करना चाहिए। यदि पूर्व मंत्री ऐसा करते हैं जिसकी उम्मीद न के बराबर है, तो आम जनता के बीच यह मैसेज जायेगा कि बेलगाम विधायक के खिलाफ भाजपा सरकार उसके जनप्रतिनिधियों ने उचित कदम उठाया है। रीवा जिले में भले ही आठ विधायक भाजपा के हैं पर सबसे करीबी होने का सौभाग्य सेमरिया विधायक केपी त्रिपाठी को मिला है। कहीं न कहीं पूर्व मंत्री राजेन्द्र शुक्ल का हांथ सिर पर होने के कारण सेमरिया विधायक केपी त्रिपाठी अपने आपको सुप्रीमों समझने की गलती करने लगे हैं। इसके पहले भी जब सेमरिया विधायक अपने कारनामो ंको लेकर सुर्खि्रयों में रहें हैं तब भी पूर्व मंत्री राजेन्द्र शुक्ल का आशीर्वाद उन्हें बराबर बचाता रहा है।
तो क्या सीईओ के लिए आवाज उठायेगी अफसरों की लॉबी
मंगलवार को जिस तरह से रीवा जिले के सिरमौर जनपद सीईओ को सेमरिया विधायक केपी त्रिपाठी ने निशाने पर लेते हुए अस्पताल तक पहुचाने का काम किया है। ऐसे में क्या इंसाफ दिलाने के लिए सिरमौर जनपद सीईओ के साथ मध्यप्रदेश में मौजूद प्रशासनिक व्यवस्था में लगी अफसरों की लॉबी आवाज उठा पायेगी। तमाम अधिकारियों और कर्मचारियों पर यह याद रखना चाहिए कि यदि आज उन्होंने आवाज नहीं उठाई तो सिरमौर जनपद सीईओ जैसी घटना का सामना कल किसी और अधिकारी को करना पड़ेगा। जिस तरह से सेमरिया विधायक केपी त्रिपाठी ने पहले मोबाईल पर सीईओ धमकाने के बाद उनपर हमला कराने का कारनामा किया है। उससे कहीं न कहीं अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए खतरनाक स्थिति निर्मित हो रहीं है। यदि आज मध्यप्रदेश के प्रशासनिक व्यवस्था में लगे अधिकारियों और कर्मचारियों की लाबी ने सिरमौर सीईओ का साथ देने के लिए आवाज नहीं उठाई तो सेमरिया विधायक तरह मध्यप्रदेश में भाजपा के और विधायक भी बेलगाम होकर अधिकारियों के खिलाफ गुंडागर्दी करने लगेंगें ऐसी स्थिति में अधिकारी और कर्मचारी का नौकरी का दुस्बार हो जायेगा। ऐसा माना जा रहा है कि रीवा जिले की इस घटना को लेकर अधिकारियों और कर्मचारियों ने एकजुट होते हुए यदि अपनी आवाज बुलंद कर दी तो भाजपा सरकार को सेमरिया विधायक के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए मजबूल होना पड़ेगा। यदि मध्यप्रदेश को बिहार नहीं बनने देना है तो प्रशासनिक व्यवस्था में लगे अधिकारियों और कर्मचारियों को एकजुट होकर कार्रवाई के लिए सरकार के सामने आवाज बुलंद करनी होगी।