रीवा लोकायुक्त ने कार्यवाही कर दो अलग अलग स्थानों बरही एवम अमरपुर में की है
शेरा मिश्रा पत्रकार विजयराघवगढ़
बताया जाता है कि ग्राम बचहा निवासी वेद प्रकाश जायसवाल अपनी पुस्तैनी जमीन के सीमांकन के लिए राजस्व अधिकारी आरआई गरीब दास खय्याम एवम पटवारी अनिल पाठक को क़ई बार कहा,परन्तु सीमांकन नही हो पाया,जिसके बाद अपने ही गांव बचहा निवासी दलाल राकेश जायसवाल से पूरी व्यथा सुनाई,जिस पर राकेश जायसवाल ने 7 हजार की मोटी रकम के एवज में सीमांकन हो जाने आशान्वित किया था,उसी तारतम्य में जब रिश्वत की रकम दी गई तभी लोकायुक्त रीवा के डी एस पी प्रवीण सिंह परिहार और टीआई जिया उल हक एस आई आकांक्षा पांडे व अन्य स्टाफ के सहयोग से आर आई गरीब दास खय्याम, पटवारी अनिल पाठक और ग्राम बचहा निवासी दलाल को रंगे हाथों दर दबोचा
विजयराघवगढ़ :- राजस्व विभाग बडी बडी बाते कर्ता है किन्तु कितना हरिश्चंद्र है यह आखिरकार खुल ही जाता है। राजस्व अधिकारी किस कदर हराम की कमाई से परिवार चला रहे है इस प्रमाण समय समय पर मिलता ही रहता है। जब जब लोकायुक्त की टीम ने रंगे हाथो पकडा तो राजस्व की इमानदारी धरी की धरी रह जाती है। एक दो के चहरो से नकाब उठाना कोई बडी बात नही है इस जमात मे लगभग सभी इसी तरह के पटवारी है जो गरीबों का खून चुस कर अपना पेट भर रहे हैं। बरही पटवारी जेपी सिंह के विषय मे कौन नही जानता था किन्तु बदनामी आज हाथ लगी अभी तक यह खुद को अत्यधिक इमानदार और बुद्धिजीवी पटवारी मानते रहे। हराम की खाने वाले को हराम खोर ही कहा जाता है। जो अपने पद और कुर्सी की मर्यादा को बेचखाया शासन द्वारा मिलने वाली बेतन कम पड रही थी हालांकि इस दौर मे होना कुछ नही है कुछ दिनो के लिए सस्पेंड कर फिर बहाल कर दिया जाएगा गरीबों को नोचने के लिए भ्रष्टाचारी पटवारी ही नही पूरा सिस्टम हो गया है यही कारण है की एक की चोरी दुसरा छुपाता है वह तो लोकायुक्त है जो हर किसी के चहरो से नकाब उठा देती है वर्ना जिले के अधिकारियों के बलबूते तो अपनी कुर्सी भी साफ नही होती यह जिले का भ्रष्टाचार कैसे साफ करेगे। आज जिले मे सैकडों ऎसे लोग है जो पटवारी की पोल खुलने और कार्यवाही होने को लेकर जश्न मना रहे होगे जिनसे इस भ्रष्टाचारी ने दलाली खाई होगी। कोई पूजा कर के गरीबों को लुटे और यह समझे की मै भगवान का सेवक हू मुझे कुछ नही होगा तो यह उसकी नादानी होगी उपर वाले की लाठी मे आवाज कहा होती है उनका न्याय देर से ही सही मिलता सबको है। खैर इस दलाल का चिट्ठा तो आज लोकायुक्त ने खोल ही दिया देखना यह है की यह पुनः कब गरीबों को नोचने वापस आ रहे हैं।