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Saturday, June 21, 2025

सहजपुर में आयोजित संगोष्ठी में जैविक खेती अपनाने वाले किसानों का पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री ने किया सम्मान

देश का मूल है जैविक और प्राकृतिक खेती – मंत्री श्री पटेल

जबलपुर

प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा श्रम मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल के मुख्य आतिथ्य में आज गुरुवार को सहजपुर स्थित होटल तक्ष में जैविक एवं प्राकृतिक खेती पर क्षेत्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

क्षेत्रीय जैविक एवं प्राकृतिक खेती केंद्र द्वारा आयोजित इस संगोष्ठी में किसानों को जैविक एवं प्राकृतिक खेती से जुड़े विभिन्न पहलुओं की विस्तृत जानकारी दी गई। संगोष्ठी में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री पटेल ने जैविक एवं प्राकृतिक खेती अपना रहे किसानों का सम्मान भी किया।

संगोष्ठी का शुभारंभ पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री पटेल द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस अवसर पर अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि जैविक और प्राकृतिक खेती भारत का मूल है, जिसे एक बार फिर स्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत को कृषि प्रधान कहा गया है। इस देश की परंपरा ऋषि प्रधान रही है और कृषि को तपस्या के समान माना गया है। श्री पटेल ने कहा कि शुद्धि और संयम की जीवन शैली को अपनाते हुये देश के किसानों के हमेशा से प्रयास रहे हैं कि उपार्जन से प्रकृति को किसी प्रकार का नुकसान न हो, भूमि की उर्वरा शक्ति बची रहे, अनाज की गुणवत्ता में कोई फर्क न पड़े और इससे हम जो कुछ भी बनाकर खायें वह मानव स्वास्थ्य के लिये उत्तम हो।

मंत्री श्री पटेल ने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया को भूख से बचाने के लिए श्रीअन्न की तरफ बढ़ने की बात कही है। श्रीअन्न नागरिकों को भरोसा देता है कि हमारी जीवन शैली कितनी उच्च कोटि की थी। उन्होंने श्रीअन्न के महत्व के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि एक किलोग्राम मोटे अनाज के उत्पादन के लिए सिर्फ एक लीटर पानी की आवश्यकता होती है, जबकि एक किलोग्राम आटा और धान क्रमशः 28 और 37 लीटर पानी की खपत के बाद निर्यात किया जाता है। मंत्री श्री पटेल ने देश की बढ़ती आबादी के बीच अन्न का उत्पादन और उसकी गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए जैविक खेती को आवश्यक बताया।

संबोधन के दौरान मंत्री श्री पटेल ने संसद में अपने गौरक्षा के संकल्प को भी याद किया। उन्होंने कहा भूमि की घटती हुई उर्वरा शक्ति को बचाने के लिए देशी गाय के गोबर की उपयोगिता महत्वपूर्ण है। मंत्री श्री पटेल ने प्रमाणीकरण के विभिन्न स्तरों को भरोसे का संकट बताते हुए कहा कि निर्यात के लिए बाहरी देशों के मानकों की स्वीकार्यता हो सकती है पर देश में किसानों की ईमानदारी और उनकी तपस्या से परे किसी प्रमाणीकरण की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए।

मंत्री श्री पटेल ने कहा कि पशुधन के बिना जैविक और प्राकृतिक खेती करना असंभव है। मंत्री श्री पटेल ने तुलनात्मक व्याख्या कर गाय के गोबर के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि गौवंश को आर्थिक लाभ से परे परिवार की सुख और शांति के लिए लाभकारी बताया। इस अवसर पर मंत्री श्री पटेल ने जैविक एवं प्राकृतिक खेती की चुनौतियों पर भी विस्तृत जानकारी दी।

संगोष्ठी में क्षेत्रीय जैविक एवं प्राकृतिक खेती केंद्र के क्षेत्रीय निदेशक डॉ अजय सिंह राजपूत, एनसीओएनएफ गाजियाबाद के सेवानिवृत्त डिप्टी डायरेक्टर डॉ एम के पालीवाल, तारा चंद बेल, सुजीत धगट, राघवेंद्र पटेल एवं अभय सिंह सहित बड़ी संख्या में किसान उपस्थित रहे। मंच संचालन डॉ प्रियंका मेहता ने किया।

सुंदरलाल बर्मनhttps://majholidarpan.com/
Sundar Lal barman (41 years) is the editor of MajholiDarpan.com. He has approximately 10 years of experience in the publishing and newspaper business and has been a part of the organization for the same number of years. He is responsible for our long-term vision and monitoring our Company’s performance and devising the overall business plans. Under his Dynamic leadership with a clear future vision, the company has progressed to become one of Hindi e-newspaper , with Jabalpur district.

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